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गुरुवार, 10 मार्च 2016

आधुनिक भारत के चींटी और टिड्डा - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज फेसबुक पर मेरे मित्र प्रसून मिश्रा जी की वाल पर एक आधुनिक पंचतंत्र की कथा पढ़ने को मिली ... वही आज आप सब के साथ सांझा कर रहा हूँ !!


🐜 🐝एक समय की बात है एक चींटी और एक टिड्डा था ...गर्मियों के दिन थे, 🐜चींटी दिन भर मेहनत करती और अपने रहने के लिए घर को बनाती,खाने के लिए भोजन भी इकठ्ठा करती जिस से की सर्दियों में उसे खाने पीने की दिक्कत न हो और वो आराम से अपने घर में रह सके,जबकि 🐝टिड्डा दिन भर मस्ती करता गाना गाता और 🐜चींटी को बेवकूफ समझता | मौसम बदला और सर्दियां आ गयीं, 🐜चींटी अपने बनाए मकान में आराम से रहने लगी उसे खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं थी परन्तु 🐝 टिड्डे के पास रहने के लिए न घर था
और न खाने के लिए खाना, वो बहुत परेशान रहने लगा . दिन तो उसका जैसे तैसे कट जाता परन्तु ठण्ड में रात काटे नहीं कटती.एक दिन टिड्डे को उपाय सूझा और उसने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई.सभी न्यूज़ चैनल वहां पहुँच गए .तब 🐝 टिड्डे ने कहा कि ये कहाँ का इन्साफ है की एक देश में एक समाज में रहते हुए 🐜चींटियाँ तो आराम से रहें और भर पेट खाना खाएं और और हम 🐝टिड्डे ठण्ड में भूखे पेट ठिठुरते रहें ..........?
मिडिया ने मुद्दे को जोर - शोर से उछाला, और जिस से पूरी विश्व बिरादरी के कान खड़े हो गए........ !
बेचारा 🐝टिड्डा सिर्फ इसलिए अच्छे खाने और घर से महरूम रहे की वो गरीब है और जनसँख्या में कम है....
बल्कि 🐜चीटियाँ बहुसंख्या में हैं और अमीर हैं तो क्या आराम से जीवन जीने का अधिकारउन्हें मिल गया ......
बिलकुल नहीं ... ये 🐝टिड्डे के साथ अन्याय है...
इस बात पर कुछ समाजसेवी, 🐜चींटी के घर के सामने धरने पर बैठ गए .... तो कुछ भूख हड़ताल पर, कुछ ने 🐝टिड्डे के लिए घर की मांग की. कुछ राजनीतिज्ञों ने इसे पिछड़ों के प्रति अन्याय बताया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने🐝 टिड्डे के वैधानिक अधिकारों को याद दिलाते हुए..... भारत सरकार की निंदा की.
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर 🐝 टिड्डे के समर्थन में बाड़ सी आ गयी,
विपक्ष के नेताओं ने भारत बंद का एलान कर दिया. कमुनिस्ट पार्टियों ने समानता के अधिकार के तहत 🐜चींटी पर "कर" लगाने और 🐝टिड्डे को अनुदान की मांग की,
एक नया क़ानून लाया गया "पोटागा" (प्रेवेंशन ऑफ़ टेरेरिज़म अगेंस्ट ग्रासहोपर एक्ट). 🐝टिड्डे के लिए आरक्षण की व्यवस्था कर दी गयी. अंत में पोटागा के अंतर्गत🐜 चींटी पर फाइन लगाया गया .....
उसका घर सरकार ने अधिग्रहीत कर टिड्डे को दे दिया .......! 


इस प्रकरण को मीडिया ने पूरा कवर किया 🐝 टिड्डे को इन्साफ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की .
समाजसेवकों ने इसे समाजवाद की स्थापना कहा तो किसी ने न्याय की जीत,कुछ राजनीतिज्ञों ने उक्त शहर का नाम बदल कर 🐝"टिड्डा नगर" कर दिया, रेल मंत्री ने🐝 "टिड्डा रथ" के नाम से नयी रेल चलवा दी.........!
और कुछ नेताओं ने इसे समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की संज्ञा दी. 🐜चींटी भारत छोड़ कर अमेरिका चली गयी ......... !
वहां उसने फिर से मेहनत की ..... और एक कंपनी की स्थापना की .....जिसकी दिन रात तरक्की होने लगी........! तथा अमेरिका के विकास में सहायक सिद्ध हुई 🐜चींटियाँ मेहनत करतीं रहीं 🐝टिड्डे खाते रहे ........! फलस्वरूप धीरे धीरे 🐜चींटियाँ भारत छोड़कर जाने लगीं....... और 🐝टिड्डे झगड़ते रहे ........!
एक दिन खबर आई कि अतिरिक्त आरक्षण की मांग को लेकर सैंकड़ों 🐝🐝🐝टिड्डे मारे गए.................!
ये सब देखकर अमेरिका में बैठी 🐜चींटी ने कहा " इसीलिए शायद भारत आज भी विकासशील देश है"
चिंता का विषय है कि जिस देश में लोगो में"पिछड़ा"बनने की होड़ लगी हो वो "देश" आगे कैसे बढेगा।।

ज़रा सोचिएगा !!! 

सादर आपका
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शहीद को सलाम

sadhana vaid at Sudhinama 

"रूटीन चेकअप डे !"

रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार

एक सवाल

दांतों की झनझनाहट कोई इंटरनेशनल मसला लगने लगा है...

हॉस्टल की लड़कियां !

anamika singh at क्षण

गुलाब सा चेहरा

शारदा अरोरा at गीत-ग़ज़ल

किताबें और फूल - Books and Flowers

हे बुद्धिजीवीयों

देश से कोई भी बड़ा नहीं

महेश कुशवंश at अनुभूतियों का आकाश

#व्यंग्य - महान समाज सुधारक विजया मालया

पुरानी बस्ती at पुरानीबस्ती

मनु स्मृति में क्या है?

Manika Mohini at Vaichariki Sankalan

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत-बहुत आभार शिवम जी आज के बुलेटिन में मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिये ! हृदय से धन्यवाद आपका !

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  2. इसीलिए शायद भारत आज भी विकासशील देश है"
    चिंता का विषय है कि जिस देश में लोगो में"पिछड़ा"बनने की होड़ लगी हो वो "देश" आगे कैसे बढेगा।।
    सवाल दर सवाल ..जवाब वही आरक्षण पर आकर रुक जाता है ..विकसित सोच ही नहीं तो फिर विकसित देश कैसे होगा!
    ......

    चिंतनशील सामयिक कथा प्रस्तुति के साथ सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

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  3. मुझे भी शामिल करने के लिए बधाई , अच्छा बुलेटिन

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  4. बढ़िया लिंक्स , चैतन्य की पोस्ट शामिल की आभार

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  5. badhiya lage links ...bulletin me shamil karne se jyada log padh paate hain..Shukriya.

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  6. बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर वापसी हुई और अब ये निरंतर चलती रहेगी। पुनः वापसी पर ब्लॉग बुलेटिन ने जैसे मुझे जगह दी बहुत ख़ुशी हुई। इसके लिए दिल से आभारी हूँ।

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