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शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

कौन लिख रहा इतनी किताबें ?




जीवन-मृत्यु,
आरम्भ,मध्य,समापन में, 
संगीत में घुले-पाँच तत्व,
आराध्य,आराधक,
किसने निर्धारित किया?
ये अदृश्य होकर 
कौन लिख रहा इतनी किताबें ?
कुछ अधूरी,कुछ पूरी !
... ऐ लेखक,
मैं तुमसे मिलना चाहूँगी,
ढेर सारी बातों के मध्य,
एक बार बस एक बार,
तुमको छूना चाहूँगी !

रश्मि प्रभा

7 टिप्‍पणियां:

  1. वाह। छूना मुश्किल है। आभार रश्मि प्रभा जी सूत्र को जगह देने के लिये।

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  2. शुभ प्रभात
    बेहतरीन बुलेटिन
    सादर

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  3. बेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति

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  4. सुप्रभात, उससे मिलना सम्भव है, पर अदृश्य से तो अदृश्य होकर ही मिला जा सकता है..पहले खुद मिटना होगा तब उसे छूना भी सम्भव है..आभार तीन बार..

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  5. bahut sundar rachna didi , hamari post shamil karne hetu abhar . sundar links hai

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