प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
लीजिये आज का ज्ञान संभालिए :-
प्रणाम !
लीजिये आज का ज्ञान संभालिए :-
"अंडे को अगर बाहर से तोड़ा जाये तो एक ज़िन्दगी खत्म हो जाती है ... पर जब अंडा अंदर से तोड़ा जाता है ... तो एक ज़िन्दगी की शुरुआत होती है !"
क्या समझे ... यह अंदर की बात है !!
सादर आपका
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posted by Pallavi saxena at मेरे अनुभव (Mere Anubhav)आज जाने क्यूँ इस पोस्ट को लिखते वक्त मन में बार-बार टीवी सीरियल "इस प्यार को क्या नाम दूँ" का गीत दिमाग में घूम रहा है कि आज में अपनी इस पोस्ट को क्या नाम दूँ :-) खैर आज हम बात करेंगे शादी, विवाह के संबं...
posted by रुद्राक्ष पाठक at दुनिया मेरी नज़र सेबंद करो ये भ्रष्टाचार के नारे, तुम खुद भी भ्रष्ट हो। अगर अन्ना जी ने आन्दोलन शुरू किया तो सब के सब जाकर शामिल हो गए, करोडों की संख्या में भीड़ जमा करी एक जुट होकर बड़े बड़े गीत गए, भ्रष्टाचार के विरुध नार...
posted by महेन्द्र श्रीवास्तव at आधा सच...रालेगन सिद्दि में एक अन्ना नहीं है बल्कि अन्ना ही अन्ना हैं। जब तक मैं रालेगन सिद्दि नहीं गया था तो मुझे तो लगता था कि अन्ना गांधीवादी हैं इसलिए टोपी पहनते हैं, पर ऐसा नहीं हैं। उनके गांव में 90 फीसदी लोग...
posted by संतोष त्रिवेदी at बैसवारी baiswariकरीब दस रोज़ पहले सतीश सक्सेना जी से बात हुई और तय हुआ कि उनके दिल्ली-आवास पर मुलाक़ात हो.इस मुलाक़ात की फौरी वज़ह तो उनकी पहली कृति को हासिल करना था,पर पहली बार मिलने का उल्लास भी था.सतीशजी ने बकायदा सम...
posted by काजल कुमार Kajal Kumar at Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
posted by Ravishankar Shrivastava at छींटे और बौछारें[image: DSCN0776] आई वॉज़ बॉर्न इंटेलिजेंट, फ़ेसबुक रूईन्ड मी! एंड दैट इज व्हाय आई एम हियर...? (पचमढ़ी के एक चाय की गुमटी का चित्र ) और भी ढेरों तकनीकी – हास्य व्यंग्य रचनाएँ पढ़ें छींटें और बौछारें...
posted by मुकेश पाण्डेय चन्दन at मुकेश पाण्डेय "चन्दन"मंदिर का मुख्य द्वार शीर्षक देखकर चौंकिएगा मत ! ये बात दो साल पहले की बात है, मैं और मेरा छोटा भाई अभिषेक बक्सर से बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस पहुचे . हम दोनों पहली बार बनारस गये थे , इसलि...
posted by Vijay Kumar Sappatti at कविताओं के मन से....!!!!* * *दोस्तों , * *नमस्कार और आप सभी को जीवन की अनेकानेक शुभकामनाएँ.* *दोस्तों , आज आप लोगो के सम्मुख न तो मैं अपनी कविता लेकर आया हूँ और न ही कहानी . आज मैं; आपकी , मेरी और हम सभी की बात करना चाहता हू...
posted by हास्यफुहार at हास्यफुहार[image: 2v1q3xz_th.jpg]खदेरन का दोस्त पलटू खदेरन से, “मैं कुछ भी काम करता हूं, तो मेरी बीवी बीच में आ जाती है।” खदेरन अपने दोस्त पलटू से, “यार तू ट्रक चला कर देख।”
posted by मनोज पटेल at पढ़ते-पढ़ते*जैक एग्यूरो की कविता... * * * * * *प्रार्थना : भाड़े पर नन : जैक एग्यूरो * (अनुवाद : मनोज पटेल) प्रभु, मैं एक नन ले सकता हूँ भाड़े पर. सौ अमेरिकी डालरों के बदले एक नन मिल सकती है मुझे जो साल भर प्...
posted by मनोज कुमार at मनोज*इस ब्लॉग की **950**वीं पोस्ट*** * * *अतल गहराइयों में*** *श्यामनारायण मिश्र*** *नमस्कार मित्रों !*** *इस ब्लॉग की **950**वीं पोस्ट आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए बहुत ही हर्ष हो रहा है। श्यामनारायण मिश्र ...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
आभार शिवम भाई...और हाँ अण्डों के बारे में नई जानकारी देने के लिए भी !
जवाब देंहटाएंफ़ेसबुक के बारे में सत्य लिख दिया है । वरना आदमी तो हम भी काम के थे ।
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंमुझे भी स्थान देने के लिए शुक्रिया
बढ़िया अंदाज़ और शानदार लिंक ...
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
ज्ञान की बात अनमोल है !
जवाब देंहटाएंहर अंदाज़ को समेटे हैं बुलेटिन !
सही तथ्य ... अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंअण्डे को अन्दर से फोड़ने की विधि सीखनी होगी..या यह काम भगवान के सहारे ही छोड़ दिया जाये।
जवाब देंहटाएंमेरे लेख को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंजय हिंद ! जय भारत !
shivan bhayi . mere lekh ko shaamil karne ke liye aapka aabhari hoon .
जवाब देंहटाएंdhanywaad.
इतनी अक्ल की बात आप करते हैं..तनिक ये तो बताईये कि अंडा पहले आया या मुर्गी..तब जाने!!!
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी अन्दर की बात, शुक्रिया!!
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