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शनिवार, 4 अगस्त 2018

कैसी शिकायत ईश्वर से


शान्ति पूजा,
कलश स्थापना,
रुद्राभिषेक,
.... हर पूजा में,
संकल्प उठाये हमने। 
जीवन की आपाधापी में,
कितनी योजनाएँ बनाईं 
उम्र भर होलिका दहन में,
अपने क्रोध को जलाया 
पर  ... 
न संकल्प याद रहा,
न क्रोध का शमन हुआ !
फिर,
कैसी शिकायत ईश्वर से 
या लोगों से !
     रश्मि प्रभा 


7 टिप्‍पणियां:

  1. किसी से कोई शिकायत नहीं है। आभार आदरणीया' उलूक'के अनरगल प्रलाप को बुलेटिन में जगह देने के लिये।

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  2. आज के बुलेटिन में मुझे भी सम्मिलित करने के लिए हृदय से आभार रश्मि प्रभा जी ! तहे दिल से शुक्रिया !

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  3. बेहद सुंदर शांत सहज रचना । तहे दिल से शुक्रिया और आभार आपका !

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  4. कैसी शिकायत ईश्वर से ... सच में कैसी शिकायत उस से ... और क्यूँ !!??

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