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शनिवार, 2 फ़रवरी 2019

डिप्रेशन में कौन !?

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक महिला डिप्रेशन के इलाज के लिए डाक्टर के पास गई।

डाक्टर ने पूछा कि डिप्रेशन की शुरुआत कैसे होती है?

महिला ने जवाब दिया - बुरे-बुरे ख़याल आते हैं। उल्टे सीधे ख़याल आते हैं।

डाक्टर ने कहा - कोई उदाहरण दीजिए कि कैसे ख़याल आते हैं?

महिला ने कहा - अब आप अपने क्लीनिक का ही उदाहरण ले लीजिए। मैं जब यहाँ आई तो देखा कि आपके पास एक भी मरीज़ नहीं है तो मुझे खयाल आया कि आपने डाक्टरी की पढ़ाई की है। ख़ूब पैसे ख़र्च हुए होंगे, शायद एजुकेशन लोन भी ले रखा हो। इतना बड़ा क्लीनिक बनाया है, महँगा एक्विपमेंट है, स्टाफ है। इसके लिए अलग से लोन लिया होगा। इन सब पर तो रोज़ाना का ख़र्चा ही बहुत आता होगा। बिना मरीज़ के कैसे चलेगा ? क्लीनिक बंद हो जाएगा, क़र्ज़ अलग से चढ़ जाएगा। स्टाफ़ का क्या है, दूसरी जगह नौकरी कर लेंगे पर डाक्टर साहब का क्या होगा?

महिला का क्या हुआ ये तो पता नहीं, पर उसके बाद से डाक्टर साहब डिप्रेशन में हैं।


सादर आपका
शिवम् मिश्रा

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प्रेमफरवरी-1

पिता का साथ

जिंदगी कैसी है पहेली हाय ------------- mangopeople

धूप आँगन की

फुर्र

अन्नदाता याद आया

सतरंगी यादें

604. काला जादू

पहले मुर्गी आई या अंडा --

भगवान को सरल जन ही प्रिय हैं !

मुझसे मिलना ये मेरे दोस्त !

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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

10 टिप्‍पणियां:

  1. महिला का क्या हुआ ये तो पता नहीं, पर उसके बाद से डाक्टर साहब डिप्रेशन में हैं।
    व्वाह...
    बढ़िया बुलेटिन..
    सादर..

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  2. तहें दिल से आभार सुंदर चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  3. मिश्र जी ह्रदय तल से आभार.
    हँसा दिया मतलब डिप्रेशन को हरा दिया ! बढ़िया !!
    सुबह-सुबह बुलेटिन पर आना ...रिफ्रेश बटन दबाना हो गया !
    सभी को बधाई !

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  4. बहुत सा आभार आदरणीय¡ मेरी रचना को शामिल किया गया ब्लॉग बुलेटिन में। बहुत शानदार प्रस्तुति।
    भुमिका हास्य रंग लिये आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को बधाई सभी रचनाएँ पठनीय सुंदर।
    सादर ।

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  5. ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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