प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
अपनी अद्भूत गणितीय क्षमता व ज्योतिष ज्ञान की बदौलत पूरी
दुनिया में चर्चित भारतीय गणितज्ञ शकुंतला देवी का रविवार की सुबह 83 वर्ष
की उम्र में यहां निधन हो गया। कुछ ही पलों में बड़ी से बड़ी संख्यात्मक
गणना कर देने के विलक्षण गुण के कारण उन्हें 'ह्यूमन कंप्यूटर' के नाम से
जाना जाता था।
वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थीं। उनके साथ लंबे समय तक रहीं कविता
मल्होत्रा ने मीडिया को बताया कि हृदय गति रुक जाने के कारण सुबह 8.15 बजे उनकी मौत
हुई। उन्हें तीन अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी किडनी 80
फीसद कमजोर हो गई थी। उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ थी लेकिन आइसीयू में
भी उनका दिमाग पूरी तरह काम कर रहा था। वह अस्पताल से जल्दी घर जाना चाहती
थीं। शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा ने कहा, आप विश्वास करें वह अंत तक पूरी
तरह ऊर्जावान थीं। उनके अंतिम संस्कार के समय उनके सैकड़ों प्रशंसक,
रिश्तेदार और मित्र मौजूद थे। वह 15 साल की उम्र में पिता के साथ लंदन चली
गई थीं और पिछली सदी के छठे दशक में भारत लौटीं थीं।
शकुन्तला देवी एक अजूबी गणतज्ञा थीं। आप का जन्म ४ नवम्बर १९३९ में बेंग्लूर,भारत
में हुआ था।उनके पिता सर्कस मे काम करते थे। उनमे जन्म से ही गणना करने में
पारंगत हासिल थी। वह ३ वर्ष की आयु से ही पत्तों का खेल अपने पिता के साथ
खेलतीं थी। छ: वर्ष कि आयु मे उन्होंने अपनी गणना करने कि व स्मरण शक्ति का
प्रदर्शन मैसूर विश्व्विद्दालय में किया था , जो कि उन्होने अन्नामलाइ विश्व्वविद्दालय
मे आठ वर्ष की आयु में दोहराया था। उन्होने १०१ अंको वाली संख्या का २३वाँ
मूल २३ सेकेण्ड मे ज्ञात कर लिया था। उन्होने 13 अंको वाली 2 संख्याओ का
गुणनफल जल्दी बता दिया था |
संगणक से तेज़ गणना करने के लिये शकुन्तला देवी का नाम ग़िनीज़ बुक ऑफ़ व्ह्रल्ड रिकॉर्डस में भी दर्ज है।
संगणक से तेज़ गणना करने के लिये शकुन्तला देवी का नाम ग़िनीज़ बुक ऑफ़ व्ह्रल्ड रिकॉर्डस में भी दर्ज है।
शकुंतला देवी के निधन से भारत ने अपना एक और जीनियस खो दिया !
पूरे हिन्दी ब्लॉग जगत और पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से हम सभी स्व॰ शकुंतला देवी को शत शत नमन करते है !
सादर आपका
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सजा कैसा हो ?
फ़िज़ूल है मन की बात कह देना
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येहूदा आमिखाई : यही फ़ितरत होती है दिल की
बादशाहत ...
पुराने नियम बदल डालो !!!!!!
माँ,बहन,बीवी,बेटी
रुनझुन -रुनझुन
बात एक अनकही सी
हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते ?
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
कुछ रचनाये पढ़ आये ,बहुत अच्छे सूत्र संजोये हैं ......
जवाब देंहटाएंशकुंतला जी को विनम्र नमन
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिनक्स आभार...
अच्छे लिनक्स हैं.
जवाब देंहटाएंस्व॰ शकुंतला देवी को शत शत नमन ......
जवाब देंहटाएंउन्हें नमन
जवाब देंहटाएंश्रधा सुमन अर्पित
shakuntala ji ke bare me sundar sarthak jankari dee hai aapne . आभार जिम्मेदारी से न भाग-जाग जनता जाग" .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-2
जवाब देंहटाएंशिवम् शर्मा जी सर्व प्रथम आपका आभार आपने मेरी रचना को इस योग्य समझा ...............कुछ फूल और कुछ शूल के साथ बहुत अच्छा गुलदस्ता बना है ....... ..पहली बार आई हूँ यहाँ .बहुत अच्छा लगा ................
जवाब देंहटाएंस्व॰ शकुंतला देवी जी को मेरा भी शत शत नमन ...
जवाब देंहटाएंशकुंतला देवी को भावभीनी श्रद्धांजलि ! उनके निधन से भारत ने वास्तव में अपना एक बहुमूल्य रत्न खो दिया है ! मेरे सुझावों को मुखर होने के लिये आपने यहाँ एक मंच दिया आभारी हूँ ! अन्य सभी लिंक्स भी बहुत अच्छे हैं !
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह सार्थक बुलेटिन ..!!
जवाब देंहटाएंशकुंतला देवी जैसी अद्भुत प्रतिभा को मेरा नमन ....!!
शकुंतला देवी जैसी विलक्षण प्रतिभा को नमन !!
जवाब देंहटाएं@अरुणा जी ,
जवाब देंहटाएंज़रा गौर करें ... शिवम शर्मा नहीं शिवम मिश्रा ... :)
स्व. शकुंतला जी को सादर नमन ....
जवाब देंहटाएंअनुपम लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
विलक्षण प्रतिभाशाली शकुंतला देवी जी को नमन बहुत सुन्दर लिंक्स संयोजित किये हैं शिवम जी..
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंश्रधा सुमन अर्पित
जवाब देंहटाएंआभार शिवम जी!
जवाब देंहटाएंमानव कम्प्यूटर को नमन..सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंshrddhaanjali ... saarthak post ...
जवाब देंहटाएंस्व॰ शकुंतला देवी जी को हमारा शत शत नमन ..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार ...
@अरुणा जी ,
जवाब देंहटाएंज़रा गौर करें ... शिवम शर्मा नहीं शिवम मिश्रा ... :)
क्षमा कीजिये शिवम् मिश्रा जी ...........