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रविवार, 18 मार्च 2012

हंसी के गोलगप्पे और आज का बुलेटिन...

आज कुछ हंसी के गोलगप्पे खाते हैं....  यह सभी चुटकुले इन्टरनेट से लिये गये हैं...... आभार :-)

सबसे पहले चुटकुला शिरोमणि रजनीकान्त को प्रणाम....

संता: यार ये कानून अंधा कैसे हो गया है?
बंता: यार यह सब रजनीकांत की वजह से हुआ।
संता: कैसे!?
बंता: दरअसल हुआ यूं कि एक बार एक जज ने रजनीकांत को क्राइम करते हुए देख लिया। बस उसी दिन से कानून अंधा हो गया.... 
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क्या आपको रजनीकांत का ईमेल अड्रेस मालूम है ?
रजनीकांत का ईमेल अड्रेस : gmail@rajnikant.com
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आप जानते हैं? रजनीकांत ने अनन्त तक की गिनती दो बार गिनी है।
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रजनीकांत एक बॉल में 36 रन बना सकते हैं !

कैसे ??
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रजनी बॉल को इतनी ताकत से मारेंगे कि वह 6 टुकड़ों में बंट कर बाउंड्री के पार चला जाएगा। 


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हा हा.... हमारा तो हंसते हंसते दम फ़ूल गया भाई..... लेकिन चलिए अब रजनीकान्त से ध्यान हटाते हैं
 
'आपका बेटा बहुत बोलता था, उसका क्या हाल है?'
'अब ज्यादा नहीं बोलता।'
'अरे! यह चमत्कार कैसे हो गया?'
'मैंने उसकी शादी एक ऐसी लड़की से करवा दी है जो जूडो कराटे की एक्सपर्ट है।'

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ये मनमोहन भी ले लो;
ये दिग्विजय भी ले लो;
भले छीन लो हमसे सोनिया गांधी!
मगर हमको लौटा दो, वो कीमतें पुरानी;
वो आटा, वो गैस, वो बिजली, वो पानी!
बड़ी मेहरबानी, बड़ी मेहरबानी!! 

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मनमोहन सिंह को आखिर कैसे अचानक मिल गई पीएमशिप। हम बता रहे हैं आपको यह वाकया-
सोनिया गांधी ने संसदीय दल की बैठक में पास बैठे मनमोहन सिंह से पूछा, ' आई वॉन्ट टू बिकम द प्राइम मिनिस्टर ' को हिंदी में कैसे बोलेंगे।
मनमोहन सिह: आप बस इतना बोल दीजिए कि सिंह को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए, बस सब कुछ सही हो जाएगा। 
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 तो भाई मनमोहन के प्रधानमंत्री बननें का राज मिल गया न.....  बस तो फ़िर मौज कीजिए और इन्तज़ार कीजिए.....  फ़िलहाल तो हम अपने बुलेटिन को आगे बढाते हैं....

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उनका मायका,मेरी मौज! by (Arvind Mishra) at क्वचिदन्यतोSपि... 

आज वे मायके चली गयीं हैं ..और इससे उपजे अहसास पर सोचा एक पोस्ट चेप दूं .यह भीड़ जुटाऊ श्रेणी की पोस्ट है . कभी कभार की ऐसी पोस्टों से ब्लॉगर की मौजूदगी का अहसास दीगर ब्लागरों में बना रहता है ...अगर यह पोस्ट ज्यादा टिप्पणियाँ नहीं जुगाड़ेगी तो महज इसलिए कि भीड़ जुटाने की बात मैंने बेबाकी से कह डाली है ..लोग आयेगें तो मगर टिप्पणियाँ करने में संकोच कर सकते हैं ..मगर मैं मुतमईन हूँ मेरे चाहने वाले जरुर आयेगें और अपने प्रेरणा पुष्पों को सदैव की भांति यहाँ बिखेर जायेगें ...पहले की ही तरह कुछ लोग जलेगें भुनेगें मगर यह उनकी नियति है तो मैं क्या कर सकता हूँ ..मैं तो भीतर से सभी का शुभाकां... more »

