सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।।
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी का जन्म 23 जनवरी, सन् 1897 ई. को कटक ( ओडिशा ) में हुआ था। इनके पिता जानकी नाथ बोस और माता प्रभावती थीं। ये बचपन से ही काफी मेधावी और निर्भय थे। नेताजी का स्वभाव भी काफी दयालु था। वे लोगों की मदद करने के लिए सदा अग्रसर रहते थे। उन्होंने वर्ष 1913 में हाईस्कूल, 1915 में इंटर और 1919 में बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। वे 1920 में पिता की इच्छानुसार आईसीएस की परीक्षा भी पास कर चुके थे वे भी केवल 23 साल की छोटी सी आयु में लेकिन देश सेवा करने की खातिर उन्होंने इस सम्मानित नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कांग्रेस से जुड़ गए वे 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए लेकिन महात्मा गाँधी से हुए कुछ मतभेदों के कारण उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और फ़ॉरवर्ड ब्लॉक नामक नए संगठन का निर्माण किया। अंग्रेज सरकार उनके हौसले और व्यक्तिव से काफी भयभीत और विचारशील हो गई थी। जिस कारण उनकों उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया था। जहाँ से वे 16 जनवरी, 1941 को भागकर अफगानिस्तान, इटली और जर्मनी से होते हुए जापान पहुँचे थे। यहाँ पर उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया और अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध का ऐलान किया। शुरूआती कुछ सफलताओं के बाद आजाद हिन्द फौज हार मुँह देखना पड़ा। जापान का आत्मसमर्पण और कमजोर युद्ध नीति के कारण आजाद हिन्द फौज ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। अपनी आगे की रणनीति को स्थायी रूप देने के लिए नेताजी जापान रवाना हुए जहाँ ताइपेई के फारमोसा द्वीप पर हुए एक विमान दुर्घटना में 18 अगस्त, 1945 को उनकी मृत्यु हो गयी। आज भी अधिकतर देश वासी यहीं मानते हैं कि उनकी मृत्यु उस दिन नहीं हुई थी। अपने रहस्मय मृत्यु के बाद कई दावों के अनुसार उनके रूस के जेल में होने की बात भी कही गयी और फैजाबाद में गुमनामी बाबा के रूप में रहने की भी चर्चा होती रही। आज से ठीक एक साल पहले भारत सरकार द्वारा जारी हुई नेताजी की फाइल्स में इस बात की साफ़ तौर पर पुष्टि हो गई कि नेताजी उस विमान हादसे के बाद भी जीवित थे। नेताजी का रहस्य कब सामने आएगा इसके बारे में कई देशवासियों को इंतजार है।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
आज की ब्लॉग बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। जय हिन्द। जय भारत।
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी का जन्म 23 जनवरी, सन् 1897 ई. को कटक ( ओडिशा ) में हुआ था। इनके पिता जानकी नाथ बोस और माता प्रभावती थीं। ये बचपन से ही काफी मेधावी और निर्भय थे। नेताजी का स्वभाव भी काफी दयालु था। वे लोगों की मदद करने के लिए सदा अग्रसर रहते थे। उन्होंने वर्ष 1913 में हाईस्कूल, 1915 में इंटर और 1919 में बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। वे 1920 में पिता की इच्छानुसार आईसीएस की परीक्षा भी पास कर चुके थे वे भी केवल 23 साल की छोटी सी आयु में लेकिन देश सेवा करने की खातिर उन्होंने इस सम्मानित नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कांग्रेस से जुड़ गए वे 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए लेकिन महात्मा गाँधी से हुए कुछ मतभेदों के कारण उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और फ़ॉरवर्ड ब्लॉक नामक नए संगठन का निर्माण किया। अंग्रेज सरकार उनके हौसले और व्यक्तिव से काफी भयभीत और विचारशील हो गई थी। जिस कारण उनकों उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया था। जहाँ से वे 16 जनवरी, 1941 को भागकर अफगानिस्तान, इटली और जर्मनी से होते हुए जापान पहुँचे थे। यहाँ पर उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया और अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध का ऐलान किया। शुरूआती कुछ सफलताओं के बाद आजाद हिन्द फौज हार मुँह देखना पड़ा। जापान का आत्मसमर्पण और कमजोर युद्ध नीति के कारण आजाद हिन्द फौज ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। अपनी आगे की रणनीति को स्थायी रूप देने के लिए नेताजी जापान रवाना हुए जहाँ ताइपेई के फारमोसा द्वीप पर हुए एक विमान दुर्घटना में 18 अगस्त, 1945 को उनकी मृत्यु हो गयी। आज भी अधिकतर देश वासी यहीं मानते हैं कि उनकी मृत्यु उस दिन नहीं हुई थी। अपने रहस्मय मृत्यु के बाद कई दावों के अनुसार उनके रूस के जेल में होने की बात भी कही गयी और फैजाबाद में गुमनामी बाबा के रूप में रहने की भी चर्चा होती रही। आज से ठीक एक साल पहले भारत सरकार द्वारा जारी हुई नेताजी की फाइल्स में इस बात की साफ़ तौर पर पुष्टि हो गई कि नेताजी उस विमान हादसे के बाद भी जीवित थे। नेताजी का रहस्य कब सामने आएगा इसके बारे में कई देशवासियों को इंतजार है।
आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की 120वीं जयंती पर पूरा भारत उनके संघर्षों और योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
जय हिन्द। जय भारत।
आज की ब्लॉग बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। जय हिन्द। जय भारत।
अपना लिंक देखकर किसे ख़ुशी नहीं होती, वो भी आज के विशेष दिन में
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद. कुछ लिंक पढ़े..अच्छे लगे.
जवाब देंहटाएंनेताजी के संघर्षों और योगदान को ये देश सदा याद रखेगा, शत शत नमन, हमारे लेख को भी स्थान देने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंनेताजी की मृत्यु का सच एक न एक दिन सामने आएगा ही..सुंदर सूत्रों से सजी बुलेटिन, आभार !
जवाब देंहटाएंनेता जी को नमन | बुलेटिन बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंनेताजी सुभाषचंद्र बोस को नमन सहित मेरी प्रस्तुति को यहाँ स्थान देने हेतु आभार सहित...
जवाब देंहटाएंनेताजी की मृत्यु किसी विमान दुर्घटना में नहीं हुई और उनके इस सच को कभी मौजूदा सरकार ने पता करने में कोई रुचि नहीं ली । आज की बुलेटिन यादगार रही ।
जवाब देंहटाएंthanks Aim Motivational Quotes
जवाब देंहटाएंthanks educational quotes
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जवाब देंहटाएंvery nice morning motivational quotes
जवाब देंहटाएंvery nice cute short inspirational quotes
Thanks< a href="http://www.motivation456.com/diwali/aarti/lakshmi-mata-ji-ki-aarti.html">Laxmi aarti
जवाब देंहटाएंvery nice tuesday inspirational quotes-motivation456
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