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शनिवार, 25 अगस्त 2018

अकेले हम - अकेले तुम

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई नहीं देता;
कभी चिंतित रहता हूँ, कोई परवाह नही करता;
कभी मायूस होता हूँ, कोई पूछने तक नही आता;
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पर जब कभी चाट की दुकान पर अकेला जाता हूँ; कोई ना कोई पीछे से आ ही जाता है और पूछ लेता है -

 "क्या  शिवम् भाई अकेले-अकेले !!??"

सादर आपका
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दूनं शरणं गच्छामि

सही कहा गया है ... भगवान केवल भक्तं भाव के भूखे होते हैं !!

पिया तुमसे भला तो ये जमाना है ------ mangopeople

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 अब आज्ञा दीजिए ...

जय हिन्द !!! 

7 टिप्‍पणियां:

  1. अब चाँट की दुकान है कुछ खाने को मिलता है। ब्लाँग बुलेटिन में छपी ब्लाग की खबर जो क्या है जो चाट लेती है :) आज का बुलेटिन बढ़िया बना है खासकर सूत्र
    'सोशल मीडिया में होने वाला है ऐतिहासिक सामाजिक युद्ध और राजनैतिक जोंबी'एक बहुत सटीक विश्लेषण है।

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  2. सुन्दर लिंक्स.मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.

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  3. तहे दिल से शुक्रिया और आभार आपका !

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  4. ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद | वैसे चाट के दूकान में अकेले जाने से पाप भी लगता है :)

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!