प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
हमारे आस-पास ऐसे बहुत से लोग होते है जिनकी फिजूल की बातों में सामने वाले को भले ही रुचि न हो, लेकिन उनकी बकबक चालू ही रहती है। अब ऐसे लोगों की जुबान पर ताला लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक मशीन तैयार की है। जापान में स्पीच जैमर नाम की यह मशीन अत्यधिक बोलने वाले को एकदम से खामोश कर सकती है। इस मशीन में माइक्रोफोन और स्पीकर लगा हुआ है। यह माइक्रोफोन बोलने वाले की आवाज को रिकार्ड कर स्पीकर को भेज देता है, और 0.2 सेकंड की देरी के बाद दोबारा सुनाता है। जब वक्ता को अपने ही शब्द तकरीबन एक सेकंड बाद सुनाई देते है तो वह बात करने में अक्षम हो जाता है। इस तरह बकबकी लोगों से सामने वालों को छुटकारा मिल जाता है। इस खबर को आप यहाँ भी पढ़ सकते है !
अब इस से पहले कि आप लोग मेरी बक बक बंद करने के लिए इस मशीन का उपयोग करने की सोचने लगे मैं चलता हूँ आज की ब्लॉग बुलेटिन लगाने !
सादर आपका
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सुनाइये
इस को दलदल में ही रहने दो
vicks खाओ ... खिंच खिंच भगाओ ...
वाह भई वाह
कितने समझते है
कहाँ
अक्सर कामयाब होती है
किसका
सब से भली
सत्य वचन
जय बाबा की
सब जू जू का दोष है
हे राम सच में
चलो घूम आयें श्रीमान
बताएं आप
पर क्यों
पर काहे जी
किसका कितना
यूँ लगा खुदा चल गया है
बधाइयाँ जी बधाइयाँ
लगता तो है पर अब तो सब को आदत पड़ गयी है
चलें क्या
अजब और गजब भी
आभार इस जानकारी का
किसकी और किसको
उपयोगी जानकारी के लिए आभार
क्या है
हमें भी यही लगता है
गूंज रही है हर तरफ
आखिर कर ही दी न ... उंगली
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
अरे क्या मशीन की जानकारी दी है ..बड़े काम की है..बुलेटिन भी.
जवाब देंहटाएंहा हा... इस मशीन की जानकारी कहीं मेरे लिये तो नहीं......क्यों बताया सबको ???....:-) मेरी बकबक तो काम आती है न!... और ये आज्ञा लेकर जा कहाँ रहे हैं आप? बुलेटिन पढ़ने तो दिजीए.........:-)
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन है।
जवाब देंहटाएंशिवम जी बहुत सुंदर लिंक्स चयन ....काफी पढ़ लिए ...कुछ ज्वाइन भी कर लिए ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन
अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार!
अच्छा संकलन शिवम् जी. बहुत-बहुत धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंsabhi links ek se badhkar ek....shukriya
जवाब देंहटाएंबढ़िया ब्लॉग बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिए धन्यवाद
अच्छा संकलन,प्रस्तुति!आभार!
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन!
जवाब देंहटाएंआभार!
अरे! फिर गिरिजेश जी का क्या होगा.. वे कहते हैं कि मेरी बकबक में नायाब बातें होती हैं!!:)
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी!! बेहतर लिंक्स!!
bahut khoob ...
जवाब देंहटाएंshaandaar-jaandaar charchaa ...
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन! सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति,हमेशा कि तरह लाजबाब.....शिवम जी बधाई
जवाब देंहटाएंRESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
बड़े जतन से सहेजे हैं बुलेटिन के सूत्र। बधाई।
जवाब देंहटाएंजी हमने तो सुना दी ...
जवाब देंहटाएंपर मन में अभी भी हलचल है इन्सान का ये रूप देख .....
अच्छे लिंक्स !
जवाब देंहटाएंआपका दिल से शुक्रिया शिवम जी , मेरी रचना को यहाँ शामिल करने के लिये. यूँ ही अपना प्यार बनाए रखे .
जवाब देंहटाएंविजय
धन्यवाद शिवम भाई !
जवाब देंहटाएंब्लॉग के मेनू बार पर लिंक लगाने की बढ़िया सीख !
ha ha, aaj se bak bak band :-)
जवाब देंहटाएंआपका ये प्यार और स्नेह अदुभत है
जवाब देंहटाएं, बहुत बहुत शुक्रिया
bak-bak karne walon ke aage yah स्पीच जैमर machine khud kab jaam ho jaayegi yahan to uska phi pata nahi lag paayega...
जवाब देंहटाएंbahut badiya prastuti ke sath badiya links ke sath sarthak bulletin prastuti...
आप सब का बहुत बहुत आभार!
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