प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
आज पूरे दिन में आप को भी रक्षाबंधन से जुड़े अनेकों संदेश मिले होंगे ... मुझे भी मिले लेकिन सब से बढ़िया संदेश ये लगा ...
आइये इस संदेश को पूर्ण सार्थकता देते हुये ... आज के दिन इस "बंद - धन" की रक्षा की शपथ लें क्यूँ कि मकबूल शायर मुनव्वर राणा साहब ने बिलकुल वाज़िब फ़रमाया है कि ...
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा
~मुनव्वर राना
ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं |
सादर आपका
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हाइकू -राखी पर
राखी
राखी बांधने का मकसद
यह राखी बंधन है ऐसा
204. दिगम्बर जेठू, बालिका नृत्यांगना तथा नैसर्गिक हँसी
एक वसीयत मेरी भी ....... निवेदिता
मधुकर मत कर अंधेर
...उसकी आंखों से देख रहा हूं......
परिप्रेक्ष्य : ग्यारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन : संतोष अर्श
काली भेंड़
भीड़ का ज़मीर
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
सटीक सन्देश समय की जरूरत। सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति। सभी को रक्षाबन्धन पर्व शुभ हो।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर। आपको भी रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है, राखी के अवसर पर समसामयिक सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर बुलेटिन प्रस्तुति
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