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गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

अहिंसक वीर क्रांतिकारी को नमन : ब्लॉग बुलेटिन

नमस्कार मित्रो,
आज अमर क्रांतिकारी जतींद्रनाथ दास का जन्मदिन है. उनका जन्म 27 अक्टूबर 1904 को कलकत्ता में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम बंकिम बिहारी दास और माता का नाम सुहासिनी देवी था. वे अपनी शिक्षा लेने के समय ही महात्मा गाँधी के असहयोग आन्दोलन से जुड़े. उन्हें गिरफ़्तार कर छः महीने की सज़ा सुनाई गई. बाद में वे क्रान्तिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल के सम्पर्क में आए और हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य बन गये. 1925 में जतीन्द्रनाथ को दक्षिणेश्वर बम कांड और काकोरी कांड के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया. जेल में दुर्व्यवहार के विरोध में उन्होंने 21 दिन तक भूख हड़ताल की तो बिगड़ते स्वास्थ्य को देखकर सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया.

जेल से बाहर आकर वे कांग्रेस सेवादल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सहायक बने. भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने जो बम केन्द्रीय असेम्बली में फेंके वे जतीन्द्रनाथ के द्वारा बनाये हुए थे. 14 जून 1929 को लाहौर षड़यंत्र केस में जतीन्द्रनाथ पुनः गिरफ़्तार कर लिये गए. जेल में उचित व्यवहार न होने के कारण जतीन्द्र नाथ सहित अनेक क्रान्तिकारियों ने अनशन आरम्भ कर दिया. जेल अधिकारियों द्वारा नाक में नली डालकर बलपूर्वक अनशन पर बैठे क्रांतिकारियों के पेट में दूध डालना शुरू कर दिया गया. इसी में एक डॉक्टर ने जतीन्द्रनाथ द्वारा एक नाक की नली दाँतों से दबा लिए जाने पर उनकी दूसरी नाक से नली डाल दी, जो उनके फेफड़ों में चली गई. उनकी घुटती साँस की परवाह किए बिना उस डॉक्टर ने दूध उनके फेफड़ों में भर दिया. इससे उनकी हालात बिगड़ गई. अनशन के 63वें दिन 13 सितम्बर 1929 को जतीन्द्रनाथ दास का देहान्त हो गया. जतीन्द्र के भाई किरण चंद्रदास ट्रेन से उनके शव को कोलकाता ले गए. जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

ऐसे वीर अमर सेनानी को बुलेटिन परिवार की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है.

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर सूत्र संकलन । सुन्दर गुरुवारीय बुलेटिन ।

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  2. बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
    अमर क्रांतिकारी जतींद्रनाथ दास जी को विनम्र श्रद्धांजलि
    !

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