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रविवार, 3 जून 2012

कहीं छुट्टियाँ ... छुट्टी न कर दें ... ज़रा गौर करें - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो, 
प्रणाम!

गर्मी की छुट्टियों का इंतजार सबसे ज्यादा बच्चों को रहता है, दो महीनों के लिए जहां एक तरफ स्कूल से कोई नाता नहीं रहता तो वहीं छुट्टियों में कहीं न कहीं घूमने का कार्यक्रम भी जरूर बन जाता है। स्कूलों की छुट्टियां पड़ चुकी हैं, संभव है कि आपने भी कहीं न कहीं बाहर जाने का कार्यक्रम अवश्य बना लिया हो। अगर आपका जवाब भी हां है तो जाहिर है कि आपकी अनुपस्थिति में घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर रहेगी, इस बारे में भी विचार जरूर कर लिया होगा।
यदि आप ग्रुप हाउसिंग या फिर गेटेड कॉम्प्लेक्स में रह रहे हों तो सुरक्षा की बहुत ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं रह जाती। फिर भी अपनी तरफ से किसी भी तरह की कसर छोड़ने में कोई समझदारी भी तो नहीं? वैसे महानगरों में जिस तरह तेजी से अपार्टमेंट कल्चर बढ़ा है और बढ़ रहा है, उसकी बड़ी वजह कम पड़ती जमीन तो है ही साथ ही सुरक्षा के प्रति लोगों का बदलता नजरिया भी है। मुख्य प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती साथ में सीसीटीवी और इंटरकॉम की सुविधा ने सुरक्षा की चिंता से काफी हद तक मुक्त भी किया है। फिर भी चाहे आप प्लॉट पर बनी कोठी या फ्लोर में रह रहे हों या फिर किसी अपार्टमेंट में, जब भी कुछ दिनों के लिए बाहर जाएं तो कुछ चीजों का प्रबंध करके सुरक्षा की चिंता से मुक्त हुआ जा सकता है। यही नहीं, आप जब इस चिंता से मुक्त होंगे तो घूमने का मजा भी दुगना हो जाएगा। बाहर जाते समय इन बातों पर विचार किया जा सकता है-
पड़ोसियों की मदद

सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए दिल्ली पुलिस ने कुछ साल पहले नेबरहुड वॉच स्कीम की शुरुआत की थी। जिसके तहत लोगों को बताया गया कि पड़ोसियों के घर में न रहने पर वे सचेत रहते हुए अपनी और आस-पड़ोस की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है। ऐसे में आप कितने दिनों के लिए घर से बाहर रहेंगे और बाहर रहते हुए आपका संपर्क सूत्र क्या होगा इसके बारे में पड़ोसियों को सूचित करना न भूलें। यदि आपके संबंध बेहतरीन हों तो उन्हें घर की चाभी देकर भी जा सकें, जिससे यदि संभव हो तो उनका कोई सदस्य खासकर रात में आपके घर सो सके।

रोशनी का हो प्रबंध

कुछ दिनों के लिए बाहर जाते समय घर के किसी कमरे का बल्ब या सीएफएल जलता हुआ छोड़ें। इसका लाभ यह होगा कि अवांछित तत्वों को यही अहसास होगा कि इस घर में किसी व्यक्ति की मौजूदगी अवश्य है। साथ ही अंधेरे का फायदा उठाकर घर में प्रवेश करने की कोशिश से पहले वह कई बार विचार करेगा।

वेंडर्स को मना करें

यदि आप दस पंद्रह दिनों के लिए बाहर जा रहे हों तो अखबार डालने वाले वेंडर को कुछ दिनों के लिए अखबार डालने के लिए मना कर सकते हैं। या फिर यह भी संभव है कि आप अपने पड़ोसी को ही कहें कि वे आपके घर आने वाले अखबरों को उठाकर एकत्र कर लें और वापसी के बाद आप उन्हें ले लेंगे। इसी तरह दूध की सप्लाई भी अगर आपके घर पर ही होती है तो उसे भी पहले ही मना करके जाएं। यदि घर में बर्तन धोने और झाडू-पोछें के नौकरानी आती है तो उसे मना करें लेकिन यह न बताएं कि आप कहां और कितने दिनों के लिए जा रहे हैं।

