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मंगलवार, 5 जून 2012

दुनिया मे रहना है तो ध्यान धरो प्यारे ... ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज विश्व पर्यावरण दिवस है |

वैज्ञानिकों का कहना है कि हर कोई अपने स्तर से प्रयास करे, तो ग्लोबल वार्रि्मग के बढ़ते दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है और हम अपने इस पर्यावरण की रक्षा मे सफल हो सकते है !
यहाँ दिए गए कुछ छोटी छोटी पर बेहद जरूरी बातों का अगर हम सब ख्याल रखे तो हम भी इस मुहीम में अपना योगदान कर सकते है !

[1. बात बिजली की]
बिजली का कोई भी उपकरण जिसे आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उसको स्विच ऑफ करने के साथ ही उसका प्लग निकाल दें, जैसे मिक्सी, वाशिंग मशीन, टीवी, सेलफोन चार्जर, कंप्यूटर आदि। कारण, स्विच ऑफ होने पर भी ये बिजली खर्च करते रहते हैं।
[2. बह जाए पानी]
घर के किसी भी हिस्से में लगा कोई नल या पाइप लीक कर रहा है, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं। ब्रश करते समय वॉश बेसिन में फालतू पानी न बहाएं। जहां तक संभव हो शॉवर का प्रयोग करने से बचें। शॉवर के स्थान पर बाल्टी का प्रयोग करें।
[3. रिचार्जेबल बैटरी]
शायद आपको पता नहीं होगा कि विभिन्न उपकरणों में प्रयोग होने वाली बैटरियां मिट्टी में दबने पर भी एसिड का रिसाव करती रहती हैं। अत: नार्मल बैटरियों के स्थान पर रिचार्ज होने वाली बैटरियों का प्रयोग करें।
[4. सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल]
क्या आप कम दूरी के लिए अपनी मोटरसाइकिल या कार का प्रयोग कर करते हैं? बच्चों के स्कूल में बस की सुविधा होने पर भी केवल स्टेटस दिखाने के लिए आप उन्हें निजी गाड़ी से भेजते ? जहां तक संभव हो निजी वाहनों का प्रयोग करने से बचें। हो सके तो पैदल चलने की आदत भी डालें।
[5. पेंट करवा रहे हैं]
ऑयल बेस्ड पेंट के स्थान पर लेटेक्स पेंट्स का इस्तेमाल करें। कारण, ऑयल बेस्ड पेंट अत्यधिक टॉक्सिक होता है एवं इसकी मैन्यूफैक्चरिंग में भी काफी नुकसानदेह प्रदूषणकारी तत्व निकलते हैं।
[6. डिस्पोजेबल से बचाव]
हम अपनी जरूरतों के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं, पर ईकोलॉजिकल फुटप्रिंट का ध्यान रखना भी जरूरी है। ग्लोबल वार्रि्मग पर अंकुश लगाने के लिए इसमें कमी लानी होगी। इसका एक उपाय है डिस्पोजेबल वस्तुओं जैसे प्लास्टिक बैग्स, डिस्पोजेबल डायपर्स, प्लेट, चम्मच, गिलास इत्यादि के इस्तेमाल से बचें। पेपर नैपकिन के बजाय कपड़े के नैपकिन, यूज एंड थ्रो पेन के बजाय मेटल बॉडी पेन, पॉलीथिन बैग्स के बजाय कपड़े के थैलों इत्यादि का इस्तेमाल करें।
[7. नया वाहन]
यदि आप नई गाड़ी खरीदने जा रहे हैं, तो कोशिश करें कि ऐसी गाड़ी खरीदें, जो पेट्रोल या डीजल से चलने के साथ-साथ गैस से भी चले। पेट्रोल और डीजल के प्रयोग से निकलने वाला कॉर्बन वातावरण को दूषित करता है।
[8. सीएफल या एलईडी]
रोशनी के लिए घर में साधारण बल्ब और ट्यूबलाइट का प्रयोग करने के स्थान पर सीएफएल या एलईडी लाइट का प्रयोग करें। इससे वातावरण कम गर्म होता है।
[9. छिलकों में है बड़ा दम]
घर में प्रतिदिन निकलने वाले सब्जियों और फलों के छिलकों को कूड़े में फेंकने के स्थान पर किसी साफ जगह एकत्र कर लें। बाद में इन्हें किसी जानवरों के खाने के लिए डाल दें। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो मिट्टी युक्त किसी गमले में डालें। इनसे प्राकृतिक खाद बन जाएगी।
[10. प्राकृतिक रोशनी]
घर बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रत्येक कमरे में अधिक से अधिक प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आने की व्यवस्था हो। इससे घर का वातावरण स्वच्छ रहेगा और हर समय बिजली की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
[11. दूर रहें केमिकल से]
घर के अंदर कीड़े-मकोड़ों को मारने के लिए केमिकलयुक्त पदार्र्थो का इस्तेमाल करने के स्थान पर हर्बल वस्तुओं का प्रयोग करें। इसी प्रकार घर के लॉन और गमलों में लगे पौधों में केमिकलयुक्त कीटनाशकों का प्रयोग करने से बचें। केमिकलयुक्त कीटनाशक न केवल पेड़-पौधों के लिए नुकसानदेह होते हैं, बल्कि ये तितलियों, चिड़ियों और अन्य लाभदायक नन्हें जंतुओं के लिए भी घातक सिद्ध होते हैं, जिससे पर्यावरण में अंसतुलन पैदा होता है।
[12. पेड़-पौधे लगाएं]
घर के आसपास जैसे फुटपाथ या नजदीकी पार्क में छायादार पेड़-पौधे लगाएं। इनसे वातावरण बेहतर बनेगा। साथ ही फुर्सत के पलों में इनके नीचे आराम से आप अपना समय बिता सकेंगे ।
[13. कांच-अन्य धातु की बोतल]
फ्रिज में पानी रखने के लिए आप हर दो-चार साल में नए डिजाइन वाली प्लास्टिक की बोतलें अवश्य खरीदते होंगे। ये बोतलें स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। कारण, प्लास्टिक बनाने में प्रयोग होने वाला केमिकल पानी के संपर्क में आकर अपना दुष्प्रभाव छोड़ता है। इनके स्थान पर कांच या अन्य धातु की बोतलें प्रयोग करें।
[14. रसोई है अहम]
पर्यावरण की रक्षा में आपकी रसोई प्रमुख भूमिका निभाती है। रसोई में काम करते वक्त सारी सामग्री पहले से अपने करीब रख लें। ऐसा न हो कि गैस का चूल्हा जल रहा है और आप हींग या मेथी ढूंढ़ने में समय बर्बाद कर रहे हैं।
[15. कागज का प्रयोग]
जब तक बहुत आवश्यक न हो ई-मेल या अन्य किसी कंटेंट या फोटो का प्रिंट न कर कागज की बर्बादी रोंकें। ध्यान रखें कि यह बढि़या कागज दूसरी तरफ भी प्रयोग किया जा सकता है। इसी प्रकार डाक के लिफाफों का पुन: प्रयोग करें। रंग-बिरंगे कार्र्डो से छोटे-छोटे गिफ्ट टैग या रुपये रखने के लिए आकर्षक लिफाफे तैयार किए जा सकते हैं। कागज की बचत का मतलब है पेड़ों की रक्षा। 
आइये आज के दिन खुद से यह वादा करें कि जितना हो सकेगा ... उतना इस मुहिम मे हम अपना अपना योगदान करेंगे !
 
