सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
भारतीय फ़िल्म उद्योग के पितामह दादा साहब फाल्के का पूरा नाम 'धुन्दीराज गोविंद फाल्के' था किंतु वह दादा साहब फाल्के के नाम से प्रसिद्ध हैं। दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल, 1870 को नासिक के निकट 'त्र्यंबकेश्वर' में हुआ था। उनके पिता संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित और मुम्बई के 'एलफिंस्टन कॉलेज' के अध्यापक थे। अत: इनकी शिक्षा मुम्बई में ही हुई। वहाँ उन्होंने 'हाई स्कूल' के बाद 'जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट' में कला की शिक्षा ग्रहण की। फिर बड़ौदा के कलाभवन में रहकर अपनी कला का ज्ञान बढ़ाया। वे प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक एवं पटकथा लेखक थे जो भारतीय सिनेमा के पितामह की तरह माने जाते हैं। दादा साहब फाल्के की सौंवीं जयंती के अवसर पर दादा साहब फाल्के पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में की गई थी। दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार है, जो आजीवन योगदान के लिए भारत की केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ....
आज दादा साहेब फाल्के जी की 73वीं पुण्यतिथि पर हमारी ब्लॉग बुलेटिन टीम सहित हिंदी ब्लॉग जगत उनके योगदान को स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ....
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
दादा साहेब फाल्के जी की 73वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। आभार हर्षवर्धन 'उलूक' के सूत्र को आज के बुलेटिन में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को जगह देने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंफाल्के जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।