Pages

गुरुवार, 21 जुलाई 2016

क्या सही, क्या गलत - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय मित्रो,

एक महाशय ने एक मोहतरमा को कुछ अपशब्द कहे और देशव्यापी बवाल मच गया. इसके पक्ष-विपक्ष बन गए हैं. इसको सही-गलत ठहराया जाने लगा है. समझ नहीं आता कि सही-गलत की परिभाषा क्या है, क्या होनी चाहिए? असमंजस उस समय और बढ़ जाता है जबकि ये दो उदाहरण याद कर लिए जाते हैं. 


समाज में उस संतान को श्रेष्ठ समझा जाता है जो अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करती है. ऐसा न करने वाली संतान को सम्मान नहीं मिलता है. भारतीय संस्कृति में दो उदाहरण ऐसे हुए हैं जो सही-गलत को काल, परिस्थितियों के सापेक्ष निर्धारित करने का मार्ग दिखाते हैं.

भगवान राम को समाज श्रेष्ट पुत्र, सपूत कहता है क्योंकि वे अपने पिता की आज्ञा मानते हुए वन को गए. इसके उलट इसी संस्कृति में एक पुत्र ऐसा हुआ है जिसने अपने पिता की किसी आज्ञा का पालन नहीं किया, इसके बाद भी वो श्रेष्ठ माना जाता है, पूज्य है, सम्मानित है. ऐसा पुत्र है प्रह्लाद, जिसने अपने पिता हिरणाकश्यप की किसी भी आज्ञा का पालन नहीं किया फिर भी सपूत है.

किसी भी घटना के, किसी भी स्थिति के पक्ष-विपक्ष में एकदम से राय देने वालों की आँख खोलने को उक्त दो उदाहरण संभवतः पर्याप्त होंगे. उक्त दो उदाहरणों के आलोक में आज की बुलेटिन के सही-गलत का फैसला आपके हाथ. लीजिये पढ़िए और आनंद लीजिये.

++++++++++













चित्र गूगल छवियों से साभार 

3 टिप्‍पणियां:

  1. कहने कहने से ही
    बहुत कुछ हो जाता है
    सुनने सुनाने का बाजार
    फिर सजाया जाता है
    करने कराने के दिन
    लद गये कभी के
    बिना भीड़
    देखे हुए यहाँ
    कोई कहीं नहीं
    आता जाता है ।

    सुन्दर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सच है सही और गलत की वास्तव में कोई सटीक परिभाषा नहीं है, जो एक के लिए सही है वह दूसरे के लिए गलत हो सकता है और जो किसी के लिए सही है वह दूसरे के लिए गलत हो सकता है .. ... खैर .. हर दिन की तरह बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. कुमारेन्द्र जी 'विवाह' को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!