प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज ज्यादा बातचीत न करते हुये सीधे सीधे आप को एक काम की बात बताता हूँ ...
आप किसी की भी 'तारीफ' कर सकते हैं, लेकिन बेइज़्जती' नाप-तौल कर करनी चाहिये, क्योंकि . . ये वो उधार है, जो हर कोई 'सूद' समेत वापस करता है!
तो ज़रा ख़्याल रखिएगा |
सादर आपका
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चुटकी भर प्यार
राक्षस धर्म और संस्कृति
प्यार किया उनसे तो यह रिश्ता है निभाना
{३४०} नज़रों से दरकिनार मत करना
पान मसाला छोड़ने के १५ साल बाद भी...
अवध बनाम लखनऊ
आस्तिक देश के नास्तिक लोग...
अचारी पनीर बनाने की विधि
असहमति में बसते हैं लोकतन्त्र के प्राण
अंगूठा
यूँ ही तुम्हारे साथ इक सफर याद आ गया...!!!
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
एक सही संदेश !!!
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंवाह..बहुत सुन्दर शिक्षा
बेइज़्ज़ती करे ही क्यूँ
वही करें न जो
सूद सहित वापस मिले..
इज़्ज़त व तारीफ़...
सही व सटीक सीख दी है
भाई शिवम दी आपने
कायल हो गई आपकी मैं
सादर
एक जानकारीवर्धन करने वाला बुलेटिन. आपका आभार!
जवाब देंहटाएंsahi salah !
जवाब देंहटाएंSHUKRIYA....SABHI LINKS PADH KAR ACHHA LAGA....MEHANAT RANG LAI
जवाब देंहटाएंबढ़िया :)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसत्य वचन। आभार शिवम् भईया।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ उत्तम एवं पठनीय
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