प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
इस मौसम में डायरिया, डीसेंट्री , टाइफाइड, पीलिया और हैजा जैसे संक्रामक रोग बच्चों को आसानी से अपनी चपेट में ले लेते है। आजकल का तापमान व आर्द्रता इन बीमारियों के कीटाणुओं के पनपने व फैलने के लिए उपयुक्त होती है।
गर्मी से होने वाली एक और गंभीर समस्या है लू लग जाना यानी 'हीट स्ट्रोक'। इससे बच्चे को तेज बुखार, उल्टी, पेशाब में कमी, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण हो जाते है।
इन सब से कैसे बचाव किया जाए बता रहे है नवजात शिशु व बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सी.एस. गांधी अपने इस आलेख में ...
- बच्चों को फिल्टर्ड और उबला पानी ही दें। ध्यान रहे, इस मौसम में होने वाले संक्रमण का मुख्य कारण गंदा पानी ही होता है।
- जहां तक हो सके, बच्चों को ताजा खाना ही खिलाएं, बासी भोजन के उपयोग से बचें।
- बाजार के कटे फल, खुले खा- पदार्थ आदि कदापि बच्चों को न दें।
- शौचालय के बाद और भोजन से पहले बच्चों को साबुन से हाथ धोने की आदत डालें।
- धूप में निकलने से पहले बच्चे का शरीर भली-भांति ढक लें। कॉटन के कपड़ों का प्रयोग करे, तेज धूप में निकलने से परहेज करे।
- बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने को देती रहे। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी, शिकंजी, जलजीरा, पना आदि भी दें।
- ध्यान रखें कि धूप से आने के बाद बच्चा ए.सी. या कूलर के सामने ठंडे वातावरण में तुरंत न जाए। वातावरण में गर्मी-सर्दी का यही बदलाव बच्चे के लिए हानिकारक होता है।
- डायरिया आदि संक्रामक रोग या हीट स्ट्रोक होने की स्थिति में बच्चे को ओआरएस का घोल अवश्य दें और आसपास का वातावरण ठंडा रखें। अधिक परेशानी होने पर बालरोग विशेषज्ञ की सलाह लें।
अब चलते है आज की ब्लॉग बुलेटिन की ओर ...
सादर आपका
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तो सीधे कर देने थे न ...
क्या सोचती होगी ...
अब भी देखिये
आज इस पर ... कल उस पर आये
किस से ???
क्या बात ... क्या बात ... क्या बात
आभार श्रीमान
जीता कौन ??
पर कईकु
बड़े मियां दीवाने ऐसे न बनो
रहे सब पर
ॐ शांति शांति शांति
आई कि नहीं आई
बिना कहे यहाँ कम भी तो न बनना
पूरी हुई या जारी है ?
देर से ही आया होगा
लो जी फिर बचेगा क्या ???
संभाल के चलियो भईया
सवाल और जवाब
बीज को क्या बताऊं मैं कि ये फसल क्या है...
शत शत नमन इनको
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
अभी मात्र आभार , तिरछे को सीधा करने के लिए ,शेष लिंक्स कल पढेंगे तब आनंद लेंगे |
जवाब देंहटाएंbahut bahut aabhar aapka shivam ji .. achha sarahniya prayas hai aapka ... thanks again
जवाब देंहटाएंइस मौसम में तो वाकई बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. फुर्सत से देखता हूँ सारे लिंक्स.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका!!
एकदम सटीक सलाह मिसर जी । गर्मी अपने उच्च स्तर पर है आ सर्वोच्च स्तर को छूने की तैयारी में है इसलिए गांठे बांद लिए हैं आपकी सलाह । लिंक्स चकाचक है पहुंचते हैं एक एक पोस्ट पर अभी । बढियां बांचे हैं बुलेटिन आज का
जवाब देंहटाएंbahut sundar ... prasanshaneey post ...
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन ... shubhakaamanaayen ...
जवाब देंहटाएंआभार |
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ||
अच्छे सुझाव....
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन है। प्रायः सब की रुचि का कुछ न कुछ।
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन....अच्छे सुझाव....आभार ।
जवाब देंहटाएंबदलते मौसम में सावधानी ज़रूरी है .... लिंक्स मन के लायक हैं
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन पर पहली बार आई हूँ आज....बहुत हीं सार्थक लिनक्स मिले...मेरे प्रयास को मान देने के लिए आभार....
जवाब देंहटाएंachcha lagta hai jab aap bahut waqt baad kuch likhe aur use yun sammaan mil jaaye...Shivam bhaiyya ki jai
जवाब देंहटाएंउपयोगी जाकारी और लिंक्स के साथ एक लाइन का सटीक कमेन्ट बढ़िया अंदाज है.
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन
जवाब देंहटाएंsundar prastuti !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
अच्छा संकलन अच्छे सुझाव.सार्थक लिनक्स ...आभार ।
जवाब देंहटाएंआपका आभार ।
जवाब देंहटाएंहम मुरझाये हुए गुलाबों को भी पानी दिया करते है,
जवाब देंहटाएंक्या खबर खुशबू अभी जिन्दा हो......!
शिवमजी लाजवाब जानकारी दिए हो आप! मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका तहे-दिल से शुक्रिया !
http://harishjaipalmali.blogspot.in
उपयोगी सुझाव, गर्मी से बचाव आवश्यक है।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक हैं सभी ...
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