प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
लीजिये ... एक लतीफ़ा पढ़िये ...
प्रणाम |
लीजिये ... एक लतीफ़ा पढ़िये ...
पिताजी: मान लो अमेरिका और इंग्लैंड में किसी बात पर मतभेद हो गया...
माँ: लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में मतभेद हो ही नहीं सकता।
पिताजी: अरे भई मैं तो सिर्फ उदाहरण दे रहा था...
माँ: मगर तुम गलत उदाहरण देकर बच्चे को बहका रहे हो।
पिताजी: मैं नहीं बहका रहा हूँ...
माँ: ये बहकाना नहीं तो और क्या है?
पिताजी: चुप रहो.. एक बार कह दिया न कि नहीं बहका रहा हूँ, मतलब नहीं बहका रहा हूँ।
माँ: मैं क्यों चुप रहूँ, ये मेरे बच्चे की पढ़ाई का सवाल है। आज ये बॊल रहे हो कल को कुछ और गलत बोलोगे...
बच्चा: प्लीज... आप लोग झगड़ा मत करिये... मैं समझ गया कि युद्ध कैसे शुरू होते हैं।
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
हिंदी कहानी - ईमानदारी
भगवान सब देखता है
जो है सो है !
सिनेमा घरों में राष्ट्रगान
तुम्हारे नाम ने
दर्पण
गुरुजी की व्यस्तता
वह ज्ञान दो वह ध्यान दो
लिटरेचर के साथ लिटरेसी
किस्मत
आखिर कब लिखेगी राजनीति पर वह?
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
Bahut achhi bulletin. Meri post ko shamil krne ke thanks.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति शिवम जी ।
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जवाब देंहटाएंSarthak bulletin. Meri rachna ko sthan dene ke liye apka abhar.
बहुत सुन्दर बुलेटिन।मेरी रचना को शामिल करने के लिये बहुत धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंआजकल के बच्चे जल्दी से समझ जाते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति...
सुन्दर बुलैटिन.....
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