प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
लगातार अधिक से अधिक स्मार्टफोन अब माइक्रो सिम स्लॉट के साथ आ रहे हैं और कुछ ही ऑपरेटर माइक्रो सिम प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना उपयुक्त होगा कि अपना माइक्रो सिम खुद कैसे बनाएं।
हालिया समय में कई हाई एंड स्मार्टफोन जैसे एक्सपेरिया एस, एचटीसी वन एक्स, लूमिया 800 और एप्पल आईफोन 4 एस माइक्रो सिम स्लॉट के साथ लांच किए गए हैं। हालांकि कुछ ही सर्विस प्रोवाइडर जैसे एयरटेल, टाटा डोकोमो और एयरसेल ही माइक्रो सिम ऑफर कर रहे हैं और वह नियमित सिम की तुलना में अधिक कीमत पर।
शुक्र है कि आप अपने मौजूदा सिम कार्ड को काटकर इसे माइक्रो सिम में तब्दील कर सकते हैं। सुविधा के लिए आप स्थानीय मोबाइल वेंडर के पास जा सकते हैं लेकिन इसके लिए वह आपसे लगभग उतनी कीमत वसूलेगा जीतने मे आप अपना निजी सिम कटर ले सकते है ।
विकल्प के तौर पर आप ऐसा खुद ही कर सकते हैं। इसके लिए आपके सिर्फ एक सिम कटर की जरूरत होगी और आप ऐसे कटर ईबे जैसे ऑनलाइन रिटेलर्स से 175 रुपए में ही हासिल सकते हैं।
यह जानते हुए कि अधिक से अधिक फोन अब माइक्रो सिम स्लॉट के साथ आएंगे और यह भी जानते हुए कि हम भारतीय कई सिम बदलने के लिए जाने जाते हैं यह एक उपयुक्त इनवेस्टमेंट होगा। कोई इसे खरीद कर खुद के अलावा जरूरत पड़ने पर दोस्तों और परिवार के सदस्यों की मदद कर सकता है। सिम कटर एक सरल डिवाइस है।
काश कोई ऐसा कटर भी मिल जाये जिस से हम लोग इस देश की बड़ी बड़ी समस्याओं का साइज़ भी काट कर छोटा कर सकें ... आपका क्या विचार है !?
सादर आपका
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posted by Piyal Kundu at Old Indian PhotosSource: ebay View more rare vintage photographs at http://oldindianphotos.in
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
शिवम भाई, ब्लॉग बुलेटिन के बहाने काफी जानकारियां भी मिल गयीं। आभार।
जवाब देंहटाएं............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
डॉ महफूज़ अली को बधाई,शुक्रिया आपको भी जो यह खबर पहुंचाई
जवाब देंहटाएंकाश कोई ऐसा कटर भी मिल जाये जिस से हम लोग इस देश की बड़ी बड़ी समस्याओं का साइज़ भी काट कर छोटा कर सकें .....सच बात
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स है
जवाब देंहटाएंकुछ देखे हुए थे कुछ अभी देख लिए...
आभार...
:-)
सिम कटर के बारे में नई जानकारी मिली . हालाँकि हम तो महंगे मोबाइल खरीदते ही नहीं .
जवाब देंहटाएंमहफूज़ की तो बात ही निराली है . एकदम बिंदास छोरा है .
सुन्दर चर्चा .
समस्या तो है ही... इस्मार्ट फ़ोन का तो अलगै झमेला है...
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी के साथ बढ़िया लिंक्स मिले ... आभार
जवाब देंहटाएं्बढिया बुलेटिन
जवाब देंहटाएंकल एलबीए की इस खबर को ब्लॉग बुलेटिन पर शेअर करने के बाद आज जब महफूज भाई को बधाई देने के लिए कॉल किया तो जैसे एक झटका सा लगा ... उनका कहना है कि इस बारे मे उन्हें कोई जानकारी नहीं है और उनकी मर्ज़ी के बिना ही आपने उनको एलबीए का President घोषित कर दिया है और यह पोस्ट भी यहाँ(एलबीए पर) लगा दी है !
जवाब देंहटाएंआप मे से कोई कुछ बताएँगे आखिर यह मामला क्या है ???
abhi kuchh din paehlae ham kuchh blogs kae bahishkaar ki baat kar rahae they aur aap unka link bhi dae rahae haen
जवाब देंहटाएंpataa nahin kyun
बिलकुल सही कह रही है आप रचना जी ... मैंने लिंक दिया है बिलकुल दिया है पर क्यूँ यह आपने जानने की कोशिश की ????
जवाब देंहटाएंनहीं !!!
