एक छोटा सा सवाल... क्या आप आज भी अपनी पत्नी से मार खाते हैं... उत्तर हां में हो या न में.... समझ गये या नहीं..... हा हा वैसे इस चुटकुले में पति तो बेचारा गया.... अब भाई देखिए पत्नियों पर व्यंग्य लिख लिख कर कैसे कैसे कवियों नें अपनी रोजी रोटी चलाए रखी.... वैसे इस हास्य व्यंग्य में जीवन चलता रहे तो कितन उत्तम हो.... आईए कुछ इसी प्रकार के चुटकुलों और प्रसंगो से आपका मनोरंजन किया जाए....
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पत्नी – अजी, ये जो आप जीन्स बार-बार ऊपर खींचते हो, बहुत बुरा लगता है.
पति - मेरा ख़याल है अगर मैं जीन्स ऊपर नहीं खीचूँ तो और भी बुरा लगेगा … !!!
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एक महिला रसोई में पहुंची तो देखा कि उसका पति जाली हाथ में लिए हुए घुमा रहा था।
”ये तुम क्या कर रहे हो ?” – पत्नी ने उससे पूछा ।
”मक्खियां मार रहा हूं।” – पति ने जवाब दिया।
”अच्छा ! एकाध मार पाये?” – पत्नी ने पूछा।
”तीन ! दो मादा और तीन नर ।” – पति ने कहा।
विस्मित होते हुये पत्नी ने पूछा – ”ये कैसे मालूम पड़ा ?”
”तीन शराब की बोतल पर थीं और दो फोन पर” – पति ने जबाब दिया।
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घडी और बीवी में क्या अन्तर है...
एक बिगडती है तो फ़िर बन्द हो जाती है...
एक बिगडती है तो फ़िर चालू हो जाती है....
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एक महिला अपने बीमार पति को डॉक्टर के पास ले गई।
पूरी जांच करने के उपरांत डॉक्टर ने महिला को अलग कमरे में ले जाकर बताया – ”तुम्हारे पति गंभीर अवसाद से ग्रसित हैं । यदि तुमने मेरे निर्देशों का पालन नहीं किया तो वह निश्चित ही मर जायेंगे।”
”रोज सुबह उन्हें पौष्टिक नाश्ता दो। हर समय खुश दिखो। दोपहर और रात का भोजन स्वादिष्ट और सुपाच्य होना चाहिये।”
”अपनी समस्याओं की चर्चा उनके सामने कभी मत करो। इससे उन्हें और ज्यादा तनाव होगा। कोई भी उन्हें सताये या चिढ़ाये नहीं।
”यदि 6 महीने तक तुमने यह सब कर लिया तो मैं समझता हूं तुम्हारे पति पूरी तरह स्वस्थ हो जायेंगे।”
घर जाते समय, पति ने पत्नी से पूछा, – ”डॉक्टर ने क्या कहा ?”
”यही कि तुम बहुत जल्दी मरने वाले हो,” पत्नी ने जवाब दिया।
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पत्नी- नई कार और नए पति में कोई फर्क नहीं…. दोनों ही 2-3 साल ठीकठाक चलते हैं.
पति - पुरानी कार और पुरानी बीवी में भी कोई फर्क नहीं… दोनों ही आवाज़ करती हैं !!!
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चलिए बहुत हुआ पत्नी पर चुटकुला..... सच्चाई यह है की पत्नी तो अर्धांगिनी है, जीवन का सबसे बडा आनन्द है... पत्नी खुश है तो फ़िर घर खुश है..... पत्नी है पति की परछाई.... दुख सुख में साथ निभाती है... इसीलिए तो महाकवि देव बाबा नें लिखा है...
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तुम हो तो सब कुछ है...
तुम नहीं तो कुछ नहीं...
तुम हो तो हर रात दीवाली के दिए जगमगाते हैं
तुम हो तो हर दिन होली के हर रंग झिलमिलाते हैं...
