प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज १० मई है ... आज ही के दिन १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
शुरू हुआ था ... पर भारतीय लोकतंत्र
के मौजूदा संग्राम के चलते ... आज के दिन का यह महत्व उपेक्षित ही रहा ... आज इस की १६२ वीं वर्षगांठ है |
ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से उन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को शत शत नमन |
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सादर आपका
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पयाम-ए-आज़ादी
सन्नाटा....
बदनीयती
ज़िंदगी चलती रही
" एक शब जो नज़्म बनी ........"
मेघों की एकता
हसन नासर की कहानी 'भोज' प्रस्तुति : यादवेन्द्र
काशी पर एक कविता- प्रसन्न वदन चतुर्वेदी
कहानी- बोझ
एक गीत-मौसम का सन्नाटा टूटे
गाँधीजी का देश के साथ झूठ का प्रयोग!
तुमसे ही इतना सीखा...क्या तुम्हें सिखा दूं मैं !!! (सफ़र साल भर का)
भारत के 'ग्लेडस्टोन' - गोपाल कृष्ण गोखले की १५३ वीं जयंती
मेरा #रूह_अफज़ा
ऐसे ही बदतमीज बने रहिए
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
शानदार संग्रह ,मुझे शामिल करने के लिए आपका शुक्रियां
जवाब देंहटाएंआपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स।
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, शिवम जी।
सुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज का बुलेटिन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शिवम् जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन में मुझे शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार 🙏 🙏 🙏
बहुत उम्दा लिंक...मेरे पोस्ट के लिंक हेतु धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंउम्दा कलेक्शन। आभार आपका।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार|
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मिश्र जी |सादर प्रणाम
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