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रविवार, 3 फ़रवरी 2019

मजबूत रिश्ते और कड़क चाय - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का विचार ...


10 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा आप ने मजबूत रिश्ते और कड़क चाय, धीरे धीरे बनते हैं...बहुत सुन्दर
    सुन्दर ब्लॉग बुलेटिन की प्रस्तुति
    सादर

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  2. आज की इस प्रस्तुति में मुझे भी सहभागी बनाने के लिए मैं आभारी हूँ । रिश्ते बनाए नहीँ जाते, खुद बन जाते हैं, रिश्ते निभाए नहीं जाते, ख़ुद निब जाते हैं । बस रिश्तों के अंकुर सम्हालते रहें, रिश्तों के विशाल मजबूत वृक्ष उग आते हैं । फिर, चाय महज औपचारिकता नहीं, जरूरत बन आती है। उबल कर प्यालों में भर जाती है, मिठास बन लफ्जों में बस जाती है।
    आभार, बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  3. तमाम ब्लाॅगर के लिए आवश्यक सूचना:

    अवगत होः कि G+ जल्द ही समाप्त हो रहा है।
    अतः आप G+ Comments को अविलम्ब अलविदा कहें और Blogger comments active कर लें ताकि हम सभी ब्लागर आपस में जुड़ सकें तथा आपके ब्लाॅग के comments भी भविष्य के लिए सुरक्षित रहे।

    शुक्रिया

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  4. सुंदर लिंक्स
    ब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना संकलित करने के लिए आभार ......सहृदय आदरणीय

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  5. सुन्दर बुलेटिन.बहुत आभार.

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!