तुम हो तो शहर हर मौसम में भला लगता है
तुम हो तो हर फ़ूल खिला लगता है
तुम हो तो ज़िन्दगी कितनी आसान है
तुम न हो हर दिन बेजान है...
तुम हो तो ज़िन्दगी से बहार है
तुम हो तो हर पल में प्यार है....
तुम हो तो सब कुछ है...
तुम नहीं तो कुछ नहीं...
तुम नहीं तो कुछ नहीं...
तुम हो तो हर रात दीवाली के दिए जगमगाते हैं
तुम हो तो हर दिन होली के हर रंग झिलमिलाते हैं...
तुम हो तो शहर हर मौसम में भला लगता है
तुम हो तो हर फ़ूल खिला लगता है
तुम हो तो ज़िन्दगी कितनी आसान है
तुम न हो हर दिन बेजान है...
तुम हो तो ज़िन्दगी से बहार है
तुम हो तो हर पल में प्यार है....
तुम हो तो सब कुछ है...
तुम नहीं तो कुछ नहीं...
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चलिए पति-पत्नी के इस महान रिश्ते को नमस्कार करते हैं... और अपने बुलेटिन को आगे बढाते हैं....
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"रंगों का त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक at उच्चारण
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पान सिंह तोमर- जैसी कहानी होनी चाहिए Puja Upadhyay at लहरें...
पान सिंह तोमर...इसके प्रोमो देखे थे तब ही से सोच रखी कि फिल्म तो देखनी ही
है...पर सोच रही थी अकेले देखने जाउंगी कुणाल या फिर बाकी जिन दोस्तों के साथ
फिल्में देखती हूँ शायद उन्हें पसंद न आये...ये पलटन क्या...अधिकतर लोगों का
फिल्मों के प्रति आजकल नजरिया है कि फिल्में हलकी-फुलकी होनी चाहिए...जिसमें
दिमाग न लगाना पड़े. हफ्ते भर ऑफिस में इतना काम रहता है कि वीकेंड पर कहीं
दिमाग लगाने का मूड नहीं रहता. ब्रेनलेस कॉमेडी हिट हो जाती है और अच्छी
फिल्में पिछड़ जाती हैं. अफ़सोस होता है काफी...मगर उस पर फिर कभी.
पान सिंह तोमर एक बेहतरीन फिल्म है...इसे देख कर प्रेमचंद की याद आती है...सरल
किस्साग... more »
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राग काफी और होली के इन्द्रधनुषी रंग कृष्णमोहन at रेडियो प्लेबैक इंडिया
*स्वरगोष्ठी – ६० में आज *
‘होरी खेलत नन्दलाल बिरज में...’
*भारतीय समाज में अधिकतर उत्सव और पर्वों का निर्धारण ऋतु परिवर्तन के साथ
किया गया है। शीत और ग्रीष्म ऋतु की सन्धिबेला में मनाया जाने वाला पर्व-
होलिकोत्सव, प्रकारान्तर से पूरे देश में आयोजित होता है। यह उल्लास और उमंग
का, रस और रंगों का, गायन-वादन और नर्तन का पर्व है। आइए, इन्हीं भावों को साथ
लेकर हम सब शामिल होते हैं, इस रंगोत्सव में। *
*अ*बीर-गुलाल के उड़ते बादलों और पिचकारियों से निकलती इन्द्रधनुषी फुहारों के
बीच ‘स्वरगोष्ठी’ के साठवें अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आपकी संगोष्ठी
में पुनः उपस्थित हूँ।... more »
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इश्श्माइल करते अजय कुमार झा सुमित प्रताप सिंह at सुमित प्रताप सिंह
प्रिय मित्रो
सादर ब्लॉगस्ते!
