Pages

गुरुवार, 1 मार्च 2012

सच हुए सपने - ब्लॉग बुलेटिन


जब लोग इस्टेज पर एक्टिंग करता था, त उनको सिनेमा में काम करने वाला लोग भांड देखाई देता था. जब छा गया त लोग मान गया कि सिनेमा भी कला है. तब आया टेलीबिजन. लोग बड़ा पर्दा अऊर छोटा पर्दा का सामाजिक बिसमता पैदा करने का कोसिस किया. मगर “सत्यमेव जयते” के तरह टेलीबिजन आज सिनेमा से आँख मिलाकर बतियाता है अऊर कदम मिलाकर चलता है.
अइसहीं साहित्त लिखने वाला लोग सिनेमा में कोनो लिटरेचर हो सकता है, नहीं मानते थे. मगर आनंद मठ, देबदास, चित्रलेखा, गाइड बनने के बाद मान लिए अऊर फिर साहिर, मजरूह, नीरज, कमलेश्वर जईसा साहित्तकार लोग के सिनेमा में आ जाने से ऊ हो भेद मिट गया.
तब आया ब्लॉग. बड़ा साहित्तकार लोग को अपना इम्पोर्टेंस तनी कम होता नजर आया. जब सब कबी हो जाएगा त उनका कबिता कौन पढेगा. ब्लॉग में अच्छा-बुरा का बात त बाद में, ऊ लोग एक सिरा से सब ब्लोगर को नकार दिए अऊर फिर से ओही सामाजिक बिसंगति का दौर सुरू हो गया.
मगर विश्व पुस्तक मेला – २०१२, नई दिल्ली में २७ फरवरी के रोज ई दूरी भी समाप्त हो गया. ब्लोगर लोग के द्वारा लिखा गया कबिता संग्रह, इतिहास, ब्यंग्य, कथा-कहानी का किताब अऊर सब किताब का माने हुए साहित्तकार लोग के कर-कमल द्वारा बिमोचन. रश्मि दी, यशवंत माथुर, अविनाश वाचस्पति, अनुपमा त्रिपाठी, गुंजन अग्रवाल, राजेश उत्साही, जयदीप शेखर, एम्. वर्मा आदि के सर्जना को एगो मंच मिला. संजीव जी, मदन कश्यप, प्रेम जनमेजय, शेरजंग गर्ग जैसे साहित्कार लोग के हाथ से पुस्तक का लोकार्पण गरब का बिसय था ऊ सब लोग के लिए. हमरे लिए भी कुछ नया-पुराना ब्लोगर लोग से मिलने का अबसर था. मगर ई खास अबसर था इसलिए कि पहिला बार हमरी सिरीमती जी हमरे ब्लॉग जगत के लोग से मिलीं.
हमरे लिए त पर्दा गिरा, खेल खतम!! हम अपने दुनिया में बापस.. बाद में का हुआ, काहे हुआ, सही हुआ कि गलत हुआ कउन देखे. अऊर भी गम हैं जमाने में.. आप तो ई सब लिंक देखिये अऊर ब्लॉग-बुलेटिन के सेंचुरी पर हमरा टीम का पीठ थपथापाइए!!
 ++++
सादर आपका 


सलिल वर्मा 

21 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया प्रस्तुती सलिल जी...
    शतक के लिए बधाई...
    इन्तज़ार सचिक के शतक का था मार दिया सलिल ने...
    :-)
    शुभकामनाएँ..
    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत पते की बात कह दी है आपने ..कि छोटे बड़े लेखक का भेद मिटा दिया है ब्लॉग ने..पर यह बात पचती नहीं बहुतों को..और वो यहाँ वहाँ ब्लॉग लेखन पर छींटा-कशी करते देखे जा सकते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  3. अरे! यहाँ करना है --हिप हिप हुर्रेऎऎऎऎऎऎऎ..........

