- लिखना जीवन के प्रति एक विश्वास है यशोदा अग्रवाल जी का। प्रतियोगिता में शामिल होना उनकी ब्लॉग के प्रति निष्ठा है।
कल की ख़्वाहिशें और हैं
जो जीते है ज़िंदगी के पल-पल को
उसके लिये ज़िंदगी के मायने और है
हसरतें कुछ और हैं
वक़्त की इल्तज़ा कुछ और है
हासिल कुछ हो न हो
उम्र का फलसफ़ा कुछ और है
कौन जी सका है...
ज़िन्दगी अपने मुताबिक
वक़्त की उंगली थामे
हर मोड़ की कहानी कुछ और है
ख़यालों के सफ़र में
हक़ीकत और ख़्वाब बुने जाते हैं
दिल चाहता कुछ और है
पर होता कुछ और है
यूं तो जिंदगी में आवाज देने वाले,
ढेरों मिल जायेंगे .......!!
कुछ पल सुकून आ जाये
ऐसे हमनवां का एहसास और है.....!!
आभार दीदी
जवाब देंहटाएंसादर चरणस्पर्श..
लाज़बाब सृजन
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष व शुभकामनाओं के संग हार्दिक बधाई छोटी बहना
जवाब देंहटाएंब्लॉग के प्रति निष्ठा सराहनीय और अनुकरणीय है
बहुत बढ़िया ..
जवाब देंहटाएंकौन जी सका है...
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी अपने मुताबिक
वक़्त की उंगली थामे
हर मोड़ की कहानी कुछ और है.. वाह!!
यूं तो जिंदगी में आवाज देने वाले,
जवाब देंहटाएंढेरों मिल जायेंगे .......!!
कुछ पल सुकून आ जाये
ऐसे हमनवां का एहसास और है
बेहद खूबसूरत !!! अद्भुत व लाजवाब !!
इस बात की बात ही कुछ और है !
जवाब देंहटाएंवाह !
यूं तो जिंदगी में आवाज देने वाले,
जवाब देंहटाएंढेरों मिल जायेंगे .......!!
कुछ पल सुकून आ जाये
ऐसे हमनवां का एहसास और है.....!!वाह !लाज़बाब सृजन प्रिय दी जी
सादर
बेहतरीन रचना एवं हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना एवम् शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंपल पल जीने की कला जिसे आ जाती है, हर स्थिति उसके लिए एक अवसर बन जाती है
जवाब देंहटाएंयशोदा दी का ब्लॉग और साहित्य के प्रति समर्पण नमन योग्य है अनगिनत नवोदित रचनाकारों की लेखनी का परिचय
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत के पाठकों से करवाने में अभूतपूर्व योगदान सराहनीय है। साहित्यिक रचनाओं का संकलन जितनी निष्ठा से करती है कभी कभार अपनी लेखनी से उतनी से श्रद्धा से अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोती भी रहती हैं।
बहुत सुंदर मनोभाव रखे है दी ने इस कविता में भी।
मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें दी।
वाकई इस मेड़ की कहानी कुछ और है । भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंजी सादर नमस्कार दीदीजी!
जवाब देंहटाएंहसरतें कुछ और है।
वक्त का इल्तजा कुछ और है।
हासिल कुछ हो-न-हो ,
उम्र का फलस़फा कुछ और है।
बहुत सुंदर रचना दीदीजी।आपका मनोबल सुदृढ़ है यह तो आपके मनोभावों से ही पता चलता है।बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई।
बहुत शानदार रचना
जवाब देंहटाएंयशोदा जी को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक सटीक फ़लसफ़े जिन्दगी के....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया यशोदा जी।
बेहतरीन..वाह!
जवाब देंहटाएंवाह!! बेहतरीन सृजन !!हार्दिक शुभकामनाएं यशोदा जी ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा अग्रवाल जी ब्लाग जगत की जानी मानी शख्सियत हैं, बहुत सरल दिल मेहनती,और प्रतिबद्ध ।
जवाब देंहटाएंसदा नये रचनाकारों को उनका सहयोग और स्नेह ब्लाग जगत में स्थापित करती रही हैं,साथ ही अच्छी भावपूर्ण सृजक भी, कम लिखती हैं पर जो भी लिखती हैं लाजवाब लिखती हैं ,ये रचना भी बहुत सार्थक और भाव पूर्ण है ।
अप्रतिम सुंदर।
शानदार सृजन, बहुत ही सुंदर रचना... आपके ब्लॉग से लगाव और रचनात्मक को सलाम...
जवाब देंहटाएंख़यालों के सफ़र में
जवाब देंहटाएंहक़ीकत और ख़्वाब बुने जाते हैं
दिल चाहता कुछ और है
पर होता कुछ और है
बहुत ही सार्थक सृजन आदरणीय यशोदा दीदी | आपको हार्दिक बधाई इस विशेष आयोजन की अतिथि रचनाकार बन्ने पर | ब्लॉग में आपके अतुलनीय सहयोग से अनगिन ब्लॉगर एक नयी पहचान बनाने में सफल हुए हैं , जिसके लिए आभार उर आभार !!!! हार्दिक शुभकामनायें आपके लिए |
निःशब्द! बस इतना ही :
जवाब देंहटाएं||पंचामृत पीयूष पीव निर्मल।
सृजन समंदर हाला हलचल।।
साहित्य सरस सुख सुधा पयोदा।
नित नमन धन सुभग 'यशोदा'||
कौन जी सका है...
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी अपने मुताबिक
वक़्त की उंगली थामे
हर मोड़ की कहानी कुछ और है .... बेहतरीन रचना हार्दिक शुभकामनाएं
हर शब्द कितनी सहजता से हर मोड़ का सच बयां कर रहा है ... बहुत ही अच्छा लिखा है यशोदा जी आपने, इसी समर्पण एवम निष्ठा से आप ब्लाग जगत में सदैव अग्रसर रहें ... अनंत स्नेहिल शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहसरतें कुछ और हैं
जवाब देंहटाएंवक़्त की इल्तज़ा कुछ और है
हासिल कुछ हो न हो
उम्र का फलसफ़ा कुछ और है।।।।।
जितना मैं जान सका हूँ, आदरणीय दीदी सचमुच ही एक विशेष व्यक्तित्वं हैं और उनकी साहित्यिक निष्ठा अनुकरणीय है। ससम्मान नमन।
सरल, सहज, हृदयग्राही अहसासों से सजी मनोहर प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर रचना ! यशोदा जी की यह धरोहर निश्चित रूप से अनुपम है !
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