प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |
"मृतक
ने तुमसे कुछ नहीं लिया | वह अपने लिए कुछ नहीं चाहता था |
उसने अपने को
देश को समर्पित कर दिया और स्वयं विलुप्तता मे चला गया |"
- 'महाकाल'
18/08/1945 - 18/08/2017
आज़ादी के बाद कॉंग्रेस नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को इतिहास मे दफ़न कर चुकी थी ... वो
नहीं चाहते थे कि नेताजी का कहीं कोई जिक्र भी आए ... और सालों तक हुआ भी
ऐसा ... भाजपा सरकार के आने पर उम्मीद थी कि उपेक्षा का यह दौर हटेगा ...
और काफ़ी हद तक ये हटा भी पर यह क्या जिस तारीख़ पर इतना विवाद है कि भारत सरकार के 3 3
आयोग उस तारीख़ को साबित नहीं कर पाये आज उसी 18 अगस्त को केंद्र सरकार
के विभिन्न मंत्रियों द्वारा सुबह से नेताजी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया गया |
हम इस का पुरजोर विरोध करते हैं ... बिना सभी तथ्यों के खुलासे के
आप कैसे आधिकारिक रूप मे 18 अगस्त को नेताजी बोस की पुण्यतिथि बता सकते
हैं ... साथ साथ हमारी यह मांग है कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़े सभी
... जी हाँ ... सभी दस्तावेज़ जल्द से जल्द सार्वजनिक किए जाएँ |
सादर आपका
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स्वाईन फ्लू की रोकथाम कितनी आसान है!
थोथा चना बाजे घना
जब हवा का झोंका चलता है
रामजी दीन जन का परिचय कैसे कराते हैं ?
तुम गाँधी तो नहीं !
जाने कैसे जाने क्यों ??
राष्ट्रभक्ति
...हमारी ओर से भी अब पासे श्री कृष्ण फैंकेंगे....
जो चुप हैं , वे हैं अपराधी
कितना आसाँ है आसाराम बन जाना ---
सोचता हूँ...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
सुन्दर, सार्थक, सारगर्भित सूत्रों से सुसज्जित आज का बुलेटिन ! मेरी रचना, 'तुम गाँधी तो नहीं, को सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद एवं आभार शिवम् जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन शिवम जी।
जवाब देंहटाएंकाल क्या निर्धारित किये बैठा तथा ये वही जाने मगर बिना किसी आधिकारिक पक्ष के मन मानने को तैयार नहीं कि नेताजी ऐसे किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं.
जवाब देंहटाएंअब बस उम्मीद है...
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
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