प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
क्या आप अपने दुश्मनों की सूची ऑनलाइन बनाकर रखना चाहते हैं? अगर हां, तो आपकी यह इच्छा भी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पूरी हो सकती है। साइट पर एक एप्लीकेशन की मदद से दुश्मनों की भी सूची बनाई जा सकती है।
फेसबुक यूजर्स मुफ्त में उपलब्ध एनेमीग्राफ नामक एप्लीकेशन के जरिए अपने दुश्मनों की सूची अपने अकाउंट से जोड़ सकते हैं। इतना नहीं फेसबुक पर मौजूद किसी उत्पाद, व्यक्ति अथवा कंपनी के खिलाफ वॉर की घोषणा भी कर सकते हैं। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही आप किसी को शत्रु घोषित करते हैं वह आपके अकाउंट में शत्रु सूची में दिखाई देगा। इस एप्लीकेशन का प्रयोग करने वाले अन्य लोगों को भी यह सूची दिखाई देगी। इस एप्लीकेशन को बनाने वाले डलास स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के डीन टेरी ने इस सुविधा को सोशल मीडिया ब्लैसफेमी करार दिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि फेसबुक इसे हटा भी सकता है। उल्लेखनीय है कि 30 लाख से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक याचिका में फेसबुक में अनलाइक बटन उपलब्ध कराने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट इसे उपलब्ध नहीं करा सकी है। टेरी ने कहा, अधिकांश सोशल नेटवर्क लोगों को अपनापन के आधार पर जोड़ने का प्रयास करते हैं। अब लोग उन चीजों से भी जुड़ सकेंगे जिसे वे नापसंद करते हैं। कुछ लोगों ने इसके गलत प्रयोग के बारे में पूछा है। हम इस सुविधा के गलत प्रयोग को लेकर कड़ाई से निगरानी रखेंगे। उन्होंने बताया कि सोशल साइट की शुरुआत होने के बाद से ही उनके दिमाग में दोस्तों की तरह दुश्मनों की भी सूची बनाने का ख्याल आया था। अब उनका यह सपना साकार हो गया है।
तो तैयार हो जाइये हो सकता है आपकी दोस्तों की सूची में भी बहुत से ऐसे लोग हो जो आपके दोस्त होते हुए भी किसी दुश्मन से कम नहीं ... बना लीजिये उनकी भी एक सूची ... और हो जाने दीजिये एक यलगार ! कम से कम यह खुल कर पता तो रहे कौन दोस्त है और कौन दुश्मन ... कब तक अस्तिनो में सांप पालते रहेंगे ??
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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posted by anju(anu) choudhary at अपनों का साथआज कल मैंने बहुत बिज़ी हूँ किस काम में ? जानना चाहते हैं आप ..तो पढ़िए ....(एक हास्य जो सच में रसोई में काम करते करते ये ख्याल आ गया ...कि अगर कभी कुछ ऐसा हो जाए तो ??...मेरा क्या होगा ??????? हा हा हा हा...
posted by Ravishankar Shrivastava at छींटे और बौछारें[image: image] जैसे पश्चिम में ब्लॉड चुटकुले प्रसिद्ध हैं, ठीक उसी तरह भारतीयों में संता-बंता के चुटकुले प्रसिद्ध हैं. चुटकुले संता-बंता से शुरू होते हैं तो खत्म भी वहीं होते हैं. सरदारजी पर और या संता...
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posted by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) at उच्चारण*मेरा बस्ता कितना भारी।* *बोझ उठाना है लाचारी।।** * *मेरा तो नन्हा सा मन है।* *छोटी बुद्धि दुर्बल तन है।।* * * *पढ़नी पड़ती सारी पुस्तक।* *थक जाता है मेरा मस्तक।।* * * *रोज-रोज विद्यालय जाना।* *बड़ा कठिन ...
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अब केवल हैडलाइन्स :-
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
बढ़िया.. एफ बी पर एक काम और बढ़ेगा ..दुश्मन बनाने का :)
जवाब देंहटाएंजबर्दास्त्त लिंक्स के साथ बढ़िया बुलेटिन.
दुश्मनों की सूची...ः)बढ़िया जानकारी|
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स से सजा ब्लॉग बुलेटिन.
बढ़िया बुलेटिन ...
जवाब देंहटाएंजय हिंद ...!!
bahut badhiyaa ...
जवाब देंहटाएंअब केवल हैडलाइन्स :- / bahut khoob ...
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं♥
खुल कर पता तो रहे कौन दोस्त है और कौन दुश्मन ... !
रोचक !
बंधुवर आदरणीय शिवम् मिश्रा जी
सस्नेहाभिवादन !
लिंक्स का संयोजन भी बहुत बढि़या किया है आपने ...आभार !
खूबसूरत ब्लॉग बुलेटिन ।
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
खुल कर विचारों का इजहार कहां सब कर पाते हैं। यही वजह है कि सांप आस्तीन तक पहुंच जाते हैं।
जवाब देंहटाएंखुल कर विचारों का इजहार कहां सब कर पाते हैं। यही वजह है कि सांप आस्तीन तक पहुंच जाते हैं।
जवाब देंहटाएंसारे लिंक्स प्रशंसनीय हैं ...
जवाब देंहटाएंNice.
जवाब देंहटाएंMatching post-
http://drayazahmad.blogspot.in/2012/04/blog-post_05.html
Nice.
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Nice.
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बढिया बुलेटिन।
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए शुक्रिया।
जिनके दोस्त ही दुश्मनों का काम कर दें , वे कैसे बनायेंगे दुश्मनों की सूची !!
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स !
लिंक्स का संयोजन बहुत बढि़या है..शिवम जी..मेरी अभिव्यंजना को शामिल करने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक संयोजन ……॥बढिया बुलेटिन
जवाब देंहटाएंएक ब्लॉग सबका को शामिल करने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंhttp://apnaauraapkablog.blogspot.in/2012/04/blog-post_04.html
आज की बुलेटिन में आपने हर रंग को पकड़ा है। काफ़ी विस्तृत चर्चा। काफ़ी लिंक्स छूटे हैं। जाता हूं एक-एक कर।
जवाब देंहटाएंदुश्मनों की ऑनलाइन सूची ... नया विषय है सोच का ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही विस्तृत चर्चा ... शुक्रिया मुझे भी आज शामिल करने का ...
Good job.
जवाब देंहटाएंपूर्ण जानकारी के अभाव मे ऐसी गल्तियाँ होती हैं बाकी मनोज कुमार जी से सहमत ।
http://blogkikhabren.blogspot.com/2012/04/manu-means-adam.html
पठनीय बुलेटिन, कई दिनों की खुराक हो गयी है।
जवाब देंहटाएंएक दम बढ़िया
जवाब देंहटाएंदोस्ती जब किसी से की जाए,
जवाब देंहटाएंदुश्मनों की भी राय ली जाए!
शायद मुझे नहीं ज़रूरत होगी ऐसी लिस्ट बनाने की.. मगर हाँ जानकारी शानदार है!!
बहुत ही सुन्दर भाव और लिंक संजोए है
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक हे ! मेरे तकनिकी ब्लॉग पर भी पधारे ! और कोई पोस्ट अगर आपको पसंद आये तो उसे भी ब्लॉग बुलेटिन में सामिल करे !
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए निचे क्लिक करे
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