सादर आपका 


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जेब का छेद देखें या ओज़ोन का... 
जेब का ही देख लो भैया जी ... ओज़ोन का तो दिखने से रहा 

आज पर्यावरण दिवस पे फिर से कुछ ढोंग किया जाये ! 
हाँ यह ठीक रहेगा 

गिरता रुपया देश की खोखली अर्थव्यवस्था की ओर कर रहा है इशारा 
पर इशारा समझे कौन 

तुम जो बिच्छू हो तुम्हारे पास डंक ही एक मात्र विकल्प 
चलो उस के पास अपने बचाव के लिए कुछ तो है ... बेचारी जनता 

हसीन मुलाकातें...कुछ यादें ...कुछ बातें 
किस की किस से 

शाकाहार संकल्प और पर्यावरण संरक्षण (पर्यावरण दिवस पर विशेष) 
क्या आप शामिल है 

शहीद दिवस - एक शहीद का ख़त 
यहाँ किसे फुर्सत यह पढ़ने की 

बांस की टोकरी .... ...!! 
बड़े काम की 

कार्टून :- टीम अन्‍ना ? .... न्‍न्‍न्‍न न ना 
 एक तो कार्टून ... ऊपर से टीम अन्ना ... सिब्बल मरेगा 

काम के दौरान कैसा रहता है आपका पॉस्चर? 
बड़े आराम का ... एक सरकारी बाबू ने जवाब दिया 

सुमित प्रताप सिंह को मिला शब्द साधक सम्मान 
बधाइयाँ श्रीमान 

दबंग दुनिया की दबंगई, दैनिक भास्कर का उड़ाया लोगो 
हुड ... हुड ... हुड ... दबंग ... दबंग ... दबंग ...    

अप्रैल की चुभती गरमी और वाघा बार्डर का बीटिंग रिट्रीट 
एक जोश घटाती है ... एक बढ़ती है 

यमराज का इस्तीफा 
कन्नौज से डिंपल ने भरा पर्चा

स्वागत गीत,,,,, 
आइये सुने ...