उपकरणों की मदद

सुरक्षा को पुख्ता और चाक-चौबंद करने के लिहाज से आज बाजार में डिवाइसेज और गैजेट्स की कोई कमी नहीं। आप चाहें तो घर में बरगलर अलार्म, बायोमैट्रिक लॉक और स्पॉट लाइट जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे उपकरणों की अनेक खूबियां हैं। बायोमैट्रिक और न्यूमैरिक लॉक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि जब तक इसमें आप खुद का डाला गया कोड और फिंगर प्रिंट नहीं देते लॉक खुलता ही नहीं। बरगलर अलार्म का लाभ यह है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति आपकी अनुपस्थिति में घर में प्रवेश करता है तो इसका सायरन बजने लगता है। जबकि स्पॉट लाइट का इस्तेमाल प्रवेश द्वार पर किया जा सकता है। इस लाइट की खूबी यह है कि जैसे ही लाइट के दायरे में कोई हलचल होती है इसके सेंसर्स जग जाते हैं और लाइट खुद ब खुद जल उठती है। आज तो बाजार में ऐसे उपकरण भी मौजूद हैं कि यदि आपकी अनुपस्थिति में कोई गैर व्यक्ति आ जाता है तो वह निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित करने के साथ आपके मोबाइल फोन पर भी संदेश भेज देता है।
इन चीजों को अपनाकर आप अपनी अनुपस्थिति में घर को सुरक्षित बनाने के साथ गैर मौजूदगी में होने वाले आर्थिक नुकसान से भी बच सकते हैं। यह याद रखें कि अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो आपकी यात्रा का जितना शुभ और आरामदायक होना जरूरी है उतना ही जरूरी है कि जब आप घर लौटकर वापिस आएं तो आपको आपका सारा सामान उसी तरह सुरक्षित मिले, जैसा कि आप उसे छोड़कर गए थे।

तो इस जरूरी आलेख की बातों पर करें गौर ... और अपनी छुट्टियाँ  का पूरा मज़ा लें ... चिंता मुक्त हो कर !

सादर आपका 


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'राईट टू रिकॉल' ? क्या मिलेगा कभी ?


अम्मा ... माँ ... अम्मा ...


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पूछो तो भगवान है क्या पर किससे पूछें 

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खुशी की तलाश सबको है 

" अलिखित से लिखित......." कोईअनुबंध है क्या 

भारत बंद ! रोज़ ही होता है 


अपने लिए पर क्या भई 


खुदा की शनाख्त मुश्किल होगी ! आधार नहीं मिला होगा 





(आज अजय भाई किसी जरूरी काम मे लगे हुये है तो सोचा मैं ही साप्ताहिक महाबुलेटिन लगा दूँ ... पर साहब मान गए उनको कहाँ कहाँ से खोज खोज के लाते है लिंक्स ... यहाँ सब घोड़े दौड़ा दिये तब कहीं जा कर 50 - 51 लिंक्स मिले है ! सलाम करता हूँ उनकी मेहनत और लगन को | आज आप सब इसी हाफ महाबुलेटिन से ही काम चलाएं ... अगली बार अजय भाई हाजिर होंगे अपनी महाबुलेटिन के साथ )
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!