सपने देखने की शौक़ीन--'बबली'   ZEAL at ZEAL 

गाँव की भोली भाली बबली अपने सपनों को सच करने में यकीन रखती थी। पहले बड़े-बड़े सपने देखना फिर उसे सच करना यही उसकी ज़िन्दगी थी। कोई शिकायत नहीं थी उसे । खुश रहती थी वो। गाँव की बड़ी बड़ी समस्याएं हल कर चुकी थी वो , सभी गाँव वालों को उस पर आस्था और श्रद्धा हो गयी थी। उनकी अपेक्षाएं बढती जा रही थी उससे। गाँव का एक नौजवान मिहिर बबली को बहुत प्यार करता था। उसके कार्यों की सराहना करता और उसका साथ देता था। बबली की अपेक्षाएं भी मिहिर से कुछ ज्यादा ही हो गयी थीं। मिहिर बबली को अपना चाणक्य कहता था और खुद को 'सिंहरण'। एक बार उस गाँव में कुछ अत्याचारी आ गए। बबली उन्हें भगा नहीं पा रही थी अपने ग... more »

मसला मनुष्य का है  रवि कुमार at सृजन और सरोकार

मसला मनुष्य का है – वीरेन डंगवाल कविता पोस्टर – रवि कुमार

वो साथ जो नहीं था...  डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"(Dr.Rajendra Tela,Nirantar)" at "निरंतर" की कलम से.....

एक और सुबह हुयी चिड़ियाएं चहचहाने लगी नर्म धूप धरती को नहलाने लगी कलियाँ खिलने लगी जो बातें उसे निरंतर खुश करती थी आज नहीं भा रही थी चेहरा आज भी कल की तरह उदास था मन को चैन नहीं था ह्रदय भी खुश नहीं था वो साथ जो नहीं था 

दून्या मिखाइल : आईना  मनोज पटेल at पढ़ते-पढ़ते

*दुन्या मिखाइल की डायरी से कुछ कहानियां आप इस ब्लॉग पर पहले पढ़ चुके हैं. आज प्रस्तुत है एक और 'कहानी' * * * * * *आईना : दून्या मिखाइल * (अनुवाद : मनोज पटेल) वे सारी तस्वीरें जिन्हें हम जी चुके होते हैं हमारे पीछे रहती हैं आईने में, शीशे के दूसरी तरफ. शादियाँ, जंग, सेक्स, गुनाह, हँसी, झुर्रियां. हर दृश्य दर्ज करने के लिए होता है आईना. उसे नहीं पता कि बस एक चिटकन ही काफी होती है चूर-चूर कर देने के लिए हर चीज. :: :: ::

Deceptions of the Century...  अदा at काव्य मंजूषा

दुनिया की, सारी बड़ी सच्चईयाँ, बड़े-बड़े झूठ से बनी हैं... फिर वो चाँद पर जाना हो, या ट्विन टावर का गिरना, वेपन ऑफ़ मॉस डिस्ट्रक्शन का सच हो, या... एड्स का आविष्कार.... ये सारे झूठ, सच बन जाते हैं, छोटे लोगों को मिटा कर....   ठीक वैसे ही, जैसे.. ब्रेन-सर्जरी में, महारत हासिल होती है, मेंटली रिटार्डेड को  गिनी-पिग बना कर...!! हम चाँद पर कभी गए ही नहीं...सबूत ये रहा... more »

भारतीय काव्यशास्त्र – 104 हरीश प्रकाश गुप्त at मनोज 

भारतीय काव्यशास्त्र – 104 आचार्य परशुराम राय पिछले अंक में अर्थदोषों पर चर्चा समाप्त हो गयी थी। *इसअंक से रसदोषों पर चर्चा प्रारम्भ हो रही है।* वैसे अब तक जिन दोषों पर चर्चा हुई है, वे भी किसी न किसी प्रकार रस की प्रतीति मेंपरोक्ष रूप से व्यवधान उत्पन करते हैं। पर जो दोष प्रत्यक्ष रूप से रस की प्रतीतिमें बाधक होते हैं, उन्हें *रसदोष* माना गया है। *काव्यप्रकाश* मेंनिम्नलिखित 13 दोषों का उल्लेख किया गया है- *व्यभिचारिरसस्थायिभावानां शब्दवाच्यता।*** *कष्टकल्पनया व्यक्तिरनुभावविभावयोः।।*** *प्रतिकूलविभावादिग्रहो दीप्तिः पुनः पुनः।*** *अकाण्डे प्रथनच्छेदौ अङ्गस्याप्यतिविस्तृतिः।।*** ... more »

