प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
ठाकुर रोशन सिंह (अंग्रेजी:Roshan Singh), (जन्म:२२ जनवरी १८९२ - मृत्यु:१९ दिसम्बर १९२७) असहयोग आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुए गोली-काण्ड में सजा काटकर जैसे ही शान्तिपूर्ण जीवन बिताने घर वापस आये कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन में शामिल हो गये। यद्यपि ठाकुर साहब ने काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था फिर भी आपके आकर्षक व रौबीले व्यक्तित्व को देखकर काकोरी काण्ड के सूत्रधार पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व उनके सहकारी अशफाक उल्ला खाँ के साथ १९ दिसम्बर १९२७ को फाँसी दे दी गयी। ये तीनों ही क्रान्तिकारी उत्तर प्रदेश के शहीदगढ़ कहे जाने वाले जनपद शाहजहाँपुर के रहने वाले थे। इनमें ठाकुर साहब आयु के लिहाज से सबसे बडे, अनुभवी, दक्ष व अचूक निशानेबाज थे।
आज अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह जी की १२४ वीं जयंती के अवसर पर ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब उनको शत शत नमन करते हैं |
सादर आपका
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इंसानों से भी ज्यादा रोमांचक है पेंगुइनों की दुनिया!
ranjana bhatia at Science Bloggers' Association of India
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
शिवम तुम्हारे जज्बे को सलाम । सुंदर बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंअमर शहीद को शत-शत नमन!
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक संयोजन के लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...
आभार
जवाब देंहटाएं'राहुल' बनाम 'राहुला' को आज के बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिये आपका आभार शिवम जी ! सभी सूत्र बहुत ही सार्थक एवं सुन्दर हैं ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंअमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह जी की १२४ वीं जयंती के अवसर पर उनको शत शत नमन
जवाब देंहटाएंसार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार
कालीपद प्रसाद जी की धर्मपत्नी श्रीमती प्रभावती देवी जी के आकस्मिक निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबेहद सार्थक! अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह जी के बारे में अवगत कराने के लिए साधुवाद... इस बुलेटिन में अपनी ग़ज़ल देखकर गदगद हूँ!
जवाब देंहटाएंशिवम् जी आभार मुझे शामिल करने हेतू एवं साथ ही महान व्यक्तित्व को स्थान देने हेतू तथा अन्य पोस्ट के लिंक देने के लिए
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