Pages

शनिवार, 7 जनवरी 2017

मछली मछली कित्ता पानी




मछली मछली कित्ता पानी
एड़ी तक … 
मछली मछली कित्ता पानी 
कमर तक … 
मछली मछली …डुबक ……।


यात्रा कोई हो, उद्देश्य कोई हो - पानी एड़ी से डुबक तक होती ही होती है  ... 


2 टिप्‍पणियां:

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!