प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
प्रणाम !
आज के दिन की ४ बड़ी खबरें :-
१ ) चीन ने भारतीय सीमा मे अपना ५ वां कम्प लगाया ... इलाका चीनी घोषित !
२ ) पाकिस्तान मे सरबजीत सिंह ब्रेन डैड घोषित !
३ ) ८४ के दंगो मे हत्या के आरोपी कोंग्रेसी नेता सज्जन कुमार अदालत द्वारा पाक साफ घोषित !
और
४ ) ८४ के क़त्ल ए आम मे बहे खून के गहरे दाग पेट्रोल से साफ होंगे ... पेट्रोल ३ रुपये सस्ता घोषित !
सादर आपका
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कभी मुंतज़िर चश्में......
कभी मुंतज़िर चश्में ज़िगर हमराज़ था, कभी बेखबर कभी पुरज़ुनू ये मिजाज़ था, कभी गुफ़्तगू के हज़ूम तो, कभी खौफ़-ए-ज़द कभी बेज़ुबां, कभी जीत की आमद में मैं, कभी हार से मैं पस्त था. कभी शौख -ए-फ़ितरत का नशा, कभी शाम- ए-ज़श्न ख़ुमार था , कभी था हवा का ग़ुबार तो कभी हौसलों का पहाड़ था. कभी ज़ुल्मतों के शिक़स्त में ख़ामोशियों का शिकार था, कभी थी ख़लिश कभी रहमतें कभी हमसफ़र का क़रार था. कभी चश्म-ए-तर की गिरफ़्त में सरगोशियों का मलाल था, कभी लम्हा-ए-नायाब में मैं भर रहा परवाज़ था. कभी था उसूलों से घिरा मैं रिवायतों के अजाब में, कभी था मज़ा कभी बेमज़ा सूद-ओ- जिया के हिसाब में. मैं था बुलंदी प... more »
चंद शेर
लफ्ज़ पढना तो मेरी आदत है तेरा चेहरा किताब सा क्यों है ************************ वफा के बदले में मांगी जो मैने उनसे वफा कहा उन्होंने कि पत्थर पे गुल नही खिलते ******************************* रात देखी है पिघलती हुई जंजीर कोई मुझे बतायेगा इस ख्वाब की ताबीर कोई ******************************* ना जाने क्यूँ हर इम्तिहान के लिए जिन्दगी को हमारा पता याद है ****************************** अनजान शायर
After Google Reader
जब से गूगल रीडर के बंद होने कि सूचना गूगल ने दी है तब से कई लोग मुझसे पूछ चुके हैं कि इसका बेहतर विकल्प क्या हो सकता है? मैं खुद भी इस उलझन में था, क्योंकि अमूमन पिछले चार सालों से मैं गूगल रीडर के अलावा और कोई भी आरएसएस फीड रीडर प्रयोग में नहीं लाया था. फिर कुछ छानबीन के बाद मुझे ये चार रीडर कुछ अच्छे लगे : 1. http://www.watchthatpage.com/ 2. http://page2rss.com/ 3. http://www.changedetection.com/ 4. http://theoldreader.com/ मुझे गूगल रीडर का सर्वश्रेष्ठ विकल्प इनमें से सबसे आखरी वाला Theoldreader लगा, सो यहाँ सिर्फ उसकी ही बात करते हैं. 1. इसका इंटरफेस बिलकुल गूगल रीडर जैसा ही है, ... more »
श्रीनगर यात्रा भाग २ ..गुलमर्ग और पहलगाम की खूबसूरत वादियों में ....
श्रीनगर यात्रा भाग २ ..गुलमर्ग और पहलगाम की खूबसूरत वादियों में .... श्रीनगर होटल से निकलते हुए गुलमर्ग जब तक देखा नहीं था ..चित्रों में देखा हुआ सुन्दर होगा यही विचार था दिल में ..पर कोई जगह इत्तनी खूबसूरत हो सकती है ..यह वहां जा कर ही जाना जा सकता है ...........चित्र से कहीं अधिक सुन्दर ..कहीं अधिक मनमोहक ..और अपनी सुन्दरता से मूक कर देने वाला ........ गुलमर्ग के रास्ते पर ( चित्र पूर्वा भाटिया ) ....उफ्फ्फ कोई जगह इतनी सुन्दर ..जैसे ईश्वर ने खुद इसको बैठ के बनाया है ..कश्मीर का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है यह ... इसकी सुंदरता के कारण इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। यह देश... more »
कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?
