प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
अरुणिमा सिन्हा ... यह नाम याद है आपको ... शायद नहीं होगा ... पर आज जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ उसके बाद यह नाम आप कभी नहीं भूलेंगे !
माहिर वॉलीबॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा की ज़िन्दगी तब बिलकुल अंधेरे मे डूब गई जब 12 अप्रैल 2011 को लखनऊ से दिल्ली आते हुये किसी ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था और इस हादसे में उसने अपना बांया पैर गवां दिया था। बाद में उसे कृतिम पैर लगाया गया। पर हादसे से उसके हौसले कमजोर नहीं हुए।
जब वह 4 महीने एम्स में बिस्तर पर थी तभी उसने फैसला किया था कि वह एक दिन एवेस्ट फतह करेगी। अपने पैरों पर खड़े होने के बाद उसने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन में एवरेस्ट फतह करने वाली बिछेंद्री पाल से ट्रेनिंग ली। और फिर लद्दाख की एक 21 हजार फीट ऊंची चोटी पर अपने हौसले के दम पर विजय प्राप्त कर तिरंगा फहरा दिया |
और अब अरुणिमा ने आखिरकार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर ही लिया है और इसी के साथ कृतिम पैर के साथ एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई हैं।
इस मे कोई दो राय नहीं कि अरुणिमा सिन्हा ने आज देश का सर शान से ऊंचा कर दिया हैं और देश की सभी महिलाओ के लिए प्रेरणास्रोत बनी है ! ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से हम अरुणिमा के इस जज़्बे और हौसले को सलाम करते है !
सादर आपका
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मजरुह सुल्तानपुरी
आज पुण्य तिथि है इनकी --------- मजरुह सुल्तानपुरी चाक-ए-जिगर मुहताज-ए-रफ़ू है आज तो दामन सिर्फ़ लहू है एक मौसम था हम को रहा है शौक़-ए-बहाराँ तुमसे ज़ियादा || * ''एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल , जग में रह जाएगा प्यारे तेरे बोल ''* एक ऐसा हकीम जो आगे चलाकर अपनी कलम के जरिये पूरी दुनिया में अपना एक मुकाम हासिल किया | वो अजीमो शक्सियत थे मजरुह सुल्तानपुरी पूरी साहब | उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर शहर में एक अक्तूबर 1919 को इसरार हसन खा उर्फ़ मजरुह सुल्तानपुरी के पिता सिराजुल हक़ खा साहब के यहाँ ऐसी अजीमो शक्सियत ने जन्म लिया जो आगे चलकर पूरी दुनिया की आवाज बना | मजरुह के पि... more »
लिखते रहना हमेशा...
ये शब्दों से खेलने की जगह नहीं है, बस तुम्हारे सपने, तुम्हारी खुशियाँ, तुम्हारी उलझन को तुम्हारे अन्दर से बाहर निकालने की कोशिश है... सच कहूं, तो तुम कैसा लिखती हो इसकी परवाह कभी मत करना... बस लिखते रहना... किसी और के लिए नहीं तो बस सिर्फ अपने लिए, अपनी ख़ुशी के लिए.... खुद को पढने के लिए... पता नहीं मैं और मेरे शब्द ज़िन्दगी के किस मोड़ तक तुम्हारे साथ रह पायेंगे, लेकिन तुम्हारे अपने शब्दों में बुने ये अनमोल पल हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे, जिन्हें खुद तुम अपनी सोच के साथ आज़ाद कर दोगी... इन सादे पन्नो पर अपनी हर उस ख़ामोशी को शोर करने देना जो तुम्हें परेशान करती है... हर वो ... more »
आज भारत है लज्जित.....