    जवाब देंहटाएं
  4. सलिल जी,ब्लॉग बुलेटिन १०० वी पोस्ट के लिए आपको तथा पूरी टीम टीम को बहुत२ बधाई शुभ कामनाए,....
    बहुत अच्छी प्रस्तुति,
    NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
    NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...

    जवाब देंहटाएं
  5. अरे पता नहीं काहे लोग सचिन सचिन चिल्लाता रहता है ... सेंचुरी तो सलिल दादा मार रहे है आजकल ... जय हो दादा आपकी ... १०० वी पोस्ट पर ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम और सब पाठको को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  6. सेंचुरी मुबारक हो सर!
    लिंक्स अभी देखते हैं।

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. बधाई हो .....जो लिखते थे लिखते हैं हैं , जिन्होंने लिखा है , जो पढ़ चुके, जो पढ़ रहे ........ बुलेटिन शतक जारी रहे

    जवाब देंहटाएं
  8. आने वाले दिनों में ब्लॉग भी मुख्यधारा बनेगा..

    जवाब देंहटाएं
  9. आउर ई लगा महासतक । धांय ,ढिशुम ,पटाक ..हुर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र । जय हो प्रस्तावना में तगडा धोलाई किए हैं सर । ई तो आने वाला वक्त बताएगा कि ब्लॉग जगत की धमक से जौन लोग कान बंद किए बैठे हैं , उनके कान बंद करने से धमक ईको होकर और गूंजेगा और तब ...मुझसे नफ़रत करो या मुहब्बत ,मगर मुझे दरकिनार नहीं कर पाओगे ।

    बुलेटिन के सौवें अंक तक पहुंचने के लिए और इस दौरान , सभी साथी ब्लॉगरों द्वारा इसका साथ निभाने और इसे स्नेह प्रदान करने के लिए हमारी तरफ़ से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं । आने वाले दिनों में बहुत सारे प्रयोग आपको इस मंच तक खींच लाएंगे । इसी विश्वास के साथ

    जवाब देंहटाएं
  10. सलिल भाई खूबे आनंद आयो।
    मन मयूर नाच कर दिखाओ।
    प्रकाशक का डांस भी भायो।
    प्रकाशक ने सबका खूब नचायो।

    नाच नाच कर गुम किया
    सब ढूंढ रहे थे
    इधर था अबी
    अबी तुरत किदर गया।

    बाद में अपने स्‍टाल पर
    पुस्‍तक बेचते मिल गया।
    असली धंधा किताब बेचना है
    किताब बेचने से कौन करेगा मना है


    पन भैया ब्‍लॉगर भाईयों को
    चाय तो पिला दी होती
    वे चाहते तो नहीं थे
    पर कभी अनचाहे ही
    अपना कमाल दिखा देते


    यह क्‍या किया कि
    रूमाल झाड़ कर दिखा दिया।

    जवाब देंहटाएं
  11. सौ वीं पोस्ट के लिए बधाई ...!!
    बढ़िया बुलेटिन ...!!

    जवाब देंहटाएं
  12. शतक के लिए बधाई|बढ़िया बुलेटिन .|

    जवाब देंहटाएं
  13. लोगबाग
    यहां भी भड़ास निकालेने से बाज नहीं आते हैं।
    ब्लॉगरों की यही अदा तो हमें भाते हैं
    बुलेटिन अच्छा जमा है
    आपका अंदाज़ निराला है

    जवाब देंहटाएं
  14. जै जै.... सलिल दादा की....
    महाशतक की बधाई.....

    जवाब देंहटाएं
  15. दूसरा शतक भी जल्द लगे...
    सार्थक पोस्ट...

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत-बहुत बधाई १००वीं पोस्ट पूरे होने के ... !!

    जवाब देंहटाएं
  17. बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना, शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  18. बेहतरीन बुलेटिन ! खाते में शतक जोड़ने के लिये अनंत बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!