सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्कार।
विक्रम साराभाई (अंग्रेज़ी: Vikram Sarabhai, जन्म- 12 अगस्त, 1919, अहमदाबाद; मृत्यु- 30 दिसम्बर, 1971, तिरुवनंतपुरम) को भारत के 'अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक' माना जाता है। इनका पूरा नाम 'डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई' था। इन्होंने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर देश की उपस्थिति दर्ज करा दी। विक्रम साराभाई ने अन्य क्षेत्रों में भी समान रूप से पुरोगामी योगदान दिया। वे अंत तक वस्त्र, औषधीय, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई अन्य क्षेत्रों में लगातार काम करते रहे थे। डॉ. साराभाई एक रचनात्मक वैज्ञानिक, एक सफल और भविष्यदृष्टा उद्योगपति, सर्वोच्च स्तर के प्रर्वतक, एक महान् संस्थान निर्माता, एक भिन्न प्रकार के शिक्षाविद, कला के पारखी, सामाजिक परिवर्तन के उद्यमी, एक अग्रणी प्रबंधन शिक्षक तथा और बहुत कुछ थे।
आज विक्रम साराभाई जी की 46वीं पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
सुन्दर लिंक्स. मेरी कविता शामिल की. आभार.
जवाब देंहटाएंविक्रम साराभाई जी की 46वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन। आज की सुन्दर बुलेटिन में 'उलूक' के पन्ने को भी स्थान देने के लिये आभार हर्षवर्धन।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसबको नववर्ष की शुभकामनाएँ.
Very nice
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