यह आप भी जानती है कि एलबीए की पोस्ट पर वैसे भी कोई नहीं जाता ... ऊपर से अगर किसी के नाम से पोस्ट आए या जिस तरह का ड्रामा वहाँ किया गया है वह हो तो कितनों को पता चलेगा ... यह आप भी समझ सकती है ... मुझे उस पोस्ट के लगते ही उस की सच्चाई पर शक था ... जब तक बात को मैं खुद प्रकाश मे नहीं ले आता बाकियों को क्या बताता !? इस समय भी केवल मेरा ही कमेन्ट है वहाँ इस सवाल के साथ कि जब जिस को उन्होने वहाँ अपना अध्यक्ष घोषित किया है वही कह रहा है कि मुझे इस बारे मे कोई जानकारी नहीं है तो फिर मामला क्या है ???
इस पूरे मामले मे सलीम खान और महफूज अली को पूरी बात साफ करनी चाहिए !
जब हम खुद को ब्लॉग खबरी कहते है तो कम से कम इतना तो हम पर भरोसा रखिए कि आप सब के हितो का हम खयाल रखेंगे !
बड़े ही रोचक सूत्र..
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंशिवम् जी
जवाब देंहटाएंआप ने जो किया आप का नज़रिया था
मैने जो कहा मेरा नज़रिया था
आप अपनी जगह सही हैं / हो सकते हैं
लेकिन ब्लॉग बुलेटिन के सब पाठक क्या इस विवाद / बहिष्कार को जानते हैं
उनको क्यूँ उस लिंक के जरिये उस जगह का पता दिया जाये
जिस रास्ते जाने का निषेध हो
चर्चा मंच के जरिये पाठक निरंतर उन लिंक पर जाता हैं
सोचिये शिवम् जी अगर आप इस बात को की वहाँ क्या माजरा हैं को अपने ब्लॉग पर डालते तो क्या बेहतर अफ्फेक्ट ना होता या यहाँ गूगल प्लस पर डालते क्युकी तब जिन्हे जानकारी हैं वो समझते
अब तो अनजान भी वहां जा रहा हैं जान रहा की अल बी ऐ जैसा कुछ हैं
इसके अलावा चर्चा मंच पर लिंक देने से पहले अगर कुछ लिंक पढ़ भी लिये जाये तो कम से उन ब्लॉग के लिंक नहीं होगे जहां द्विअर्थी संवाद इत्यादि मिलते हैं
जवाब देंहटाएंजानती हूँ अजय जी पहले ही कह चुके हैं की चर्चा में केवल लिंक दिये जाते हैं लेकिन एक बार सब चर्चा कार सोच कर देखे की चाहे लिंक १० ही क्यूँ ना हो पर उनमे द्विअर्थी संवाद , यौनिक हिंसा और धर्म का बेफिजूल प्रचार ना हो
बस आग्रह हैं सोच कर देखे चर्चा मंच
रचना जी आप ने शायद ध्यान नहीं दिया कि यह सब जो भी हुआ वो ब्लॉग जगत का हिस्सा है/था ... गूगल प्लस या फेसबूक का नहीं ... यहाँ जो भी हो रहा है अच्छा या बुरा उस की जानकारी सब को होनी ही चाहिए जो भी इस ब्लॉग जगत से जुड़ा हुआ है वैसे भी मैं इस बहस मे नहीं पड़ना चाहता ... ब्लॉग बुलेटिन पर मेरा और मेरे साथियों का काम आप सब तक ब्लॉग पोस्टो की लिंक पहुंचाना है ... और यकीन जानिए हमें बखूबी मालूम है हमें यह काम कैसे करना है ! आप खुद भी एक ऐसे ही चर्चा मंच पर अपना योगदान कर रही है ... शायद आप भी इस बात को समझती होंगी ... आपके सुझावो के लिए आपका आभार ... सादर !
जवाब देंहटाएंजब पूरा ब्लॉग जगत, उस ब्लॉग और उस असोसिएशन को ही कोई मान्यता नहीं दे रहा, तो वहाँ कौन प्राईम मिनिस्टर बनता है या प्रेसिडेंट, इससे हमें क्या लेना-देना है |
जवाब देंहटाएंरचना जी ,
जवाब देंहटाएंआपका मंतव्य समझ गए और यकीन जानिए ,किसी को जानबूझ कर अपमानित करने वालों , ढके छुपे एजेंडों , झंडो और मुस्टंडों को भी बखूबी पहचान रहे हैं सब । आपकी भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए हम आपको और तमाम पाठकों को विश्वास दिलाते हैं कि हम सच और सच की लडाई में आप सबके साथ हैं । भविष्य में इस बात का ख्याल रखा जाएगा
अदा जी ,
आपसे पूरी तरह सहमत , कि ऐसे एसोसिएशनों का क्या महत्व जो महज़ एक क्लिक पर खडे होते और भरभरा जाते हैं , और काश कि ये समझ पाते कि संगठन की शक्ति का सदुपयोग क्या होता है । वैसे भी जब देश का प्रेसिडेंट थाली के बैंगन की तरह लुढक लुढाकाया जा रहा है तो ऐसे में फ़िर :) :)