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शनिवार, 1 अक्टूबर 2016

वजीर से प्यादा होते नवाज़ शरीफ - The English हिंदी Blog-बुलेटिन





"ब्लॉग बुलेटिन " हम तीन मित्रों , शिवम् मिश्र जी , देव बाबा और  हम , लोगों की एक संयुक्त वार्तालाप के दौरान प्रारम्भ किये जाने वाला वो ब्लॉग है जिसे हमने इस उद्देश्य के साथ शुरू किया था कि रोजाना लिखी पढी जा रही पोस्टों में से कुछ के लिंक्स को हम सहेज कर यहाँ अपने पाठकों और खुद के लिए भी रख लेंगे | शिवम् भाई की अटूट अथक श्रम का परिणाम था कि बहुत जल्दी ही उन्होंने टीम में रश्मि दीदी , सलिल दादा जैसे गुनीजनों को न सिर्फ जोड़ दिया बल्कि , उनके हाथों ऐसे नायाब अंतर्जालीय पन्नों को गढ़ दिया जो अब भी न सिर्फ ब्लॉग बुलेटिन बल्कि हिंदी ब्लॉग्गिंग का एक सुन्दर आर्काईव बन कर तैयार हो गया है | 

मैं आदतन इस समूह का सबसे निकम्मा और नालायक सदस्य हूँ , कई बार तो निकल निकल के भाग भी लिया , मगर न ब्लॉग्गिंग छूटनी थी न ये बुलेटिन , सो एक बार फिर तैयार हो जाइए मेरे पसंद के ब्लॉग लिंक्स को मेरे साथ साथ पढने गुनने के लिए , आपको निराशा न हो इसका पूरा ख्याल रखूंगा  | 



भारत पाकिस्तान की वर्तमान तनातनी पर एक अलग ही दृष्टिकोण रखते हुए , प्रख्यात पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी अपने ब्लॉग पोस्ट राहील की बिसात पर वजीर से प्यादा हो रहे नवाज़ में दिलचस्प बात लिखते हुए कहते हैं ,

"भारत के चार धंटे के इस आपरेशन ने पाकिस्तान के सियासी और सेना के इतिहास को ही उलट पलट दिया है । और पहली बार दोनों शरीफ पाकिस्तान के बीतर ही इस तरह कटघरे में आ खड़े हुये हैं कि अब दोनों को ये तय करना है कि साथ मिलकर चले या फिर एक दूसरे को शह मात देने की बिसात बिछा लें । और पाकिस्तान के हालात शह मात की बिसात में जाने लगे है । क्योंकि कैबिनेट की बैठक में नवाज अपने ही मंत्रियो को ये भरोसा ना दिला पाये कि वह चाहेंगे तो सेना कूच कर जायेगी । और दूसरी तरफ राहिल शरीफ रावलपिंडी में अपने सैनिक अधिकारियों को इस भरोसे मही लेने में लगे रहे कि सेना तभी कूच करती है जब उसे पता हो जाये कि जीत उसकी होगी । "


तो वहीं , इसी मुद्दे पर अपनी पोस्ट भारत और पाकिस्तानी सर्जिकल स्ट्राईक  में ब्लोगर अंशुमाला ,आगाह करते हुए  लिखती हैं ,

"हम भारतीय पहले से ही किसी भी तरीके के पाकिस्तानी सर्जिकल स्ट्राइक को सफल बनाने के लिए बिलकुल तैयार है । हम अभी से इस बात पर झगड़ रहे है कि किसको किस तरह समर्थन देना चाहिए और किस तरह के बयान देना चाहिए , लोगो की गिनती धर्म के हिसाब से शुरू हो गई है । हम सामने से बता रहे है जी लो  ये देखो ये रहा हमारा लांच पैड हम यहाँ इकठ्ठा है , बस एक अफवाह , एक फर्जी वीडियो , कुछ नहीं तो गाय,  सूअर ,  कुछ भी दागो हम दंगे कर तुम्हारे सर्जिकल स्ट्राइक को कामयाब करने के लिए तैयार है । तुम्हे अपने कमांडो यहाँ भेज कर उनकी जान जोखिम में डालने की कोई जरुरत नहीं है , तुम्हे बस हमारे अपने सबसे जरुरी मसलो झगड़ो के आगे एक दिया सलाई और कही कही तो बस पंखा रखने की जरुरत है , हम खुद आपस में मर कट लेंगे  । कोई बम ब्लास्ट की भी जरुरत नहीं है उसमे भी तुम्हारे लोगों के पकड़े जाने का डर है ।  बस एक पहले से मरी गाय भी रख दोगे, या कोई सूअर मरा हुआ , तो काफी है , । "

