नमस्कार
साथियो,
बंधुओ! उठो! उठो! तुम अब भी किस चिंता में निमग्न हो? उठो, तुम्हें अपने पावन धर्म की सौगंध! चलो, स्वातंत्र्य लक्ष्मी की पावन अर्चना हेतु इन अत्याचारी शत्रुओं पर तत्काल प्रहार
करो. ये वो घोष है जो 29 मार्च 1857 को बैरकपुर की संचलन
भूमि में गूंजा था. आज, 19 जुलाई को इस घोष के बाद प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन की लौ भड़काने वाले मंगल पांडे
का जन्मदिन है. 5वीं कंपनी की 34वीं रेजीमेंट के 1446 नं. के सिपाही वीरवर मंगल पांडे को तत्कालीन
सर्वाधिक प्रसिद्द नारा मारो फिरंगी को का जन्मदाता और आज़ादी का
प्रथम क्रांतिकारी माना जाता है. उनका जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया
ज़िले के नगवा गाँव में हुआ था. इनके पिता का नाम श्री दिवाकर पांडे तथा माता का नाम
श्रीमती अभय रानी था. अंग्रेजों की गुलामी में सोये पड़े भारतवासियों को जगाने का
काम मंगल पांडे ने किया. उनके द्वारा बैरकपुर में दो अंग्रेजों की बलि लेने के साथ
ही सन 1857 के स्वाधीनता संग्राम का आरम्भ हुआ.
देश
की आज़ादी के पहले क्रांतिवीर को उनके जन्मदिन पर बुलेटिन परिवार की तरफ से श्रद्धा-सुमन
अर्पित हैं.
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शुभ संध्या राजा साहब
जवाब देंहटाएंनमन महामना मंगल पाण्डेय जी को
सधी हुई बुलेटिन
आभार
सादर
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिवीर मंगल पाण्डेय जी को सादर नमन |
जवाब देंहटाएंसुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमंगल पाण्डे को नमन. 'गुप्तकाशी'को शामिल करने के लिए शुक्रिया.
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