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सोमवार, 6 मार्च 2017

ब्लॉग बुलेटिन - आप सभी को लठ्ठमार होली (बरसाना) की हार्दिक बधाई

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
लट्ठमार होली ब्रज क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध त्योहार है। होली शुरू होते ही सबसे पहले ब्रज रंगों में डूबता है। यहाँ भी सबसे ज्यादा मशहूर है बरसाना की लट्ठमार होली। बरसाना राधा का जन्मस्थान है। मथुरा (उत्तर प्रदेश) के पास बरसाना में होली कुछ दिनों पहले ही शुरू हो जाती है।

इस दिन लट्ठ महिलाओं के हाथ में रहता है और नन्दगाँव के पुरुषों (गोप) जो राधा के मन्दिर ‘लाडलीजी’ पर झंडा फहराने की कोशिश करते हैं, उन्हें महिलाओं के लट्ठ से बचना होता है। कहते हैं इस दिन सभी महिलाओं में राधा की आत्मा बसती है और पुरुष भी हँस-हँस कर लाठियाँ खाते हैं। आपसी वार्तालाप के लिए ‘होरी’ गाई जाती है, जो श्रीकृष्ण और राधा के बीच वार्तालाप पर आधारित होती है। महिलाएँ पुरुषों को लट्ठ मारती हैं, लेकिन गोपों को किसी भी तरह का प्रतिरोध करने की इजाजत नहीं होती है। उन्हें सिर्फ गुलाल छिड़क कर इन महिलाओं को चकमा देना होता है। अगर वे पकड़े जाते हैं तो उनकी जमकर पिटाई होती है या महिलाओं के कपड़े पहनाकर, शृंगार इत्यादि करके उन्‍हें नचाया जाता है।

 माना जाता है कि पौराणिक काल में श्रीकृष्ण को बरसाना की गोपियों ने नचाया था। दो सप्ताह तक चलने वाली इस होली का माहौल बहुत मस्ती भरा होता है। एक बात और यहाँ पर जिस रंग-गुलाल का प्रयोग किया जाता है वो प्राकृतिक होता है, जिससे माहौल बहुत ही सुगन्धित रहता है। अगले दिन यही प्रक्रिया दोहराई जाती है, लेकिन इस बार नन्दगाँव में, वहाँ की गोपियाँ, बरसाना के गोपों की जमकर धुलाई करती है।

( साभार : http://bharatdiscovery.org/india/लट्ठमार_होली )


आप सभी को लठ्ठमार होली ( बरसाना ) की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। सादर।।


अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर .......







तलाश ...

एक बीज बोया अंतर में

नाग राज

आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

7 टिप्‍पणियां:

  1. बधाई होली की। सुन्दर बुलेटिन हर्षवर्धन।

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  2. सुंदर बुलेटिन ... होली की शुभकामनाएँ ..
    आभार मेरी रचना को जगह सेने के लिए ...

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  3. शुभ प्रभात
    ओरी पर्व की शुभकामनाएँ
    सादर

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  4. होली पर्व की शुभ आमनाएं |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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  5. नंदगाँव की होली हो या बरसाना की अथवा तो कहीं भी और की राधा श्याम के बिना होली अधूरी है..विविधरंगी सूत्रों से सजा बुलेटिन, आभार !

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  6. धन्‍यवाद, हर्षवर्द्धन जी

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