नमस्कार
साथियो,
आज
पूरे देश में मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जा रहा है. सूर्य के एक राशि से दूसरी
राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. इसी दिन, पौष मास में सूर्य धनु राशि को छोड़
मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी
प्रारम्भ होती है अर्थात सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर दिशा में जाने लगता है. जब
तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर से चलता है तब उसकी किरणों का असर खराब माना गया है,
लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर जाने लगता है तब उसकी किरणें सेहत
और शांति को बढ़ाती हैं. वैसे तो सूर्य संक्रांति
बारह हैं किन्तु इनमें से चार- मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति महत्वपूर्ण हैं. मकर संक्रांति के
शुभ मुहूर्त में स्नान, दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है.
विभिन्न नाम भारत में
मकर संक्रान्ति - छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा,
हरियाणा, बिहार, झारखण्ड,
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश,
महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान,
सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड,
बिहार, पश्चिम बंगाल, और
जम्मू
ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल - तमिलनाडु
उत्तरायण - गुजरात, उत्तराखण्ड
माघी
- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
भोगाली बिहु - असम
शिशुर सेंक्रात - कश्मीर घाटी
खिचड़ी - उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
पौष संक्रान्ति - पश्चिम बंगाल
मकर संक्रमण – कर्नाटक
विभिन्न नाम भारत के बाहर
बांग्लादेश - पौष संक्रान्ति
नेपाल - माघे सङ्क्रान्ति या माघी सङ्क्रान्ति, खिचड़ी सङ्क्रान्ति
थाईलैण्ड - सोङ्गकरन
लाओस
- पि मा लाओ
म्यांमार - थिङ्यान
कम्बोडिया - मोहा संगक्रान
श्रीलंका - पोंगल, उझवर तिरुनल
बुलेटिन
परिवार की ओर से सभी को इस पावन पर्व की शुभकामनाओं सहित आज की बुलेटिन आपके समक्ष
प्रस्तुत है.
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मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमकर संक्रान्ति की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपको भा शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंअच्छी बुलेटिन
आभार
सादर
आभार आपका।
जवाब देंहटाएं