भारत
की प्रसिद्ध भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) और ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम
महिला खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी का आज जन्मदिन है. उनका जन्म आज, 1 जून, 1975 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम रामदास है,
जो रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) में कांस्टेबल हैं. चार बहनों में से
दूसरे नम्बर की मल्लेश्वरी का बचपन बहुत गरीबी में बीता. वे बहुत सुबह ही रेल की पटरियों
पर कोयला बीनने निकल पड़ती थीं. मल्लेश्वरी जब केवल 9 वर्ष की थीं, तब वह अपनी बड़ी बहन नरसम्मा के साथ जिम जाती थीं. तभी उनकी रुचि खेलों में
जागृत हुई. मल्लेश्वरी खेलों के क्षेत्र में 1989 में आईं, जब
वह केवल 14 वर्ष की थी.
कर्णम
मल्लेश्वरी की प्रतिभा को अर्जुन पुरस्कार विजेता मुख्य राष्ट्रीय कोच श्यामलाल सालवान
ने पहचाना, जब वह अपनी बड़ी बहन के साथ बंगलौर कैम्प में गई.
प्रशिक्षक ने उन्हें भारोत्तोलन खेल अपनाने की सलाह दी. उनकी मेहनत रंग लाई और मात्र
एक वर्ष में भारतीय टीम की दावेदारी में आ गईं. 1992 में वह विश्व चैंपियनशिप में कांस्य
पदक पाने में सफल रहीं. इसी उत्साह ने उन्हें 1994 व 1995 में विश्व चैंपियन बना दिया.
2000 में सिडनी ओलंपिक में वे इतिहास रचकर प्रथम महिला बनीं, जो ओलंपिक मैडल जीत सकी. मल्लेश्वरी के दृढ़संकल्प और साधना के परिणामस्वरूप
ही वह सफलता पाकर इस मुकाम पर पहुंचीं. उन्हें देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार अर्जुन
पुरस्कार के अलावा पद्मश्री, राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और
के.के. बिरला अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
उनके
जन्मदिन पर ब्लॉग बुलेटिन परिवार की तरफ से उनको शुभकामनाओं सहित प्रस्तुत है आज
की बुलेटिन.
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बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएं'दूसरा लैपटॉप' शामिल करने के लिए धन्यवाद
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