देश समूचा खा कर ही पिंड छोड़ेंगे, दिल्ली पर जिनका है ताबा बाबाजी 
ऐसे कैसे खा लेंगे देश ... कोई इनके पापा का ढाबा थोड़े ही न हैं बाबाजी  


बदलती दुनिया
बदलते लोग 

ब्‍लॉग लेखन के द्वारा वैज्ञानिक मनोवृत्ति का विकास 
होता है क्या 

हिंदी ब्लॉगिंग के एक दशक पर एकाग्र.... 
एक उम्दा प्रयास 

 यह जीवन एक मधुशाला
और हम सब 

सिर्फ बातों से थोड़े न बचेगी दुनिया 
त का करें ... ब्लोगिंग 

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अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिंद !!

25 टिप्‍पणियां:

  1. आज के दिन हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। हम विकासशील और विकसित बनने की होड़ में इतना असंतुलन पैदा कर चुके हैं कि सारा समाज ही अस्तव्यस्त हो गया है। नई वैश्विक ज़रूरतों ने एक अलग किस्म की नीतियों का मार्ग प्रशस्त किया है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुनाफ़ा कमाने की होड़ से उत्पन्न आर्थिक गतिविधियों के कारण सारे संसार में पर्यावरण की अपूरणीय क्षति हो रही है, हो चुकी है। ग्रीन हाउस, ओज़ोन परत में छेद, आदि इसके कुपरिणाम हैं। हम जागरूक होने की जगह इस अंधी दौड़ का हिस्सा बनते जा रहे हैं, अगर तुरत न संभले तो इतनी देर हो चुकी होगी कि स्थिति संभाल के बाहर चली जाएगी और संकट के बादल हमारे सर पर तो मंडरा ही रहे हैं। हमें उपभोक्तावादी संस्कृति से बाहर आना होगा। आम लोगों के जीवन के स्तर में यदि हम सुधार लाना चाहते हैं तो परंपरागत क्षेत्रों में हमें इसके हल तलाशने होंगे। पर्यावरण हमारे लिए एक साझा संसाधन है। इस संसाधन का उचित इस्तेमाल हो, दोहन नहीं, यह सबकी जिम्मेदारी है।

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  2. बहुत ही घरेलू काम की जानकारी सहित, पर्यावरण चिंता!! सार्थक ब्लॉग बुलेटीन!!
    निरामिष के आलेख को सम्मलित करने के लिए आभार शिवम जी।

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  3. waah vishva paryavaran divas par .....umda buletin ...
    aaj bans ki tokri yahan hai ....
    khushi se bhar gaya hai man ...!!
    bahut abhar Shivam ....!!

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  4. पर्यावरण की चिंता करना आज सबके के लिए बहुत जरुरी हो गया है .. अपने अपने परिवेश से ही सही यदि सभी इस दिशा में सार्थक पहल करें तो बहुत कुछ बचाया, संजोया जा सकता है ..
    बहुत बढ़िया सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति ..आभार आपका!

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  5. शुक्रिया शिवम भैया.सुंदर बुलेटिन...

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  6. बहुत उपयोगी जानकारी...रोचक लिंक्स..

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  7. पर्यावरण से प्यार करो,इससे न खिलवाड करो,
    यही हमारा प्राण रक्षक, इसको न विषाक्त करो

    रचना शामिल करने के लिये आभार,,,,,शिवम जी

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  8. सार्थक संदेश देता बुलेटिन कमाल के लिंकों को सहेजते हुए कुल मिलाकर एक संग्रहणीय पन्ना तैयार कर दिए हो आप मिसर जी । बेहतरीन जमाए हैं , जारी रखिए

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  9. बहुत ही काम की जानकारी,
    इसे ही कहते हैं सार्थक ब्लागिंग
    बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  10. बहुत मिहनत की भाई। आभार स्वीकार करना ही होगा।

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  11. काम का आलेख और बढिया लिंक्स ।

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  12. बहुत अच्छे सुझाव!, उपयोगी आलेख!

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  13. सार्थक सन्देश के साथ बेहतरी लिंक्स !

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  14. शिवम् भाई .... पर्यावरण पर सुन्दर आलेख , लिंक्स चयन तो हमेशा अच्छे होते हैं

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  15. पठनीय लिंक्स,बेहतरीन प्रस्तुति,बहुत बहुत धन्यवाद।

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  16. लिंक्स बहुत अच्छी और सार्थक लेख |
    आशा

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  17. बहुत उपयोगी जानकारी...रोचक लिंक्स

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  18. सार्थक ब्लॉग्गिंग कर रहे हैं आप... बधाई.. लिनक्स अच्छे हैं..

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  19. बहुत ही उपयोगी जानकारियो के साथ सार्थक लिक्स..मेरी रचना को मान देने के लिए आभार..मिश्रा जी...

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  20. बहुत मेहनत से बुलेटिन बनाया है और बहुत अच्छे टिप्स भी दिए हैं.शुक्रिया.

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!