प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे, (२५/०६/१९७५ -
०३/०७/१९९९) भारतीय सेना की १/११ गोरखा राइफल्स के अधिकारी थे ... १९९९ के
कारगिल युद्ध के दौरान उनके अदम्य साहस और वीरतापूर्ण रण कौशल के लिए
उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था | यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत
पदान किया गया था |
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
जय हिन्द की सेना !!!
प्रणाम |
पहले महानायक हैं ...
अमर शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान,महावीर चक्र विजेता (मरणोपरांत) |
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (जन्म:15 जुलाई 1912 आज़मगढ़ – मृत्यु: 3
जुलाई 1948) भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी थे जो भारत और पाकिस्तान के
प्रथम युद्ध (1947-48)
में शहीद हो गये। उस्मान 'नौशेरा के शेर के' रूप में ज्यादा जाने जाते
हैं। वह भारतीय सेना के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और साहसी सैनिकों में से एक
थे, जिन्होंने जम्मू में नौशेरा के समीप झांगर में मातृभूमि की रक्षा करते
हुए अपने प्राण गंवा दिए थे। मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र
से सम्मानित किया गया।
आज नौशेरा के शेर - ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की ६८ वीं पुण्यतिथि पर हम सब उनको शत शत नमन करते है |
और दूसरे महानायक हैं ...
अमर शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे,परमवीर चक्र विजेता (मरणोपरांत) |
आज परमवीर अमर शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे की १७ वीं पुण्यतिथि के अवसर पर हम सब उनको शत शत नमन करते है |
सादर आपका
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कोई तीर घाट, कोई मीर घाट
और मित्र ने मुझे ब्लॉक कर दिया !
गली के उस मोड़ पर......!!!
बाज़ार में।
सो जा बिटिया रानी .
पार्थ फ़िर गाँडीव में टंकार को पैदा करो.
मनु भाई मोटर चली पम पम पम |
भारत पाक सुचेतगढ़ सीमा दर्शन -- एक विशिष्ठ अनुभूति।
कर्मानुसार फलप्राप्ति
आज के नेता
३ जुलाई - भारतीय सेना के दो महानायकों की पुण्यतिथि
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
जय हिन्द की सेना !!!
महानायकों को शत शत नमन.
जवाब देंहटाएंशहीदों को नमन । सुन्दर बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंआज के बुलेटिन में मेरी प्रस्तुति 'आज के नेता' को सम्मिलित करने के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार शिवम जी !
जवाब देंहटाएंशहीदों को सादर नमन।
जवाब देंहटाएंशहीदों को सादर नमन।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंदोनों अमर वीर शहीदों को सादर नमन।
उनके बलिदान को बयान करने के लिए हर शब्द बौना परतीत होता है।
जवाब देंहटाएंहम अपने घरों में चैन से सोते हैं क्योंकि वो वहां जान हथेली पर लिए बैठे हैं।
जवाब देंहटाएंअमर शहीदों को शत शत नमन।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंआभार,ॉ
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान दिया,
सादर ,
अयंगर.