प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
एक कस्बे में एक बार एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उस कस्बे के सबसे सुखी व खुशहाल शादीशुदा जोड़े को चुना जाना था!
संता और उसकी पत्नी को सबसे खुशहाल जोड़े के रूप में चुना गया अगले दिन एक स्थानीय समाचारपत्र का संवाददाता उनका साक्षात्कार लेने उनके घर जा पहुंचा!
दरअसल संता और उसकी पत्नी अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये पूरे कस्बे में प्रसिद्द हो चुके थे उनके बारे में यह कहा जाता था कि उनके बीच में आज तक कभी कोई झगड़ा किसी प्रकार की कोई तकरार तक नही हुई इसी बात से प्रभावित होकर वह संवाददाता उन दोनों का साक्षात्कार लेने उनके घर पहुंचा!
सवांददाता ने जब उनसे पूछा की क्या ये सच है आप लोगों में कभी कोई तकरार नही हुई तो संता ने बताया जब हमारी शादी हुई तो उसके फ़ौरन बाद हमलोग हनीमून मनाने के लिये कश्मीर गये हुये थे!
वहां हम लोगों ने बहुत मजे किये बर्फ में घूमें, घुड़सवारी की, घुड़सवारी करते हुए मेरा घोड़ा तो ठीक था पर जिस घोड़े पर मेरी पत्नी सवार थी वह जरा सा उदण्ड था उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को नीचे गिरा दिया!
पत्नी ने घोड़े की पीठ पर हाथ फेरते हुये कहा यह पहली बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई थोड़ी दूर चलने के बाद घोड़े ने फिर उसे नीचे गिरा दिया!
पत्नी ने इस बार कहा यह दूसरी बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई!
तीसरी बार जब घोड़े ने उसे नीचे गिराया तो मेरी पत्नी ने घोड़े से कुछ नहीं कहा, बस अपने पर्स से पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी!
मैं अपनी पत्नी पर चिल्लाया ये तुमने क्या किया तुमने एक बेजुबान जानवर को मार दिया क्या तुम पागल हो गई हो?
पत्नी ने मेरी तरफ देखा और कहा ......ये पहली बार है!
और बस, तभी से हमारी जिंदगी सुख और शान्ति से चल रही है!
संता और उसकी पत्नी को सबसे खुशहाल जोड़े के रूप में चुना गया अगले दिन एक स्थानीय समाचारपत्र का संवाददाता उनका साक्षात्कार लेने उनके घर जा पहुंचा!
दरअसल संता और उसकी पत्नी अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये पूरे कस्बे में प्रसिद्द हो चुके थे उनके बारे में यह कहा जाता था कि उनके बीच में आज तक कभी कोई झगड़ा किसी प्रकार की कोई तकरार तक नही हुई इसी बात से प्रभावित होकर वह संवाददाता उन दोनों का साक्षात्कार लेने उनके घर पहुंचा!
सवांददाता ने जब उनसे पूछा की क्या ये सच है आप लोगों में कभी कोई तकरार नही हुई तो संता ने बताया जब हमारी शादी हुई तो उसके फ़ौरन बाद हमलोग हनीमून मनाने के लिये कश्मीर गये हुये थे!
वहां हम लोगों ने बहुत मजे किये बर्फ में घूमें, घुड़सवारी की, घुड़सवारी करते हुए मेरा घोड़ा तो ठीक था पर जिस घोड़े पर मेरी पत्नी सवार थी वह जरा सा उदण्ड था उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को नीचे गिरा दिया!
पत्नी ने घोड़े की पीठ पर हाथ फेरते हुये कहा यह पहली बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई थोड़ी दूर चलने के बाद घोड़े ने फिर उसे नीचे गिरा दिया!
पत्नी ने इस बार कहा यह दूसरी बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई!
तीसरी बार जब घोड़े ने उसे नीचे गिराया तो मेरी पत्नी ने घोड़े से कुछ नहीं कहा, बस अपने पर्स से पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी!
मैं अपनी पत्नी पर चिल्लाया ये तुमने क्या किया तुमने एक बेजुबान जानवर को मार दिया क्या तुम पागल हो गई हो?
पत्नी ने मेरी तरफ देखा और कहा ......ये पहली बार है!
और बस, तभी से हमारी जिंदगी सुख और शान्ति से चल रही है!
सादर आपका
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posted by जयदीप शेखर at नाज़-ए-हिन्द सुभाषमेरे प्रिय साथियों, जय हिन्द! आप सबका (प्रकट/अप्रकट)समर्थन, उत्साहवर्द्धन एवं सराहना आखिरकार रंग लायी और "नाज़-ए-हिन्दसुभाष" की यह लेखमाला पुस्तक के रुप में समय की आलमारी में दर्ज हो गयी... इस अवसर प...
posted by अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार*२७ फ़रवरी २०१२ को तीन बजे दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले में ज्योतिपर्व प्रकाशन से प्रकाशित जयदीप शेखर की किताब "नाज़ ए हिंद सुभाष" का विमोचन हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार श्री संजीव जी के हाथो...