महान कविगुरु रविन्द्र नाथ ठाकुर द्वारा रचित ये कविता कितना सटीक प्रतीत हो ता है .......... आज भारत है लज्जित हीनता से सुसज्जित न वो पौरुष न विचार न वो तप न सदाचार अंतर -बाह्य ,धर्मं -कर्म सभी ब्रह्म विवर्जित हे रूद्र !!!! धिक्कृत लांछित इस पृथ्वी पर सहसा करो बज्राघात हो जाये सब धूलिसात पर्वत-प्रांतर- नगर-गाँव जागे लेकर आपका नाम पुण्य-वीर्य-अभय-अमृत से धरा पल में हो सुसज्जित ॥ আজি এ ভারত লজ্জিত হে, হীনতাপঙ্কে মজ্জিত হে নাহি পৌরুষ, নাহি বিচারণা, কঠিন তপস্যা, সত্যসাধনা- অন্তরে বাহিরে ধর্মে কর্মে সকলই ব্রহ্মবিবর্জিত হে ।। ধিককৃত লাঞ্ছিত পৃথ্বী'পরে, more »
मित्र नीम-
मित्र नीम- तुम्हें कड़वा क्योंकहा जाता है.... तुम्हें तो सदामीठी यादों सेही जुड़ा पाया... बचपन के वेदिन जब गर्मियों की छुट्टियोंमें कच्ची मिटटी की गोदमें - तुम्हारी ममता बरसातीछाँव में , कभी कोयल कीकुहुक से कुहुकमिला उसे चिढ़ाते- कभी खटिया की अर्द्वाइनढीली कर बारी बारी सेझूला झुलाते और रोज़ सज़ापाते कच्ची अमिया की फाँकोंमें नमक मिर्चलगा इंतज़ार में गिट्टेखेलते - और रिसती खटास कोचटखारे ले खाते.... भूतों की कहानियाँ...हमेशा तुमसे जुड़ी रहतीं एक डर..एककौतुहल ..एक रोमांच- हमेशा तुम्हारे इर्द गिर्दमंडराता और हम... अँधेरे में आँखेंगढ़ा कुछ डरे... कुछ सहमे तुम्हारे आसपास घुंघरुओ... more »
शौर्य क्या है ???
शौर्य क्या है? थरथराती इस धरती को रौंदती फ़ौजियों की एक पलटन का शोर, या सहमे से आसमान को चीरता हुआ बंदूकों की सलामी का शोर। शौर्य क्या है? हरी वर्दी पर चमकते हुए चंद पीतल के सितारे, या सरहद का नाम देकर अनदेखी कुछ लकीरों की नुमाइश। शौर्य क्या है? दूर उड़ते खामोश परिंदे को गोलियों से भून देने का एहसास, या शोलों की बरसात से पल भर में एक शहर को शमशान बना देने का एहसास। शौर्य, बहती बियास में किसी के गर्म खून का हौले से सुर्ख हो जाना, या अनजानी किसी जन्नत की फ़िराक में पल पल का दोज़ख बनते जाना, बारूदों से धुंधलाए इस आसमान में शौर्य क्या है? वादियों में गूंजते किसी गाँव के मा... more »
बादल तू जल्दी आना रे!
ऐ ! पावस का पहला बादलतू जल्दी आना रे ,आग में झुलसती धरती कोतू शीतल कर जा रे। धधकती आग रवि का तू अपना आब से बुझा जा रे ,प्यासी धरती की प्यास कोशीतल जल से बुझा जा रे। रिमझिम रिमझिम बरसना तुमटूटकर ना बरसना रे ,जाग उठेगा सुप्त-मुमूर्ष तृणमूलतेरा अमृत पय पीकर वे ,त्राहि त्राहि पुकारते प्राणी को तुमरक्षा करो रवि के प्रहार से ,बना दो एक बार फिर दुल्हन धरती को श्रृंगार करो हरे गहनों से। स्वागत में तुम्हारे पीक नाचेंगे वन उपवन मेंबच्चे नाचेंगे खेत खलियानों में,खेतिहर झूम उठेंगे असीमित ख़ुशी में हल जोतेंगे खेतो में।जीव जगत की जान हो तुमसबकी जान बसी है तुम में,प्यासी धरती more »
सच्चे फांसी चढ़दे वेक्खे - कहानी