इसी मुद्दे पर खुशदीप सहगल अपने ब्लॉग पोस्ट ,सर्जिकल स्ट्राईक के बाद क्या ?? बताते हुए युद्ध की आशंका पर नज़र डालते हुए कहते हैं ,

"हांअगर घरेलू दबाव की वजह से पाकिस्तान की ओर से सरहद पर अब कोई हरकत की जाती है तो दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव बड़ी जंग में भी तब्दील हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो दोनों देशों को आर्थिक दृष्टि से भारी नुकसान सहना पड़ सकता है. दोनों देशों के राजनीतिक और सैनिक नेतृत्व के जेहन में ये जरूर होगा कि जंग हुई तो जान-माल का कितना नुकसान होगा?आर्थिक रूप से इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ेगी"



जंग और स्ट्राईक की बातों से दूर निकलते ही डाक्टर टी एस दराल जी अंतर्मंथन करते मिले , अपनी पोस्ट में उन्होंने आज विश्व बुजुर्ग दिवस पर एक पेशकश की तो याद आया कि आज विश्व बुजुर्ग दिवस है |

यह आधुनिक और विकसित जीवन की ही देन है जो बच्चे स्कूल की शिक्षा ख़त्म होते ही घर छोड़ने पर मज़बूर हो जाते हैं , और फिर कभी घर नहीं लौट पाते।
अक्सर सुशिक्षित समाज में मात पिता बुढ़ापे में अकेले ही रह जाते हैं। आज विश्व बुजुर्ग दिवस पर एक रचना , पिता का पत्र पुत्र के नाम :  
जीवन के चमन मुर्झा जायें , और अंग शिथिल पड़ जायें । 
तुम मुझे सँभालने काम छोड़कर ,  कहीं रहो, घर आ जाना ---- 


आज से शारदीय नवरात्र का आरम्भ हो रहा है और ऐसे में ,माँ संतोषी पर बने एक ऐतिहासिक फिल्म "जय संतोषी माँ " से जुडी बहुत ही दिलचस्प कहानी बयान करते हुए ,रेडियो प्लेबैक इण्डिया की इस पोस्ट पर बताया गया है कि ,