28 टिप्‍पणियां:

  1. आपने तो पूरी यात्रा गाइड ही दे दी है। बहुत लोगों के बहुत काम आएगा।
    लिंक्स ऐसे हैं जिनसे गुज़रना न हो पाया है। आपने मेरा काम आसान कर दिया है। कहीं ढूंढ़ने नहीं जाना पड़ेगा।

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  2. घर की सावधानि‍यों के साथ साथ महाबुलेटि‍न का भी कोई जवाब नहीं

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  3. बहुत सारा मसाला मिल गया, जय हो जय महाकाल

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  4. बढिया लिंक्स और छोटी कमेंट्स। मेरा प्रवास वर्णन शामिल करने का शुक्रिया ।

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  5. महाबुलेटिन बहुत अच्छा लगा। सुन्दर लिंक्स के लिए आभार

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  6. एक बढियां पोस्ट के साथ महाबुलेटिन-बस माजा आ गया !

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  7. हाफ महाबुलेटिन...ज़ोरदार है ...ये ....!!
    और... दिन शुभ हो गया हमारा ...इतने बढ़िया लिंक्स के बीच अपनी बूँद सी रचना देख कर .....!!

    बहुत आभार शिवम् ....

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  8. जय हो महाराज मिसर जी की जय हो । शिवम भाई बस इस रविवार तक की थोडी बाध्यता सी थी कारण भी आपको पता ही है , लेकिन जब कमान आपके हाथ है तो फ़िर चिंता काहे । बहुत सन्नाट हाफ़ सेंचुरी मारे हैं । एकदम कमाल बेमिसाल एक लाइना है , जुलुम कट । बहुत बढिया रहा महाबुलेटिन

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  9. आज तो बाजार में ऐसे उपकरण भी मौजूद हैं कि यदि आपकी अनुपस्थिति में कोई गैर व्यक्ति आ जाता है तो वह निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित करने के साथ आपके मोबाइल फोन पर भी संदेश भेज देता है।
    जानकारी के लिए शुक्रिया भाई .... आभार ....
    न सरदार पगला है, न सरकार पगली है, सिर्फ़ जनता पगली है जो इनको वोट देती है व ख़ुद को चोट देती है बात मे दम है.... बहुत खूब .... !!

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  10. बात तो बहुत ही ज़रूरी है .... कहीं निकल जाने के बाद पूरी सावधानी के बाद खुट खुट चलता है मन में , लिंक्स चयन हमेशा बेहतर होता है

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  11. जितनी उपयोगी सलाह, उतने ही उपयोगी सूत्र..

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  12. ati sundar aaj pahli bar apke blog pe aya hu me
    apne meri rachna yaha lagai apka bahut bahut aabhar
    Dinesh pareek ]

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  13. सुन्दर लिंक्स के लिए आभार

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  14. छुट्टियों कों प्लैन करने का पूरा तरीका समझा दिया आपने ...
    लाजवाब लिंक .. शुक्रिया मुझे भी शामिल करने का ...

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  15. blog par jaane aur uski chhap yahan lagaane ke liye shukriya Shivam ji.. :)

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  16. बुलेट का बुलेटिन का महामिलन क्या बात है बहुत खूब...

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  17. बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर बुलेटिन

    एक ब्लॉग सबका
    की पोस्ट को स्थान देने का शुक्रिया....

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  18. पहले दो उपायों में समस्या यह है कि क्या होगा अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएँ..और ये कि हमारे यहाँ ४ घंटे ही लाइट रहती है और वो भी दिन में, तो CFL का क्या फायेदा होगा????

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  19. और हां इस जरूरी आलेख के लिये तो बहुत शुक्रिया शिवम् जी। इसमें से बहुत कुछ तो हम करते हैं पर अलार्म और कैमरा नही लगा है । ये आलेख बहुत जरूरी और सही समय पर आया है ।

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  20. शिवमजी बढ़िया आलेख और मेरी पोस्ट को स्थान देने का शुक्रिया....

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  21. बुलेटिन में ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं !

    मिशिर तो टी -२० इस्ताईईल में ताबड़ तोड़ फिफ्टी मर दिए !!!
    हमारी पोस्ट को शामिल करने का आभार . बाकि लिंक्स आराम से पढेंगे ..........छुक ....छुक

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!