Pages

रविवार, 21 अप्रैल 2019

जोकर, मुखौटा और लोग - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का विचार :-

6 टिप्‍पणियां:

  1. वाहह्हह.. भूमिका की पंक्तियाँ गज़ब है👌
    मुखौटों के जंगल में
    एक किरदार हम भी है
    बिना मुखौटों जीने वालों के
    एक गुनहगार हम भी है।

    बहुत अच्छी रचनाएँ हैंं सारी..मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 👌
    मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. जी मेरे लेख को स्थान देने के लिये धन्यवाद।
    प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन मुखड़ा! 'वामन मंदिर खजुराहो' को शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. स्वयं की ग़ज़ल को आपके इस पटल पर देखना अत्यंत सुखद अनुभव है। कृतार्थ हूं मैं आपकी...
    सादर 🙏

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!