मजदूर दिवस पर----- स्वतंत्र भारत के प्राकृतिक वातावरण में हम बेरोक टोक सांस ले रहे हैं, पर एक वर्ग ऐसा है, जिसकी साँसों में नियंत्रण है,ये वर्ग है हमारा "मजदूर"- "दुनियां के मजदूरों एक हो" का नारा पूरी दुनियां में विख्यात है,क्या केवल नारों तक सीमित है,मजदूर "कामरेड" और लाल सलाम जैसे शब्दों के बीच अरसे से घुला-मिला यह मजदूर.अपने आप को नहीं समझ पाया है कि वह क्या है.यह सच है कि जिस तेजी से जनतांत्रिक व्यवस्था वाले हमारे मुल्क में, मजदूरों के हितों का आन्दोलन चला उतनी ही तेजी से बिखर गया,मजदूरों के कंधों से क्रांति लाने वाले ... more »
नवनीत सिंह की कवितायें
नवनीत सिंह बिलकुल नए कवि हैं. जब उन्होंने इस इसरार के साथ कवितायें मेल कीं कि 'न पसंद आये तो भी प्रतिक्रिया दें' तो उनकी कविताओं को गौर से पढ़ना ज़रूरी लगा. इनमें अभी कच्चापन है, अनगढ़ता भी और शब्द स्फीति भी, लेकिन इन सबके साथ एक गहरी सम्बद्धता और रा एनर्जी है जो उनके भीतर की संभावना का पता देती है. भूमंडलोत्तर काल में युवा हुई पीढ़ी के अपने अनुभव हैं और उन्हें दर्ज़ कराने के लिए अपनी भाषा -अपनी शैली. वहां 'वृक्ष और टहनियों के दर्द' का एहसास भी है और 'धनुष-बाण के कारखाने बंद ' किये जाने का अनुभव भी. लोगों को पहचानने के उनके अपने नुस्खे हैं, जिनसे आप असहमत भले हों पर जिन्हें नज़रं... more »
सिंहपुरी के पास मित्र से वार्तालाप
दृश्य – हम घर से महाकाल अपनी बाईक पर जा रहे थे, गोपाल मंदिर से निकलते ही सिंहपुरी के पास हमारे एक पुराने मित्र मिल गये जो हमारे साथ एम.ए. संस्कृत में पढ़ते थे, अब पंडे हैं । मित्र – और देवता क्या हाल चाल हैं ? हम – ठीक हैं, आप बताओ कैसे क्या चल रिया है ? मित्र – बस भिया महाकाल की छाँव में गुजार रिये हैं. हम – अरे भिया असली जीवन के आनंद तो नी आप लूट रिये हो, अपन तो बस झक मार रिये हैं, इधर उधर दौड़ के, रोटी के चक्कर में निकले थे.. और चक्कर बढ़ता ही जा रिया है। मित्र – अरे देवता असली मजे तो जिंदगी के आप ले रिये हो, कने कहां कहां घूम रिये हो, बड़ी सिटी में रह रिये हो, और अपने को तो ऐसे ... more »
कार्टून :- बुढ़ापे में पेन्शन की उम्मीद में बैठे हो ?
मेरी बिटिया
तुझे बड़े भाग्य से पाया मैंने तुझे बड़े जतन से पाला मैंने तन मन मेरा महकाया तुमने जीवन फूल खिलाया तुमने तु मेरी कोमल छाया है मेरा ही रूप पाया तुमने जीवन तुम पर लुटाया मैंने हर झंझावत से बचाया तुम्हें घर आंगन महकाया तुमने इंद्रधनुषी रंग विखराया तूने हर को स्नेह की डोर में बांधा तुमने ... more »
मुंशी प्रेमचंद की अमर रचना दो बैलों की कथा
इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में पुरुषोत्तम पाण्डेय की कहानी "लातों का देव" का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी दो बैलों की कथा जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी "दो बैलों की कथा" का गद्य भारत डिस्कवरी पर उपलब्ध है। इस कथा का
तपती धरती पर एक बूँद गिरी हो जैसे
फेसबुक और ब्लॉग्गिंग के विषय में बहुत कुछ लिखा जाता रहा है कि लोग ब्लॉग्गिंग से फेसबुक की तरफ पलायन कर गए हैं ..और अब फेसबुक पर स्टेटस लिख कर ही संतुष्ट हो जाते हैं आदि आदि. पर मेरी यात्रा उलटी रही. फेसबुक पर मैंने 2006 में ही अकाउंट बनाया था जबकि ब्लॉगिंग ज्वाइन की 2009 में . पहले फेसबुक पर मेरी फ्रेंड्स लिस्ट में सिर्फ जाने-पहचाने मित्र और रिश्तेदार ही थे पर ब्लॉग्गिंग ज्वाइन करने के बाद काफी ब्लॉग दोस्त (कर्ट्सी शोभा डे ) भी फेसबुक पर मित्रों में शुमार हो गए . फिर भी मैं बहुत कम लोगों को ही add करती हूँ . बहुत ज्यादा सक्रिय भी नहीं हूँ..कि सबकी स्टेटस पढूं, कमेन्ट करूँ लिहाज... more »
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
धन्यवाद जी कि आपने कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित किया
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन..... आभार
जवाब देंहटाएंचार महत्वपूर्ण रपट,चार देश की घटनायें,चार विशेष खबर
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन का यही केंद्र है
वर्तमान की संवेदना से जुडी ख़बरों को शामिल किया है
साधुवाद
एक से बढ़कर एक लिंक्स को सहेजा है
सभी रचनाकारों को बधाई
संयोजन का आभार
मुझे सम्मलित करने का आभार
सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंदुखद खबरों को अच्छे लिंक्स से संतुलित करना भी एक कला है। शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंउद्वेलित करने वाली खबरें!! जबकि इसमें सर्वोच्च न्यायालय की आज की कारवाई का ज़िक्र नहीं है, कोयला आबंटन की सुनवाई पर!!
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स!!
links bahut achche hain......mujhe shamil karne ke liye dhanybad.
जवाब देंहटाएंbahut bahut shukriya ji ..shrinagar yatara ko is mein sthaan dene ke liye :)
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स ....आभार
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर ब्लॉग बुलेटिन शिवम् भाई जय हिन्द जय भारत.
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