सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
वी. शांता (अंग्रेज़ी: V. Shanta, जन्म- 11 मार्च, 1927, माइलापुर, मद्रास) भारत की ऐसी महिला हैं, जिन्हें उनके जनकल्याणकारी कार्यों के लिए वर्ष 2005 में 'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार' दिया गया था। उनका पूरा नाम डॉ. विश्वनाथन शांता है। भारत में कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से पुरुषों में गले, फेफड़ों तथा पेट का कैंसर, प्रमुखता से देखा जाता है जो तम्बाकू के कारण होता है। स्त्रियों में गर्दन तथा स्तन का कैंसर सबसे ज्यादा देखा जाता है। इसके बावजूद लम्बे समय से इस दिशा में कोई खोजपरक काम तथा इसके इलाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। डॉ. वी. शांता ने 'चेन्नई कैंसर इन्टीट्यूट' में इस ओर बहुत काम किया और इस उपेक्षित क्षेत्र में इलाज तथा अनुसंधान दोनों को अपने निर्देशन में सम्पन्न किया। उनको उनके द्वारा जनकल्याणकारी कार्य के लिए मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।
वी. शांता का परिवार प्रबुद्ध और ख्याति प्राप्त लोगों से उजागर था। 'नोबेल पुरस्कार' प्राप्त वैज्ञानिक एस. चन्द्रशेखर उनके मामा और प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन उनके नाना के भाई थे।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
वी. शांता (अंग्रेज़ी: V. Shanta, जन्म- 11 मार्च, 1927, माइलापुर, मद्रास) भारत की ऐसी महिला हैं, जिन्हें उनके जनकल्याणकारी कार्यों के लिए वर्ष 2005 में 'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार' दिया गया था। उनका पूरा नाम डॉ. विश्वनाथन शांता है। भारत में कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से पुरुषों में गले, फेफड़ों तथा पेट का कैंसर, प्रमुखता से देखा जाता है जो तम्बाकू के कारण होता है। स्त्रियों में गर्दन तथा स्तन का कैंसर सबसे ज्यादा देखा जाता है। इसके बावजूद लम्बे समय से इस दिशा में कोई खोजपरक काम तथा इसके इलाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। डॉ. वी. शांता ने 'चेन्नई कैंसर इन्टीट्यूट' में इस ओर बहुत काम किया और इस उपेक्षित क्षेत्र में इलाज तथा अनुसंधान दोनों को अपने निर्देशन में सम्पन्न किया। उनको उनके द्वारा जनकल्याणकारी कार्य के लिए मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।
वी. शांता का परिवार प्रबुद्ध और ख्याति प्राप्त लोगों से उजागर था। 'नोबेल पुरस्कार' प्राप्त वैज्ञानिक एस. चन्द्रशेखर उनके मामा और प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन उनके नाना के भाई थे।
(साभार : bharatdiscovery.org/india/वी._शांता)
आज वी. शांता जी के 92वें जन्मदिन पर हम सब की ओर से उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
अच्छा बुलेटिन आज का ...
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्र हाथ लगे ... आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
उम्दा संकलन |
जवाब देंहटाएंसुन्दर बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंवी.शांता जो को जन्मदिन की बधाई, रोचक विषयों को समेटे सुंदर प्रस्तुति..आभार !
जवाब देंहटाएंडॉ. वी शांता जी को जन्मदिवस की बहुत बहुत बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं ! आज का बुलेटिन विविध विषयों के बेहतरीन लिंक्स समेटे हुए ! मेरे आलेख, 'कैसे हों हमारे सांसद', को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद एवं आभार हर्षवर्धन जी !
जवाब देंहटाएंडॉ. वी शांता जी एक कर्मठ महिला एक आदर्श उनको उनके जन्मदिवस की बहुत बहुत बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजानकारी युक्त सुंदर ब्लॉग बुलेटिन ।
सभी संकलन पठनीय।
सभी रचनाकारों को बधाई ।
आपका यह उपक्रम हमें बहुत पसन्द आया। आपने इसमें मेरे ब्लॉग को भी सम्मिलित किया है, इसके लिए आभार।
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