हुआ यूं कि एक दिन वितरक संदीप सेठी और उनके पार्टनर केदारनाथ अगरवाल एक होटल में बैठ कर रोहड़ा से 
निर्देशक विजय शर्मा और लेखक प्रियदर्शी
इस फ़िल्म के बारे में सुना। इस फ़िल्म में हर वह बात थी जिसकी वजह से वितरक इससे दूर भागते। लेकिन वहाँ बैठीं अगरवाल जी की पत्नी को कहानी अच्छी लगी और अपने पति से इसे ख़रीदने का सुझाव दिया। इसके पीछे एक कारण था। बीस वर्ष के वैवाहिक जीवन के बावजूद अगरवाल दम्पति निस्संतान थे। तब मिसेस अगरवाल ने संतोषी व्रत रखा और उसके बाद उन्हें एक कन्या संतान की प्राप्ति हुई। इस बात की तरफ़ जब उन्होंने अपने पति का ध्यान आकर्षित किया, तब जाकर अगरवाल साहब ने इस फ़िल्म के वितरण की हर बड़ी टेरिटरी ख़रीद ली। फ़िल्म बन कर तैयार हो गई, और वितरकों ने सोलह-शुक्रवार का व्रत रखते हुए सत्रहवें शुक्रवार को फ़िल्म रिलीज़ करने का निर्णय लिया। ’शोले’ के साथ 30 मई को रिलीज़ हुई ’जय संतोषी माँ’। ’दीवार’, ’प्रतिज्ञा’, ’संयासी’, ’जुली’, ’आंधी’, ’चुपके चुपके’ और ’छोटी सी बात’ जैसी फ़िल्मों को पछाड़ते हुए ’जय संतोषी माँ’ दूसरे नंबर पर रही ’शोले’ के पीछे। जिस फ़िल्म की तरफ़ किसी ने ध्यान नहीं दिया था, वह फ़िल्म बहुत आगे निकल चुकी थी। HMV को इस फ़िल्म के गीतों के रेकॉर्ड्स की इतनी फ़रमाइशें मिली कि ऐसा पहली बार हुआ कि किसी पौराणिक फ़िल्म के लिए LP जारी किया जा रहा हो। गीतों के रेकॉर्ड ने भी कई रेकॉर्ड तोड़े। दिल्ली-यूपी क्षेत्र में इस फ़िल्म के आय की तुलना ’मुग़ल-ए-आज़म’ और ’अनारकली’ से की गई। इस फ़िल्म से जुड़े सभी लोग आर्थिक दृष्टि से बेहद लाभान्वित हुए। देखते ही देखते सतराम रोहड़ा और वितरक केदारनाथ अगरवाल करोड़पति बन गए। 
ब्लॉग्गिंग में पुनर्सक्रियता के दौरान मैंने पाया कि अंगरेजी भाषा में भी बहुत से बेहतरीन ब्लोग्स ऐसे हैं जिन्हें हिंदी के पाठकों के लिए यहाँ प्रस्तुत किया जा सकता है और जाना चाहिए मेरा मकसद दोनों भाषाओं के ब्लोग्स के बीच सेतु माध्यम जैसा कुछ करना भी था , सो indiblogger जैसे बेहतरीन संकलकों ने बहुत से नायाब लेखकों और पोस्टों तक पहुंचाया ,

नवरात्रि पर खूब सारी रेसिपीज बताता ये ब्लॉग healthmania , देखिये क्या कहता है ,

Navratri is a celebration devoted to the love and worship of the Hindu Goddess Durga. In Sanskrit, Navratri means nine nights and during these nights, nine different forms of Devi are worshipped. For some people fasting is easy and for some, it is not, so we are going to reveal some of the amazing yet healthy Navratri fast recipes you can make easily and keep your food cravings at bay.


जबकि एक और खूबसूरत ब्लॉग thesplendidlifestyle.com देश के खूबसूरत दृश्य वाले होटलों की जानकारी देते हुए कहता है ,

India is a beautiful country with a lot and lots of restaurants, no matter which part of the country you are in.Indians love spicy food and have a craze for trying out different cuisines, thanks to our taste buds!! One thing anybody would absolutely love is a great view and ambience while enjoying tasty food with your loved ones.

Here is a list of Top 11 restaurants with best views in India

और हां , चलते चलते एक और बात कहना चाहता हूँ , हालत आप और हम खूब देख समझ रहे हैं , सामने त्यौहारी मौसम है , आदतन हम बाज़ारों में खूब भीड़ भाड और रौनक लगायेंगे ही , मगर इस बार सिर्फ एक अतिरिक्त कार्य जो हमको करना है वो है खुद को सुरक्षित बचाए रखना , खुद को सचेत , सजग रखना | हम खुद तैयार रहेंगे तो सरकार , पुलिस और फ़ौज तो हमारी तैयार है ही .....वन्दे मातरम् | जय हिन्द 

5 टिप्‍पणियां:

  1. वाह...
    सुन्दर व ज्वलन्त रचनाएँ
    सादर

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  2. जे बात।

    हम आपको इसलिए तो इतना मिस कर रहे थे। हिंदी और अंग्रेजी के चुनिंदा ब्लॉगों को एक सूत्र में पिरोना आप के ही बस की बात है।

    लगे रहिये बड़के भैया।

    जवाब देंहटाएं
  3. जे बात।

    हम आपको इसलिए तो इतना मिस कर रहे थे। हिंदी और अंग्रेजी के चुनिंदा ब्लॉगों को एक सूत्र में पिरोना आप के ही बस की बात है।

    लगे रहिये बड़के भैया।

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  4. बढ़िया बुलेटिन बहुत मेहनत की है अजय जी ।

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  5. अच्छी प्रस्तुति , हम भी संतोषी माता का बहुत सखल व्रत रहे बचपन में । फिल्म भी देखी थी ।

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!