प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
अगर आपकी राह में छोटे छोटे पत्थर, ऊबड़ खाबड़ सड़क मिले या गड्ढे आयें तो समझ लेना...
अब तो चुनावों के बाद ही सड़क सही हो पाएगी।
प्रणाम |
अगर आपकी राह में छोटे छोटे पत्थर, ऊबड़ खाबड़ सड़क मिले या गड्ढे आयें तो समझ लेना...
अब तो चुनावों के बाद ही सड़क सही हो पाएगी।
(नोट - अब हर बात में तो मोरल-वोरल ना ढूंढा करोे।)
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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जय भारती
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
टूटी सडक के सबक वाले इस विशेष प्रसारण में मेरे फूटे घडे का कॉम्बिनेशन अच्छा लगा । आभार सहित...
जवाब देंहटाएंचुनाव के बाद भी तो एक दो साल तो वे ख़ुशी में मगरूर रहते हैं फिर उसके बाद चुनाव की चिंता और फिर वही ढाक के तीन पात ..
जवाब देंहटाएंअच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसडकों में गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच सड़कें...
ये सड़क और चुनाव ... कभी सड़क दुर्घटना, कभी नेता :)
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है..चुनाव के वादे कभी पूरे हुए हैं..टूटी सड़क तब भी सुधरेगी इसका भी तो पक्का भरोसा नहीं..आभार !
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