सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
कुंवर नारायण (अंग्रेज़ी: Kunwar Narayan, जन्म- 19 सितम्बर, 1927, फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 15 नवम्बर, 2017 दिल्ली) हिन्दी के सम्मानित कवियों में गिने जाते थे। कुंवर जी की प्रतिष्ठा और आदर हिन्दी साहित्य की भयानक गुटबाजी के परे सर्वमान्य है। उनकी ख्याति सिर्फ़ एक लेखक की तरह ही नहीं, बल्कि कला की अनेक विधाओं में गहरी रुचि रखने वाले रसिक विचारक के समान भी है। कुंवर नारायण को अपनी रचनाशीलता में इतिहास और मिथक के माध्यम से वर्तमान को देखने के लिए जाना जाता है। उनका रचना संसार इतना व्यापक एवं जटिल है कि उसको कोई एक नाम देना सम्भव नहीं है। फ़िल्म समीक्षा तथा अन्य कलाओं पर भी उनके लेख नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। आपने अनेक अन्य भाषाओं के कवियों का हिन्दी में अनुवाद किया है और उनकी स्वयं की कविताओं और कहानियों के कई अनुवाद विभिन्न भारतीय और विदेशी भाषाओं में छपे हैं। 'आत्मजयी' का 1989 में इतालवी अनुवाद रोम से प्रकाशित हो चुका है। 'युगचेतना' और 'नया प्रतीक' तथा 'छायानट' के संपादक-मण्डल में भी कुंवर नारायण रहे हैं।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
आज कुंवर नारायण जी के 91वें जन्मदिवस पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
नमन कवि कुवंर नारायण जी को उनके जन्मदिवस पर। आभार हर्षवर्धन 'उलूक' की बकबक को भी आज के सुन्दर सूत्रों के बीच जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
कुंवर नारायण को पढ़ा है और सुना भी है, उनकी रचनाएँ हृदय को छू जाती हैं, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि ! विविधरंगी रचनाओं के सूत्र देता आज का बुलेटिन..आभार !
जवाब देंहटाएंकवि कुवंर नारायण जी को उनके जन्मदिवस पर नमन।
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