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शनिवार, 22 जून 2019

रहा गर्दिशों में हरदम: २४५० वीं ब्लॉग बुलेटिन

जब आदमी साइंस पढ़ता है त अपने आप को एतना बुद्धिमान समझने लगता है कि उसको बुझाता है जइसे दुनिया का सब सवाल का जवाब उसके पास है. लेकिन ऊ भुला जाता है कि पेड़ के ऊपर चढ़ा हुआ आदमी को दूर से आता हुआ रेलगाड़ी देखाई देता है, मगर पेड़ के नीचे खड़ा आदमी नहीं देख पाता है. इसलिये दुनो आदमी का कहना कि गाड़ी आ रहा है अऊर नहीं आ रहा है, सही है. साइंस का जेतना भी ज्ञात सिद्धांत है उसके हिसाब से कोई बैज्ञानिक सही हो सकता है, मगर सब सिद्धांत उसको ज्ञात है ई बात का सर्त ऊ नहीं लगा सकता.

एतना भूमिका ई बात के लिये  कि जबतक हम ज्योतिस के बारे में नहीं पढ़ाई किये थे तब तक सब बेकार लगता था, मगर जब पढ़े, कुछ प्रैक्टिस किये तब बुझाया कि कमाल का चीज है. साइंस पढ़ने के बावजूद भी भरोसा हो गया. तब जाकर हम सबसे जादा याद किये सेक्सपियर साहब को. काहे कि ज्योतिस के मामला में ऊ हमारे गुरु हैं. उनका नाटक मैकबेथ ज्योतिस के सिद्धांत को ब्याबहारिक रूप से साबित करता है. खैर ऊ कहानी फिर कभी. चलिये ज्योतिस का एगो खास बात हम अपने बारे में बताते हैं अऊर इसमें कोई मिलावट नहीं है, काहे कि इस बात को हमारे अऊर आप लोग में से बहुत से लोग के दोस्त भी सुईकार किये जो ज्योतिस के बहुत बड़े जानकार हैं – पण्डित सिद्धार्थ जोशी जी.

आपके कुण्डली में खराब स्थान होता है अऊर खराब ग्रह होता है, साथ में अच्छा स्थान अऊर अच्छा ग्रह भी होता है. हमारा कुण्डली में भी है, लेकिन आपको ताज्जुब होगा कि जेतना अच्छा ग्रह है, सब खराब स्थान में है अऊर खराब ग्रह अच्छा घर में बइठा हुआ है. नतीजा सारा जिन्नगी में हम फेलियर रहे, हमारा तय किया हुआ कोई काम कभी नहीं हुआ. जो अच्छा हुआ उसके लिये एतना नाक रगड़ना पड़ा कि खुसी का मजा खतम हो गया.

दिल्ली में आकर महसूस हुआ कि चलो अब थोड़ा सा टाइम बचा है, एहीं से सीनियर सिटिजन गति को प्राप्त हो जाएँगे. लिखना पढ़ना साल भर से बंद था, सोचे थे धीरे-धीरे सुरु करेंगे. सुरुआत भी किये अपने ब्लॉग पर अऊर जिस दिन सुरू किये उसी दिन हमारा ग्रह-नछत्तर के पेट में दरद सुरू हो गया. अऊर इससे पहले कि हम नॉर्मल होते, हमरा बदली गुजरात हो गया. पुराना जगह, मगर नया काम. इस बार मानसिक सांति, मगर समय का भीसन कमी. रात को नौ बजे के बाद कभी दस बजे लौटना अऊर थक कर टीवी देखते हुये खाना खाकर सो जाना. कुल मिलाकर नतीजा एही कि हमारा लिखना बंद.

आपलोग कहियेगा कि एक घटना से कोई नियम नहीं बनता कि हमारा कुण्डली खराब है अऊर हमारा ग्रह गोचर गड़बड़ है. लेकिन जाने दीजिये कोई कहा है कि आँसुओं का बिज्ञापन नहीं करना चाहिये, दुनिया में पहिले से बहुत जादा है. एक एक कहानी सुनाने बइठेंगे त लिखने वाला एक एक उपन्यास लिख जाएगा. 

इसलिये आज त बस उत्सव का बात करना है. हमारा ब्लॉग-बुलेटिन का टीम का लोग आप लोग को ब्लॉग-बुलेटिन ब्लॉग-रत्न सम्मान प्रतिजोगिता के बारे में पहिले से बता चुके हैं. इसलिये हम आपसे बिनती करेंगे कि इसमें बढ़चढ़कर भाग लीजिये. ई प्रतिजोगिता का मतलब हार-जीत ईनाम सम्मान नहीं है, बस ब्लॉग का दुनिया में जो भी सकारात्मक और रचनात्मक काम चल रहा है उसको जगाए रखना है. आज आपका आभासी दुनिया से गायब हो जाने पर लोग आपको खोजता है, आपके परिबार के खुसी में जस्न मनाता है, आपके अच्छा स्वास्थ का कामना या आपके दु:ख में साथ मिलकर आँसू बहाता है, ऊ आपके परिबार से बाहर एही ब्लॉग के दुनिया का दोस्त लोग है. 

हमारा टीम का अथक प्रयास अऊर लगन का नतीजा है कि हमलोग आज 2450 वाँ पोस्ट तक पहुँच गये. बिना आप लोग के सहजोग के ई कहाँ सम्भब था. हम भले केतनो ब्यस्त हों, बुलेटिन पर अपना पोस्ट लिखना कभी नहीं भूलते हैं, चाहे केतना भी परेसानी हो.

