प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
इतिहास
1972 में
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का
आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी
दिया गया और इसके दो साल बाद, 5 जून 1974 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया
गया। 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद
से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है।
इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी,
सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात
करते हैं।
पर ये भी एक कटु सत्य है कि हमारे पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण तब तक संभव नहीं जब तक आप और हम इस में सक्रिय भागीदारी नहीं करते | साल एक एक दिन पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण की बातें कर हम कुछ हासिल नहीं कर सकते ... हमें रोजाना की अपनी आदतों में बदलाव कर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति सच्चे तौर पर जागरूक होना होगा |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
चलिए, खुद ही एक शुरुआत करें
स्वच्छ रहे परिवेश हमारा
उगाने होंगे अनगिन पेड़.....रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
मेरी ईदी
विश्व पर्यावरण दिवस !
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष बुंदेली गीत.... अपनी बुंदेली धरती- डॉ. वर्षा सिंह
अब तो प्रदूषण घटाएं ...(ग़ज़ल) - डॉ शरद सिंह
ईद मुबारक
कविता- पर्यावरण -- अंशिका कुमारी
सावित्री कथा, वैज्ञानिकता के परिप्रेक्ष्य में
पोर्टब्लेयर डायरी 1
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा. सबको मिलकर जागरूकता से कार्य करना होगा.
जवाब देंहटाएंसार्थक बात...
लिंक्स पढ़ देखती हूँ.
हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा चयन कुछ सकूँ दे गया
लाजबाब प्रस्तुतीकरण
पर्यावरण के प्रति हरेक की सकारात्मक सोच ही उस बदलाव को ला सकती है जिसकी हमें जरूरत है, सुंदर प्रस्तुति, आभार !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंजागरूरता अभियान सफल हो
आभार
सादर
सही कहा। जब तक रोज की आदतें नहीं सुधरेंगी तब तक कुछ नहीं होगा। सुन्दर,रोचक लिंक्स के साथ सुसज्ज्ति बुलेटिन। आभार।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत -बहुत धन्यवाद मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए 🙏
जवाब देंहटाएंशिवम जी,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार !!!