दुकानदार - इस राजनेता की आत्मकथा में 25% सच है और 25% झूठ ... ग्राहक - और बाकी 50 प्रतिशत? दुकानदार - जी, 50% की छूट बैंक में हड़बड़ी मची हुई थी। संसद में सवाल उठ गए थे। मामा-भांजावाद के जमाने में नेताओं पर आरोप लगाना तो कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार आरोप ऐसे वित्तमंत्री पर लगा था जो अपनी शफ़्फाक वेषभूषा के कारण मिस्टर "आलमोस्ट" क्लीन कहलाता था। आलमोस्ट शब्द कुछ मतकटे पत्रकारों ने जोड़ा था जिनकी छुट्टी के निर्देश उनके अखबार के मालिकों को पहुँच चुके थे। बाकी सारा देश मिस्टर शफ़्फाक की सुपर रिन सफेदी की चमकार बचाने में जुट गया था। सरकारी बैंक था सो सामाजिक more »
क्रोध में इन बातों का रखें ख्याल
क्रोध में इन बातों का रखें ख्याल,क्रोध को नकारात्मक भाव समझा जाता है। क्रोध के समय नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होकर कई बार महत्वपूर्ण रिश्तों में भी जीवन भर के लिए दरार डाल देती हैं। क्रोध मूर्खता से शुरू होता है और पश्चाताप पर खत्म होता है। फिर भी कई लोग क्रोध से खुद को दूर नहीं रख पाते। यदि वे क्रोध को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो उसे रचनात्मक बनाकर इससे होने वाली बीमारियों और नुकसान से अवश्य बच सकते हैं। जब किसी व्यक्ति पर क्रोध आने लगे, तो उसी क्षण अपनी आंखें बंद करके उस व्यक्ति की हास्यास्पद तस्वीर मन में बना लें या किसी चुटकुले का पात्र उस व्यक्ति को बना दें। इसी तरह अपने साथ ह... more »
...बस संजो लिया ...................."
*कहीं पर लिखा हुआ पड़ा था । पढ़ा , सच सा लगा , संजोने का मन किया तो ब्लॉग पोस्ट बना दिया । *
गौत्र प्रणाली :आनुवंशिक विज्ञान | Hindu Gotra System: Genetics Science
*इस लेख के माध्यम से हम उन लोगों के मुख पर तमाचे जड़ेंगे जो **गौत्र प्रणाली को बकवास कहते है । * *गौत्र शब्द का अर्थ होता है वंश/कुल (lineage)। * ** गोत्र प्रणाली का मुख्या उद्देश्य किसी व्यक्ति को उसके मूल प्राचीनतम व्यक्ति से जोड़ना है उदहारण के लिए यदि को व्यक्ति कहे की उसका गोत्र भरद्वाज है तो इसका अभिप्राय यह है की उसकी पीडी वैदिक ऋषि भरद्वाज से प्रारंभ होती है या ऐसा समझ लीजिये की वह व्यक्ति ऋषि भरद्वाज की पीढ़ी में जन्मा है । इस प्रकार गोत्र एक व्यक्ति के पुरुष वंश में मूल प्राचीनतम व्यक्ति को दर्शाता है. *The Gotra is a system which associates a person with his most ancient ... more »
अनमोल पल ~~~~~ अनमोल रत्न
Mrigank Nandan जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई जुग-जुग जियो कयामत तक कामयाब रहो हार्दिक शुभकामनायें तुम्हें मिलें इतनी मुश्किलें कि जो तुम्हें बेहद मजबूत बना दें तुम्हें मिलें इतने दुख कि तुम इंसान बने रहो तुम्हें मिलें इतने सपने कि तुम्हारी उम्मीदें बनी रहें तुम्हें मिलें इतनी खुशियां कि तुममें मिठास बनी रहे तुम्हें मिले कमजोर याददाश्त कि तुम बीते बुरे वक्त को भुला सको और तुम्हें मिलें इतने जोश ओ जुनून कि भविष्य में आगे बढ़ते जाओ तुम्हारे हाथ हमेशा आगे बढ़े किसी से दोस्ती के लिए किसी की मदद के लिए किसी को more »
अपनी गलती कब मानत है|
दुर्मिल सवैया लिखने का प्रथम प्रयास ..... हर बार लरै तकरार करै अपनी गलती कब मानत है| छिन में छिन जात जिया छलिया छलके सगरे गुर जानत है| नहिं लाज हया उनको तनि नैन कटारि हिया पर मारत है| सखि ऐसन ढीठ पिया पर क्यों तन मुग्ध हुआ हिय हारत है|
