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शनिवार, 9 जुलाई 2016

मोमबत्ती की याद तभी आती है,जब अंधकार होता है

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

अगर लोग केवल जरुरत पर ही आपको याद करते है तो बुरा मत मानिये बल्कि गर्व कीजिये ...
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क्योंकि "मोमबत्ती की याद तभी आती है,जब अंधकार होता है।"

सादर आपका
शिवम् मिश्रा 
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अब आज्ञा दीजिये ... 

जय हिन्द !!! 

5 टिप्‍पणियां:

  1. कई मामलों में ज़रूरी है कि ज़रूरत पर ही याद किया जाए.यूँ ही किसी को याद किया तो भी आशंका होती है,क्यों किया !

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  2. ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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  3. आज बुलेटिन में मेरी पोस्ट चुनने के लिए धन्यवाद शिवम् जी |

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!