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बुधवार, 1 मई 2013

मज़दूर दिवस ज़िन्दाबाद

प्रणाम मित्रों, 
आज एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है | प्रस्तुत है मजदूर दिवस पर एक कविता :



आज एक मई है, दुनिया 
मजदूर दिवस मना रही है 
कोई उनसे जाकर भी पूछे 
बेचारी मज़दूर की कौम, क्या 
इस दिन से कुछ पा रही है ?
एक दिन मनाने से, क्या
भूखे पेट का आग
बुझ पा रही है ?
आज भी वही
बाजरे की रोटी,
लस्सन की चटनी,
और सूखी प्याज़ 
थल्ली में परसी जा रही है 
क्या अपनी आब में ये 
कोई इजाफा पा रहे हैं ?
अपने बच्चों के भविष्य 
के लिए जगह जगह 
हाथ फैला रहे हैं 
हर पल हक़-इन्साफ
पाने को पिसते-तरसते
जा रहे हैं 
सुना था कभी कहीं पर 
इनको घर दिए जा रहे हैं 
चोरों की कॉम सरकारी 
अब रास्ते समझा रहे हैं 
जिनको देखो, वो ही  
लाला, पीले, नीले 
सलाम ठोके जा रहे हैं 
खा-पी हाथ चटका कर 
बस आगे चले जा रहे हैं 
मज़दूर 'कॉमरेड' बतला
शोषण किये जा रहे हैं 
झूठे वादे, झूठी आस 
झूठे सब्ज़बाग दिखा 
उल्लू पर उल्लू 
बना रहे हैं 
बस औपचारिकता 
के चलते 
मज़दूरों की खातिर
मज़दूरों से ही 
मज़दूर दिवस को 
मज़दूरी करवा रहे हैं

आज की कड़ियाँ 

मज़दूर दिवस - ब्रिजेश नीरज

बाल श्रमिक - आशा सक्सेना

आज मज़दूर दिवस है - अरुण चन्द्र रॉय

नहीं खुद को बसा पाये, सभी का घर बनाते हैं - अरुण कुमार निगम

नींव और मजदूर - यशवंत माथुर

श्रमकर पत्थर की शय्या पर - मनोज कुमार

श्रमिकों के अधिकारों की पैरवी करता मई दिवस - ऋता शेखर 'मधु'

झूठ /आदर्श - रमाकांत सिंह

भट्ठा मजदूर - अंजू चौधरी

कहाँ खड़ा है आज का मजदूर? - ज्योति खरे

देश का आधार - अरुणा


उम्मीद है आज का बुलेटिन पसंद आएगा । धन्यवाद् 
तुषार राज रस्तोगी 

जय बजरंगबली महाराज | हर हर महादेव शंभू  | जय श्री राम 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्‍छी जानकारी है
    हिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये क़पया एक बार अवश्य देंखें
    MY BIG GUIDE

    जवाब देंहटाएं
  2. दिन बदलेगें, बादल खुशियाँ ले आयेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  3. जानकारीपूर्ण बुलेटिन...आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  4. मजदूर दिवस पर ब्लॉग बुलेटिन की समूची टीम को शुभकामनायें
    बेहद सार्थक लिंक्स सहेजे गये हैं----
    सभी रचनाकारों को बधाई
    शानदार संयोजन की बधाई तुषार भाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. "जिस दिन मासूमों को मजदूर बनने से बचा लेना ... मेरे दोस्त जी भर मजदूर दिवस के गीत गा लेना !!"

    बढ़िया बुलेटिन !

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  6. सच्ची आक्रोशित पंक्तियाँ .......बहुत खूब .......
    आज का बुलेटिन शानदार .............
    मेरी रचना को देने हेतु धन्यवाद शिवम् जी

    जवाब देंहटाएं
  7. हर दिवस की विशिष्‍टता,
    यह शिष्‍ट समाज
    एक दिन के लिए याद रखता है
    दिवस की तो बस शाम होती है,
    उसके बाद वह सो जाता है
    कुंभकर्णी नींद से दो गुना
    अगले बरस तक के लिए
    गुमनामी की चादर ओढ़कर
    .... आपका यह प्रयास सराहनीय है
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर बुलेटिन! बहुत अच्छे लिंक्स संजोए आपने!
    मजदूर दिवस पर श्रमिकों के श्रम को नमन!
    इस अंक में मुझे स्थान देने के लिए आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  9. मजदूर दिवस पर विविध लिंक्स के संकलन ने कई तरह की जानकारियाँ प्रदान की.आपका परिश्रम स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है. मुझे भी सम्मिलित करने हेतु आभार....

    जवाब देंहटाएं

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