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शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

सूरज भी तुम्हारे हिस्से में है




एक तीली तुम जलाना 
एक तीली मैं 
अँधेरा कट जायेगा 
एक कदम तुम नापना 
एक कदम मैं 
बीहड़ रास्ता छोटा हो जायेगा 
अँधेरे में एक बात याद रखना 
सूरज भी तुम्हारे हिस्से में है 
मेरे हिस्से भी 
कुछ आग तुम बटोरना 
कुछ मैं 
पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा 


5 टिप्‍पणियां:

  1. " कुछ आग तुम बटोरना
    कुछ मैं
    पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा "

    अद्भुत सृजन...
    भावों का सुन्दर संचयन...

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  2. बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति...आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. हर एक को उस के हिस्से का सूरज मिले ... इस दुआ के साथ ... :)

    जवाब देंहटाएं

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