सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
धन्वन्तरि हिन्दू धर्म में मान्य देवताओं में से एक हैं। भगवान धन्वन्तरि आयुर्वेद जगत् के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं। भारतीय पौराणिक दृष्टि से 'धनतेरस' को स्वास्थ्य के देवता धन्वन्तरि का दिवस माना जाता है। धन्वन्तरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। धनतेरस के दिन उनसे प्रार्थना की जाती है कि वे समस्त जगत् को निरोग कर मानव समाज को दीर्घायु प्रदान करें।
देवता एवं दैत्यों के सम्मिलित प्रयास के श्रान्त हो जाने पर समुद्र मन्थन स्वयं क्षीर-सागरशायी कर रहे थे। हलाहल, कामधेनु, ऐरावत, उच्चै:श्रवा अश्व, अप्सराएँ, कौस्तुभमणि, वारुणी, महाशंख, कल्पवृक्ष, चन्द्रमा, लक्ष्मी और कदली वृक्ष उससे प्रकट हो चुके थे। अन्त में हाथ में अमृतपूर्ण स्वर्ण कलश लिये श्याम वर्ण, चतुर्भुज भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए। अमृत-वितरण के पश्चात् देवराज इन्द्र की प्रार्थना पर भगवान धन्वन्तरि ने देव-वैद्य का पद स्वीकार कर लिया। अमरावती उनका निवास बनी। कालक्रम से पृथ्वी पर मनुष्य रोगों से अत्यन्त पीड़ित हो गये। प्रजापति इन्द्र ने धन्वन्तरि जी से प्रार्थना की। भगवान ने काशी के राजा दिवोदास के रूप में पृथ्वी पर अवतार धारण किया। इनकी 'धन्वन्तरि-संहिता' आयुर्वेद का मूल ग्रन्थ है। आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत मुनि ने धन्वन्तरि जी से ही इस शास्त्र का उपदेश प्राप्त किया था।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
देवता एवं दैत्यों के सम्मिलित प्रयास के श्रान्त हो जाने पर समुद्र मन्थन स्वयं क्षीर-सागरशायी कर रहे थे। हलाहल, कामधेनु, ऐरावत, उच्चै:श्रवा अश्व, अप्सराएँ, कौस्तुभमणि, वारुणी, महाशंख, कल्पवृक्ष, चन्द्रमा, लक्ष्मी और कदली वृक्ष उससे प्रकट हो चुके थे। अन्त में हाथ में अमृतपूर्ण स्वर्ण कलश लिये श्याम वर्ण, चतुर्भुज भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए। अमृत-वितरण के पश्चात् देवराज इन्द्र की प्रार्थना पर भगवान धन्वन्तरि ने देव-वैद्य का पद स्वीकार कर लिया। अमरावती उनका निवास बनी। कालक्रम से पृथ्वी पर मनुष्य रोगों से अत्यन्त पीड़ित हो गये। प्रजापति इन्द्र ने धन्वन्तरि जी से प्रार्थना की। भगवान ने काशी के राजा दिवोदास के रूप में पृथ्वी पर अवतार धारण किया। इनकी 'धन्वन्तरि-संहिता' आयुर्वेद का मूल ग्रन्थ है। आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत मुनि ने धन्वन्तरि जी से ही इस शास्त्र का उपदेश प्राप्त किया था।
आज धन्वन्तरि दिवस और धनतेरस पूजा की सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
सदैव की भांति सुन्दर लिंक्स से सजा ब्लॉग बुलेटिन। सभी को पांच दिवसीय दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंधन्वन्तरि दिवस के साथ सबको अच्छे स्वस्थ की शुभकामनाएँ ...
जवाब देंहटाएंसुंदर बुलेटिन ...
आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
घनतेरस की शुभकामनाएं। सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति। आभार हर्षवर्धन 'उलूक' के राजा/खाजा को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंआप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
धनतेरस पर समाजोपयोगी जानकारी देता और विचारणीय रचनाओं से सुसज्जित अंक.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार.
आप सभी का हार्दिक आभार।।
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