साथियों अपना जीवन छोटा सा है तो इस छोटे से जीवन को हँसते-मुस्कुराते
गुजारा जाए तो कितना अच्छा रहे। अपनी पंक्तियों द्वारा कहूँ तो-
*जीवन में दुःख है बहुत *
*क्यों न ऐसा करें *
*हँस-हँस जिएँ *
*मुस्कुरा के मरें...*
सुख-दुःख तो जीवन में आते और जाते रहते हैं..वैसे भी जब तक हम दुःख नहीं
झेलेंगे तब सुख का आनंद हमें कैसे पता चलेगा। जब भी निराशा आपको हताश व निराश
करने आए तो उसकी कमर में हँसी का ऐसा जबर्दस्त लट्ठ मारिए कि फिर कभी आपके
सामने आने का वह साहस ही न कर सके। तो इसी बात पर मेरे साथ मुस्कुराइए और एक
जोरदार ठहाका लगाइए। अरे वाह खिलखिलाते हुए आपका ... more »
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11 वर्षीय एक दलित लड़की लक्ष्मी को बापू ने बेटी के रूप में
अपनाया था। आश्रम में हर किसी के लिए सूत कताई की न्यूनतम मात्रा तय थी।
प्रत्येक शाम की प्रार्थना सभा में दिनभर काते हुए सूत की मात्रा की घोषणा
की जाती थी। उसे रजिस्टर में दर्ज़ किया जाता था। एक दिन यह पता लगा कि
लक्ष्मी दूसरे के सूत चुराकर अपने काते गए सूत में ... more »
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हिन्द युग्म के स्टाल पर आज ' प्रेम न हाट बिकाय' का लोकार्पण : हिंदी चिट्ठाकारों से मिलने का मौका भी है छोडि़एगा मत, मौका और क्या अविनाश वाचस्पति at नुक्कड़
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*बाबा से तेनाली राम की कहानी सुनते कार्तिक ...*
*बाबा से तेनाली राम की कहानी सुनते कार्तिक ...*
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बुज़ुर्गियत की मुस्कान...खुशदीप Khushdeep Sehgal at देशनामा
*सांध्यकाल से जुड़ी पोस्ट की आखिरी कड़ी शुक्रवार को ही लिखनी थी...लेकिन
शनिवार को 'नूरा कुश्ती' में उलझ गया...लीजिए बुज़ुर्गियत की वो कुछ गुदगुदाती
बातें, जिनसे हमें भी कभी न कभी पेश आना ही पड़ेगा...*
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*एक सीनियर सिटीजन ने अपने अस्सी साल के दोस्त से कहा...*
*मैंने सुना तुम शादी करने जा रहे हो..*
*हां, ठीक सुना है...*
*क्या मैं उसे जानता हूं...*
*नहीं...*
*क्या वो दिखने में सुंदर है...*
*हूं...खास नहीं...*
*क्या वो अच्छा खाना बनाती है...*
*नहीं, वो कुकिंग में अच्छी नहीं है...*
* बहुत अमीर है...*
*नहीं ओल्ड एज पेंशनर है...*
*फिर तुम्हें बहुत प्यार करती... more »
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जोगीरा:'परम' श्रेणी परहेज से रहे...बोलs हमरो जिन्दाबाद!... गिरिजेश राव, Girijesh Rao at एक आलसी का चिठ्ठा -
(1)
के आइल हो राज हमारे, मुल्ला राजा जिन्दाबाद
के आइल हो काज हमारे, माया रानी जिन्दाबाद
के आइल हो साज हमारे, कइलड़ पार्टी जिन्दाबाद
के आइल हो साँझ सकारे, करांती पार्टी जिन्दाबाद
के आइल हो जाल हमारे, दूजी तीजी जिन्दाबाद
जियते जियते हम मरि गइलीं, बोलs हमरो जिन्दाबाद।
जगे जोगीरा सर र र र।
(2) . more »
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आई मिस यु बैंगलोर..वैरी मच abhi at मेरी बातें
बारिशों में बेल रोड और भी खूबसूरत हो जाती है यार बैंगलोर, कैसे बताऊँ
तुम्हे मैं किस तरह मिस कर रहा हूँ.एक तुम्ही तो थे जो मेरी तन्हाइयों में
मेरे साथ रहे.मेरे हर दुःख को तुमने झेला, मेरे हर सुख में तुम दिल खोल के
हँसे.आजकल तो मैं तुम्हे हर रात सपनों में देखने लगा हूँ.अब कल रात की ही बात
ले लो..मैं देखने लगा की सुबह चाय पीने राघवेन्द्र के दूकान पे मैं गया
मिंट रिफ्रेशनर singhanita at स्वाद का सफर Swad Ka Safar
सामग्री 1. पुदीने की पत्तियां –एक कप 2. चीनी –आधी कटोरी 3. नीबू का रस –एक
चम्मच 4. चाट मसाला –आधा चाय का चम्मच 5. जीरा पाउडर –एक चौथाई चम्मच 6.
