Pages

बुधवार, 23 सितंबर 2015

रामधारी सिंह 'दिनकर' और ब्लॉग बुलेटिन

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।।
रामधारी सिंह 'दिनकर'
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार हैं। राष्ट्रकवि दिनकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म 23 सितम्बर, 1908 ई. में बिहार राज्य के मुँगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में हुआ था। "रेणुका", "हुंकार", "रसवन्ती", "सामधेनी", "कुरुक्षेत्र", "रश्मिरथी", "उर्वशी", "परशुराम की प्रतिज्ञा" आदि इनके काव्य संग्रह है। "अर्द्धनारीश्वर", "वट-पीपल", "उजली आग", "संस्कृति के चार अध्याय" (निबन्ध) , "मिट्टी की ओर", "काव्य की भूमिका", "देश-विदेश" (यात्रा) आदि इनकी गद्य रचनाएँ है। सन् 1959 ई. में भारत सरकार ने इन्हें "पद्मभूषण" की उपाधि से सम्मानित किया तथा सन् 1962 ई. में भागलपुर विश्वविद्यालय ने इन्हें डी. लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया। दिनकर जी को इनके सुप्रसिद्ध काव्य संग्रह "उर्वशी" के लिए सन् 1972 ई. में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दिनकर जी की असामयिक मृत्यु  24 अप्रैल, सन् 1974 ई. में हुई थी। 


आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की 107वीं जयंती पर  पूरा हिंदी ब्लॉगजगत और हमारी ब्लॉग बुलेटिन टीम उनको स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है। सादर।।


अब चलते हैं आज की बुलेटिन  की ओर ….













आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे। तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर  … अभिनन्दन।। 

8 टिप्‍पणियां:

  1. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' जी को नमन । सुंदर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  2. रामधारी सिंह 'दिनकर' जी को नमन...
    उनकी कलम को भी नमन...
    सुंदर लिंक चयन....

    जवाब देंहटाएं
  3. दिनकर जी को सादर नमन। उनकी लिखी एक कविता की चार पँक्तियॉं प्रस्‍तुत कर रहा हूँ। कविता का शीर्षक याद नहीं है पर ये चार पंक्तियां दिमाग में रच-बस गई हैं-
    भारत एक स्‍वप्‍न भू को ऊपर ले जाने वाला
    भारत एक विचार स्‍वर्ग को भू पर लाने वाला।
    भारत एक भाव जिसको पाकर मनुष्‍य जगता है।
    भारत एक जलज जिस पर जल का न दाग लगता है।

    जवाब देंहटाएं
  4. 'दिनकर' जी को सादर श्रद्धा सुमन!
    सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' जी को सादर नमन। सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति। आभार हर्ष |

    जवाब देंहटाएं
  6. दिनकर जी को नमन

    सुंदर संयोजन
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!