posted by महेन्द्र श्रीवास्तव at आधा सच...*पू*रे 40 दिन यूपी का कोना कोना छानने के बाद आज दिल्ली वापस आ चुका हूं। इस दौरान मैं अपने ब्लाग से ज्यादा नहीं जुड़ पाया, वजह नेट की समस्या रही। जब भी किसी बड़े शहर में रात बिताने का मौका मिला तो आप सब क..
posted by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) at उच्चारण*अब पछुआ चलने लगी, सर्दी गयी सिधार।*** *कुछ दिन में आ जाएगा, होली का त्यौहार।१।*** *सारा उपवन महकता, चहक रहा मधुमास।*** *होली का होने लगा, जन-जन को आभास।२।*** *अंगारा बनकर खिला, वन में वृक्ष पलाश।*** *र...
posted by Sonal Rastogi at कुछ कहानियाँ,कुछ नज्में*बैरी साजन बैरी फागुन स्वांग रचाए नित नित मो से क्षण में तपे क्षण में बरसे सौं धराये नित नित मो से ना वो माने ना मैं हारी रंग चढ़ाए नित नित मो पे वो मुस्काये तो मैं बलि जाऊं मान कराये नित ...
posted by anju(anu) choudhary at अपनों का साथअभी यहाँ सूर्य अस्त हुआ नहीं *सूर्य अस्त का वो दृश्य जो बहुत वक्त से मैं अपनी यादो में कैद करना चाहती थी ...उसका मौका मुझे गोवा में मिला.....सुना था कि समु...
posted by Mukesh Kumar Sinha at जिंदगी की राहेंकब और कैसे शेर सुनाऊं!! हो जाये भोर, छिटके हरीतिमा ...तो शेर सुनाऊं!! गरम चाय का कप सुबह सुबह जबरदस्ती उठाना... तो कैसे शेर सुनाऊं!! बच्चो कि तैयारी प्यारी की फुहारी.. तब शेर कैसे ...
posted by पवन *चंदन* at नुक्कड़'व्यंग्य का शून्यकाल' का लोकार्पण करते हुए डॉ. शेरजंग गर्ग साथ में हैं कथाकार संजीव, डॉ. राजेन्द्र अग्रवाल, अविनाश वाचस्पति एवं कवि मदन कश्यप नईदिल्ली। मैंने पढ़ा है कि शब्दों के साथ किस तरह खेलते ...
posted by हास्यफुहार at हास्यफुहारडेली फ़न डोज़ के सौजन्य से …
posted by Rahul Singh at सिंहावलोकनकुछ दृश्य ऐसे होते हैं, जिन्हें देखते ही मन, ब्लाग पोस्ट गढ़ने लगता है और वह पोस्ट न बन पाए तो तात्कालिक रूपरेखा धूमिल पड़ जाती है लेकिन तस्वीरें कुलबुलाती रहती हैं। कुछ साथी हैं, जो मामूली और अकारण सी लगन...
posted by नवीन प्रकाश at Hindi Tech - तकनीक हिंदी मेंआपके ब्लॉग का पता अगर अब के blogspot.in साथ दिखाई देता है और आप वापस अपने ब्लोगर ब्लॉग पर blogspot.com पता लगाना चाहते हैं तो अब ये संभव है । इसके लिए आपको अपने टेम्पलेट के कोड में थोडा बदलाव करना होगा ज...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
सुन्दर कड़ियाँ..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शिवम् भाई... बढ़िया लिनक्स मिले....
जवाब देंहटाएंशिवम जी,....
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स के लिए बहुत२ बधाई....
भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
NEW POST...फिर से आई होली...
आशा करते हैं और दुआ भी कि बात "पहली बार" तक ही रहे.. और जीवन में खुशहाली बनी रहे.. बेहतर बुलेटिन!!
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंहोलीकोत्सव की शुभकामनाएँ।
शिवम् भाई हकीक़त से रूबरू ("पहली बार") होने से दिल बाग़-बाग़ हुआ .... होली की शुभकामनाएं ..... बहुत अच्छी -अच्छी जानकारी देने के लिए आभार ...
जवाब देंहटाएंsundar links...
जवाब देंहटाएंबढि़या प्रस्तुति. धन्यवाद, आभार आपका.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर ,पोस्ट झलकियां मिसर जी । प्रस्तावना का सार समझने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद है कि सही दिशा में पहुंचेंगे । सटीक और सार्थक बुलेटिन
जवाब देंहटाएंएक पुराना चुटकुला याद आया.....
जवाब देंहटाएंपत्नी- नई कार और नए पति में कोई फर्क नहीं…. दोनों ही 2-3 साल ठीकठाक चलते हैं.
...
पति - पुरानी कार और पुरानी बीवी में भी कोई फर्क नहीं… दोनों ही आवाज़ करती हैं !!!
बस फ़िर उसके बाद ज़रूर पत्नी ने नम्बर-१ कहा होगा.... नहीं तो ठांय........
सुपर बुलेटिन.....
वाह, क्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनाएं यहां पढने को मिलीं.
शांति तो होगी ही - पहली बार गोली चली और थोड़ी सी जो पी ली है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएं:))... saare ek se badh kar ek links.. aur unme khud ko paa kar khushi mil rahi hai..!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शिवम् भाई.
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