मिसेज सचिन की आ गई SAU-TON...खुशदीप ​  Khushdeep Sehgal at देशनामा


शुक्रवार को सचिन तेंदुलकर के इंटरनेशनल करियर का महाशतक लगते ही टविटर पर बधाई संदेशों की बाढ़ लग गई..क्रिकेट देश में कितना रचा-बसा है, इसका अंदाज़ इसी से लग जाता है कि बजट जैसा महत्वपूर्ण वार्षिक अनुष्ठान भी नेपथ्य में चला गया...सचिन को किस-किस ने बधाई दी, ये तो आप तक टीवी-अखबारों के ज़रिए पहुंच ही चुका होगा...मैं आपको यहां बताने जा रहा हूं सचिन की मीरपुर में सौवीं सेंचुरी पर आए कुछ मज़ेदार ट्वीट्स के बारे में...​ ​​ ​त्यागी G...​​ ​आखिर अंजलि तेंदुलकर को * SAU-TON* मिल गई..​ *​​* ​सलोनी शर्मा​ ​सचिन की माताजी का नाम *रजनी* हैं...कोच का नाम रमा...*कांत *है...सौवां शतक तो शुरुआत से... more »

 

तन मन को देती जला, रहा दूसरा ताप-  रविकर at "कुछ कहना है"

रमिया का एक दिन.... (महिला दिवस के बहाने) खटे सदा रमिया मगर, मिया बजाएं ढाप । तन मन को देती जला, रहा दूसरा ताप । रहा दूसरा ताप, हाथ पे हाथ धरे है । जीवन का अभिशाप, मगर ना आह करे है । रमिया दारु लाय, पिलाती नाग नाथ को । साड़ी अगली बार, मीसती चली हाथ को ।। ~ dhanyavaad ~

 

 

यह बज़ट शहर और गाँव के बीच की दूरी कम करेगी  अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का बज़ट पेश होने के बाद चैन की सांस रहे थे, देश के दादा. घर का बज़ट तो संभाला जाता नहीं है लोगों से, और मीन मेख निकलते हैं, देश के बज़ट में, बुदबुदा रहे थे . शहर और गाँव के बीच में जब दूरी रहती है तो लोग चीखते हैं, चिल्लाते हैं. सरकार को असफल कहते हैं. और जब इस दूरी को कम करने की बात चल रही है तो लोगो को समस्या हो रही है. शहर में घर लेना हो तो कर्जे पर लो, टीवी,कार लेना हो कर्जे पर लो. सब उपलब्ध है. यदि ई एम आई नहीं चुका पा रहे हो तो फिर पर्सनल लोन ले लो. गाँव में भी सरकार यही करने वाली है. सत्तर हज़ार गाँव में इस साल बैंक खुलने वाले हैं. सड़क नहीं है त... more »

"खिसक गया जीवन आधार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')  डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) at उच्चारण

*महँगी रोटी-सस्ती कार।* *खिसक गया जीवन आधार।।*** *भीख माँग कर द्वारे-द्वारे,*** *जा बैठे ऊँचे आसन पर।*** *भोली जनता को भरमाया,*** *इठलाते सत्ता-शासन पर।*** *बापू की केंचुली पहनकर,*** *पाकर वोट कर दिया वार।*** *खिसक गया जीवन आधार।।*** *बना दिया कुछ मक्कारों ने* *घोटालों वाला यह देश।*** *उज्जवल लोकतन्त्र के तन पर*** *लिख डाला काला सन्देश।*** *चना-चबेना तक मँहगा है,* *निर्धन पर भारी सरकार।*** *खिसक गया जीवन आधार।।*** *धूप और बारिश-सर्दी में,*** *कृषक अन्न को उपजाते हैं।*** *श्रमिक बहा कर खून-पसीना,*** *रैन-दिवस खटते जाते हैं।*** *मौज उड़ाते इनके बल पर,*** *अधिकारी, बाबू-मक्कार।* *खिसक गया... more » 


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आशा है आपको आज का बुलेटिन पसन्द आया होगा..... चलिए कल तक के लिए देव बाबा की राम राम....

जय हिन्द
देव

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढिया ..
    अच्‍छे अच्‍छे लिंक्‍स मिले !!

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  2. जे बात देव बाबु की जय हो ... महाराज खूब संभालें हो बुलेटिन का मोर्चा ... जय हो ...

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  3. बढ़िया प्रस्तुति ।

    आभार ।।

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  4. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन्।

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  5. सतसैया के दोहरे सी धारदार रही ब्लॉग बुलेटिन .

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  6. रजनी सर के तमाम किस्सों के बारे में स्वयं उनका कहना है कि सिर्फ दो कहानियां/किस्से/चुटकुले हैं.. बाक़ी के अनगिनत किस्से दरअसल तथ्य हैं/ सचाई/फैक्ट!!
    मज़ा आ गया.. एक अनोखा ढंग बुलेटिन प्रस्तुत करने का!!

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!