अब ई बात हमरा सितारा अऊर ग्रह लोग को मत बता दीजियेगा, नहीं त बस समझ लीजिये कि हमरा एहाँ लिखना भी बंद हो जाएगा.


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गाँव का जीवन

हवाई सर्वेक्षण.......

वडोदरा से अहमदाबाद डीएमयू से और जलाराम के पराठे

ज़िंदगी और मौत ....इन्द्रा

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माई री मैं कासे कहूं पीर अपने जिया की ( व्यथा-कथा ) डॉ लोक सेतिया

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प्रधानाध्यापक की गवाही

प्रभा-लेखन

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17 टिप्‍पणियां:

  1. कितना अच्छा लिखते हैं आप सलिल भाई, ग्रह नक्षत्र आपकी कलम के आगे चमक रहे

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  2. व्वाहहहह आचार्य जी व्वाहहहह..
    बढ़िया बुलेटिन दिए हैं आज..
    बुलेटे जैसा है वैसा ही लगलगा
    आभार..
    सादर..

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  3. सीधे दिल मे उतर जाती हैं आपकी बातें। ज्योतिष पर यकीन है लेकिन ज्योतिसी जो गणना करते हैं वे पूर्ण नहीं होते। इसलिए कि नाम, समय और कई बातें होती हैं जो परिणाम उलट देती हैं। वही पेड़ के नीचे से और ऊपर से देख कर बताना कि गाड़ी आ रही है कि नहीं।

    रश्मी दी जो चाहें वो पोस्ट शामिल कर लें प्रतियोगिता में, सब तो उनका पढ़ा हुआ है! वैसे कल भेजते हैं लिंक।

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  4. बहुत सुन्दर बुलेटिन आज का ! सलिल जी आपका लेख पढ़ कर गृह नक्षत्रों पर भरोसा करने का मन होने लगा है लेकिन कोई सिरा नहीं मिलता कहाँ से शुरू करें ! सार्थक लेखन के लिए हार्दिक बधाई ! मेरी रचना को बुलेटिन में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सलिल जी ! सादर वन्दे !

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  5. क्या-क्या कहूँ कितना कहूँ
    चलो चुप ही रहूँ
    उस हद तक के शब्द नहीं मिल रहे जिस तक की अनुभूति हो रही है

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  6. याद रहे... अपना टाइम आएगा!ब्लॉग जगत के ग्रह ठीक नहीं चल रहे, तो भी २४५०वें पड़ाव पर आ गये हो! पूरी टीम को बधाई!

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  7. जी सर ..ज्योतिष विज्ञान ही है और हम मानते है अध्ययन अगर गहन हो तो गणना का सटीक परिणाम अचंभित करता है।
    आपकी लिखी सहज सरल भूमिका बहुत बहुत अच्छी लगी।
    विविधापूर्ण रचनाओं के इंद्रधनुष में मेरी रचना शामिल करने के लिए मन से बहुत आभार।
    सादर।

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  8. सलिल जी, ज्योतिष विज्ञान जरूर हैं, लेकिनाज हालात यह हैं कि इसकी सही जानकारी बहुत कम लोगों को हैं। ज्यादातर लोग अपना धंधा चलाते हैं इसलिए विश्वास नहीं होता। खैर, बहुत सुंदर प्रस्तावना।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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  9. रचनाओं के इस अंक में मुझे भी स्थान देने हेतु आभारी हूँ। समस्त रचनाकारों व पाठकों का आदरपूर्वक नमन।

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  10. आपका कंटेंट बहुत ही अच्छा है। और भी जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://newsup2date.com/category/election/

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  11. मेरा कमेंट किसी पुरानी आईडी से पोस्ट हो गया है।
    - सलिल वर्मा
    चला बिहारी ब्लॉगर बनने

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  12. सभी पाठकों का आभार... इस पोस्ट का विषय कतई यह नहीं कि कल से आप ज्योतिष पर विश्वास करने लगें.. यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है और मेरे व्यक्तिगत अनुभव का!

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  13. सभी पाठकों और पूरी बुलेटिन टीम को 2450 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाइयाँ |

    ऐसे ही स्नेह बनाए रखिए |

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  14. आपकी इस अद्भुद लेखन शैली को सादर 🙏🏼🙏🏼
    एवम आप सभी को बधाई सहित अनंत शुभकामनाएं
    सादर

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  15. बहुत दिनों के बाद बाद ब्लॉग जगत में आया हॊं, अच्छा लगा। आह! आपके कलम का जादू तो आज भी वैसा ही है। बधाई!

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  16. हो गयी न गड़बड़, मुझे मालूम ही नहीं था कि आज ज्योतिष पर ब्लॉग बुलेटिन आएगा, मालूम होता तो एक पोस्ट जरूर लिखती. गत्यात्मक ज्योतिष के एप्प बनवाने में व्यस्तता ने लिखना पढ़ना बंद कर रखा है. वैसे ज्योतिषप्रेमियों और क्रिकेटप्रेमियों के लिए विश्व कप कि भविष्यवाणियां फेसबुक और यूट्यूब पर चलती आ रही है. ब्लॉग बुलेटिन की सफलता के लिए अनंत शुभकामनाएं.

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!