व्हाइट पेपर पाउडर –एक चौथाई चम्मच 7. सोडा वाटर विधि पुदीने की पत्तियां,
नीबू का रस, चीनी और पानी मिला कर बारीक पीस लें. [...]हुआ
हूँ..दीपू दूकान पे था, और मैं फिर मुफ्त की चाय पी के आ गया.दीपू कितना अच्छा
आदमी है,बेचारे को पैसे लेने याद ही नहीं रहते..हमपे हमेशा वो उपकार करते रहता
है, और हम फ्री की चाय,पेस्ट्री,पफ खाते रहते हैं.दीपूज में मुफ्त की चाय पीने ... more »
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सो मित्रों, पत्नी की मार से मुफ़्त की चाय तक का सफ़र आशा है आपको पसन्द आया होगा.... चलिए तो आनन्द लीजिए.... हम भी चलते हैं.... पत्नी की सेवा में.... मिलते हैं ब्रेक के बाद.....
रोचक बुलेटिन …………शानदार लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति,....
जवाब देंहटाएंभूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
घडी और बीवी में क्या अन्तर है...
जवाब देंहटाएंएक बिगडती है तो फ़िर बन्द हो जाती है...
एक बिगडती है तो फ़िर चालू हो जाती है....
ये मेरे पति का कहना है ... आप उनसे कहाँ मिले ....
" HAPPY WOMEN'S DAY "
सवाल का उत्तर काहे पूछ रहे हैं जैसे नय कह देने से मान ही जाइएगा , अजी छोडिए ..ब्लॉगर सिर्फ़ एक से ही नहीं जीत पाता है ..ऊ है श्री श्री एक हज़ार आठ श्रीमती जी से ।
जवाब देंहटाएंचकाचक संडे का सन्नाट बुलेटिन बांचे हैं जी देव बबा । सुमित भाई का स्नेह भरा पोस्ट को इहां टांकने के लिए विसेस विसेस सिनेह आपको । लिंक्स सब बहुत जानदार है । एक एक करके टहल रहे हैं सब पर ।
तुम यार बहुत बेकार आदमी हो अरे यार कौन जवाब देगा इस सवाल का ... कोई भी नहीं ... समझा कर यारा ... यह सब अन्दर की बात है !!
जवाब देंहटाएंबाकी लिंक्स सब चकाचक है ... बिंदास और मस्त बुलेटिन !
:)
जवाब देंहटाएंबड़ा ही रोचक बुलेटिन..
जवाब देंहटाएंअरे ई का अजय भैया जी इहाँ भी इश्श्माइल कर रहे हैं...
जवाब देंहटाएंदेव कुमार झा भैया का खूब बुलेटिनवा लगाए हो...
राम कसम मजा आय गया...
भैया जी इश्श्माइल...
टाईट बुलेटिन है देव भिया :P
जवाब देंहटाएंबाई द वे, पत्नी की सेवा ठीक से कीजियेगा :P
जवाब देंहटाएंरोचक !
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत आभार.... पत्नी की सेवा पर सुरेन्द्र शर्मा के चुटीले व्यंग्य याद कीजिए..... और उन्ही चार लाईना को सुन सुन कर मौज कीजिए....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स दिए हैं , आभार आपका झा जी !