क्यूँ
आगाज़ खामोश अंजाम खामोश सफ़र खामोश साथ खामोश फिर शोर क्यूँ??? दफ्न होने में
दोस्ती
*कभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ.. इस आस में बीती उम्र कोई हमे अपना कहे . अब आज के इस दौर में ये दिल भी बेगाना हुआ जिस रोज से देखा उन्हें मिलने लगी मेरी नजर आखो से मय पीने लगे मानो की मयखाना हुआ इस कदर अन्जान हैं हम आज अपने हाल से हमसे मिलकरके बोला आइना ये शख्श बेगाना हुआ ढल नहीं जाते हैं लब्ज यूँ ही रचना में कभी कभी ग़ज़ल उनसे मिल गयी कभी गीत का पाना हुआ प्रस्तुति: मदन मोहन सक्सेना*
प्रमुख यौगिक एवं उनके रासायनिक नाम
*यौगिक*** *रासायनिक नाम*** *सूत्र** *** बेकिंग पाउडर सोडियम बाइकार्बोनेट NaHCO3 ब्लीचिंग पाउडर कैल्शियम हाइपोक्लोराइट Ca(OCL)2 कास्टिक सोडा सोडियम हाइड्राक्साइड NaOH क्लोरोफार्म ट्राइक्लोरोमीथेन CHCl3 साधारण नमक सोडियम क्लोराइड NaCl जिप्सम कैल्शियम सल्फेट CaSO4.2H2O हाइड्रोजन परआक्साइड हाइड्रोजन परआक्साइड H2O2 हाइपो सोडियम थायोसल्फेट NaS2O3.5H2O लाफिंग गैस नाइट्रस ऑक्साइड N2O लाइम वाटर (चूने का पानी) कैल्शियम हाइड्राक्साइड Ca(OH)2 बुझा हुआ चूना (क्विक लाइम) कैल्शियम ऑक्साइड CaO चूना पत्थर (लाइम स्टोन) कैल्शियम कार्बोनेट CaCO3 प्लास्टर ऑफ पेरिस कैल्शियम सल्फेट 2CaSO4.H2O ... more »
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
dil se salam... !!!
जवाब देंहटाएंजज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं , अरुणिमा इसकी जीती जागती मिसाल है.
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन.
जय हिन्द .... बहुत बेहतरीन लिनक्स |
जवाब देंहटाएंअरुणिमा के जज़्बे और हौसले को सलाम करते है
जवाब देंहटाएंऔर आपको धन्यवाद और आभार
हार्दिक शुभकामनायें
सीखने के लिए कितने जज्बे सामने हैं ..........
जवाब देंहटाएंअरुणिमा मिसाल बनी...उसके जज्बे को सलाम!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर जज़्बा,बढ़िया लिंक्स ,सार्थक बुलेटिन.
जवाब देंहटाएंशिवम जी,अरुणिमा जी का नाम तो दुनियाँ भर में प्रसिद्ध है,आपने विस्तार से इसका वर्णन किया इसके लिए आपका आभार। सुन्दर लिंकों से सजी है आज की बुलेटिन मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसच!!! क्या जज़्बा है अरुणिमा का....
जवाब देंहटाएंउनके आगे हम खुद को अपाहिज महसूस करते हैं.
बढ़िया बुलेटिन शिवम्..
लिंक्स भी बढ़िया.
सस्नेह
अनु
अच्छे लिंक्स बहुत धन्यवाद शिवम जी।।।
जवाब देंहटाएंअरूणिमा सिन्हा को सलाम।
जवाब देंहटाएंकमजोर होती याददाश्त को आपने ताजा किया।
अच्छे लिंक दिख रहे हैं। आज फुर्सत है..लगता है पढ़ने का मौका मिलेगा।..आभार।
आप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंअरुणिमा ने देश का नाम रोशन क्या है। ऐसे व्यक्तियों से सभी को प्रेरणा मिलती है।
जवाब देंहटाएंसाहस और जीवटता को नमन।
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार .... बहुत ही प्रभावपूर्ण प्रस्तुति एवं लिंक संयोजन!
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